बुधवार, 29 जनवरी 2014

नहीं होने देंगे मशीनों को शून्य

 - मोह मद नफीस ने जिला निर्वाचन कार्यालय पहुंचकर कही अपनी बात
 - मध्य विस पर सहमति बनना मुश्किल 
 - नफीस ने हाईकोर्ट में ईव्हीएम में गड़बडि?ों को लेकर दायर रखी है याचिका
 - एफएलसी से हटाई जाएंगी मशीनें
भोपाल। 
हम अपनी आपत्ति पर कायम हैं। मध्य विधानस ाा की मशीनों को शून्य नहीं होंगे देंगे, जब तक हाईकोर्ट का निर्णय नहीं आता। यह विचार बुधवार को मोह मद नफीस ने उपजिला निर्वाचन अधिकारी के सामने उपस्थित होते हुए कही। उन्होंने कहा कि वह जिला निर्वाचन आयोग के बुलावे पर गुरूवार को भी उपस्थित होंगे और अपना पक्ष रखेंगे। अब इस स्थिति से यह तो साफ हो गया है कि गुरूवार को मध्य विधायक सुरेंंद्र नाथ सिंह व याचिकाकर्ता नफीस के बीच सुलह जैसी स्थिति बनना संभव नहीं है और बैठक महज औपचारिता की रह जाएगी। इधर इस स्थिति को देखते हुए जिला निर्वाचन आयोग ने भी लगभग तय कर लिया है कि वह हाईकोर्ट के फैसला आने तक मध्य विधानसभा में उपयोग की गई ईव्हीएम मशीनों में रखे डाटा को शून्य नहीं करेगा और न ही उनकी एफएससी कराएगा।

-आज बिठाया जाएगा आमने सामने 
हाईकोर्ट में लगाई गई याचिका के मद्देनजर जिला निर्वाचन कार्यालय ने विधायक सुरेंद्र नाथ सिंह (म मा) और याचिका कर्ता को गुरूवार को आमने-सामने बिठाने का निर्णय लिया है। दोनों को पुराने बेनजीर कॉलेज में बैठेंगे। इसके बाद जो फैसला सामने आएगा वह इसकी सूचना कोर्ट में देंगे।

-यह लगाई है आपत्ति 
मोह मद नफीस ने हाईकोर्ट में लगाई अपनी याचिका में मध्य विधानस ाा चुनाव में गड़बड़ी करने के आरोप लगाए हैं। इसमें कहा गया कि ईवीएस में गड़बड़ी कर चुनाव प्रभावित किया गया है। इन ईव्हीएम की जांच कराई जाए, ताकि स्थिति स्पष्ट हो सके। इस याचिका के आधार पर कोर्ट ने भी जिला निर्वाचन आयोग भोपाल को नोटिस जारी कर दिया है। इसमें इसमें ईव्हीएम की एफएलसी (फस्ट लेवर चैकिंग) न करने की बात भी कही गई है।

-यह है मामला 
गत वर्ष 24 नवंबर को मु य विधानसभा के मतदान के दौरान बूथ क्रमांक - 93 पर पंजे का बटन दबाने पर कमल की बत्ती जलने की शिकायत कांग्रेस ने चुनाव आयोग से की थी। इसके बाद चुनाव आयोग ने 5 दिसंबर को इस बूथ पर पुर्नमतदान के आदेश दिये थे, जिसमें कांग्रेस को 393 तथा बीजेपी को 13 मत प्राप्त हुये थे। इसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ता मो. नफीस ने चुनावों के दौरान ईव्हीएम में गड़बड़ी की आशंका के मद्देनजर चुनाव निरस्त करने के लिये 22 जनवरी को हाईकोर्ट में याचिका दायर की है, जिसे हाईकोर्ट ने स्वीकृत करते हुये संबंधितों को नोटिस जारी किये हैं। 

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