-कलेक्टर ने फटकारा खाद्य विभाग के अधिकारियों को
भोपाल।
खाद्य विभाग के अधिकारी बुधवार से राशन दुकानों का औचक निरीक्षण करेंगे। ऐसा माना जा रहा है कि कलेक्टर की फटकार के बाद इसमें तेजी दिखाई देगी।
अमले ने सोमवार को ही राशन दुकानों की जांच शुरू कर दी थी। मकार संक्राति की छुट्टी होने से मंगलवार को कार्रवाई नहीं हो सकी। जांच के दौरान यह राशन लेने वाले हितग्राहियों से भी बातचीत करेंगे। इस दौरान किसी प्रकार की समस्या मिलती है तो तत्काल प्रकरण बनाया जाएगा।
कलेक्टर के आदेश के बाद सहायक खाद्य आपूर्ति अधिकारी विवेक सक्सेना ने सभी कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारियों को जांच अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। विभाग के एक अधिकारी की मानें तो केरोसीन व गैस सिलेण्डर की कालाबाजारी और पेट्रोल पंप की लगातार आ रही शिकायतें मिल रही हैं। उल्लेखनीय है कि सोमवार को टीएल बैठक में खाद्य विभाग के अधिकारियों को कलेक्टर निशांत वरवड़े ने जमकर फटाकर लगाई थी। इसके बाद यह असर देखा जा रहा है। इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों के साथ ही शहरी क्षेत्रों की राशन दुकानों का औचक निरीक्षण करना होगा। कलेक्टर के आदेश के बाद से ही कालाबाजारियों में भी हड़कंप मचा हुआ है। अब देखना ये है कि ये कार्रवाई कितने दिन चलती है।
भोपाल।
खाद्य विभाग के अधिकारी बुधवार से राशन दुकानों का औचक निरीक्षण करेंगे। ऐसा माना जा रहा है कि कलेक्टर की फटकार के बाद इसमें तेजी दिखाई देगी।
अमले ने सोमवार को ही राशन दुकानों की जांच शुरू कर दी थी। मकार संक्राति की छुट्टी होने से मंगलवार को कार्रवाई नहीं हो सकी। जांच के दौरान यह राशन लेने वाले हितग्राहियों से भी बातचीत करेंगे। इस दौरान किसी प्रकार की समस्या मिलती है तो तत्काल प्रकरण बनाया जाएगा।
कलेक्टर के आदेश के बाद सहायक खाद्य आपूर्ति अधिकारी विवेक सक्सेना ने सभी कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारियों को जांच अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। विभाग के एक अधिकारी की मानें तो केरोसीन व गैस सिलेण्डर की कालाबाजारी और पेट्रोल पंप की लगातार आ रही शिकायतें मिल रही हैं। उल्लेखनीय है कि सोमवार को टीएल बैठक में खाद्य विभाग के अधिकारियों को कलेक्टर निशांत वरवड़े ने जमकर फटाकर लगाई थी। इसके बाद यह असर देखा जा रहा है। इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों के साथ ही शहरी क्षेत्रों की राशन दुकानों का औचक निरीक्षण करना होगा। कलेक्टर के आदेश के बाद से ही कालाबाजारियों में भी हड़कंप मचा हुआ है। अब देखना ये है कि ये कार्रवाई कितने दिन चलती है।
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