मंगलवार, 28 जनवरी 2014

वास्तविक व व्यवहारिक हो गाइडलाइन

  - जिला स्तरीय मूल्य वृद्धि विरोध समिति ने की मांग
  - वित्त मंत्री जयंत मलैया व पंजीयक महानिरीक्षक को सौंपा ज्ञापन
भोपाल। 
वर्ष 2014 -15 की कलेक्ट्रेट गाइडलाइन में जमीनों के मूल्य निर्धारण में लोकतांत्रिक तरीका अपनाया जाए। जमीनों की कीमतें वास्तविक और व्यवहारिक रखी जानी चाहिए। इसमें तहसीलदार, आरआई व पटवारियों लारा दी गई रिपोर्ट को ही अंतिम नहीं माना जाए, बल्कि क्षेत्रों में चल रहे बाजार मूल्य का ाी आंकलन किया जाए, ताकि आम आदमी भी जमीनों को खरीद सके और अपने घर का सपना पूरा कर सके। इन मांगों को लेकर जिला स्तरीय मूल्य वृद्धि विरोध समिति के प्रतिनिधिमंडल ने वित्त मंत्री जयंत मलैया, पंजीयक महानिरीक्षक दीपाली रस्तोगी व विधायक व जिला मूल्यांकन समिति सदस्य विश्वास सारंग को ज्ञापन सौंप। समिति ने शुक्रवार को महानिरीक्षक पंजीयक व विधायक को ज्ञापन सौंपे।
 समिति के संयोजक अजय अग्रवाल ने बताया कि गत तीन-चार वर्षो से कलेक्टर गाइडलाइन तैयार करने के लिए बंद कमरों में ही निर्णय ले लिये जाते हैं। जिससे क्षेत्रों में मनमानी दरों का ाार आम आदमी पर लाद दिया जाता है। उन्होंने कहा कि शहर में शासकीय कमर्चारियों की सं या सबसे अधिक है, लेकिन शासकीय मूल्य निर्धारण की नीति के कारण ये मकान लेने में असाहय हैं। महानिरीक्षक पंजीयक व विधायक विश्वास सारंग को सौंपे ज्ञापन में मांग की गई है कि समग्र हितों का ध्यान र ाते हुए ही जमीनों की दरों में बढ़ोत्तरी कलेक्टर गाइड लाइन में की जाए। दोनों ने वास्तविक बाजार मूल्य के अनुरूप गाइडलाइन बनाए जाने का आश्वासन भी दिया।

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