बुधवार, 29 जनवरी 2014

आरआई के तबादलों पर मचा हल्ला

-मुख्य सचिव और मुख्य निर्वाचन आयोग से मिला आरआई संघ 
-नप सकते हैं कलेक्टर 
भोपाल। 
जिले के सातों वृत्तों में 19 आरआई का मंगलवार को कलेक्टर निशांत वरवड़े के तबादला किए जाने के बाद बुधवार को हल्ला मच गया। प्रांतीय और जिला आरआई संघ जहां मुख्य सचिव और मुख्य निर्वाचन आयोग के उप जिला निर्वाचन पदाधिकारी से मिला। 
इधर कलेक्टर के निर्णय से जिले के प्रभारी मंत्र गोपाल भार्गव व वरिष्ठ अफसर खफा बताए जा रहे हैं। इसमें यह भी तर्क कि जिन राजस्व निरीक्षकों पर विभागीय जांच प्रचिलित है, उन्हें भी फील्ड पर तैनाती दे दी गई है। वहीं राज्य शासन के स्थानांतरण नियमानुसार कलेक्टर ने इस तबादले से पूर्व प्रभारी मंत्री को अवगत नहीं कराया। आरआई संघ से जुड़े एक सदस्य की मानें तो कलेक्टर केवल अपने आदेश का पालन कराना चाहते हैं। जबकि लोकसभा निर्वाचन के दौरान नए सिरे से किन परेशानियों से दो-चार होना पड़ेगा। इसका खयाल उन्हें नहीं है। कलेक्टर ने सभी वृत्तों के एसडीएम को बुधवार दोहपर ही फोन कर सभी 19 आरआई को रिलीव करने के आदेश दिए। इस पर उन्हें आनफानन में रिलीव किया गया। इस आदेश से जिला प्रशासन के अफसर भी खासे परेशान हैं। सूत्रों की मानें तो मुख्य निर्वाचन आयोग इस मामले में राज्य शासन से जवाब तलब करने का मन बना रहा है। 


-दिन भर यह रही स्थिति 
नाम न देने की शर्त पर कुछ आरआई ने बताया, बुधवार को इस मामले को  लेकर संघ का प्रतिनिधिमंडल मुख्य निर्वाचन आयोग और सीएस से मिला। इसको लेकर बाद में हो-हल्ला मचाया गया। उन्होंने कहा, हमें नवीन स्थान पर जाने से परहेज नहीं, लेकिन लोकसभा निर्वाचन में खासी दिक्कत आएगी। एक आरआई ने कहा, इस संबंध में अब प्रभारी मंत्री के साथ मुख्यमंत्री से भी मुलाकात करें। बताया जाता है तबादला रोकने को लेकर जिला प्रशासन के कुछ अफसरों ने कलेक्टर से चर्चा भी की। उन्होंने साफ कहा केवल आदेश मानने होंगे। 

-आयोग भी खफा 
जिला राजस्व निरीक्षक संघ का एक प्रतिनिधि मंडल बुधवार को मप्र राज्य निर्वाचन आयोग के उप निर्वाचन पदाधिकारी बीएल कांताराव से मिला। प्रतिनिधियों ने श्री कांताराव को बताया, हमें क्षेत्र बदलने में कोई परेशानी नहीं है, लेकिन लोकसभा निर्वाचन के लिए मात्र 2 माह का समय शेष है। यह फील्ड पर निर्वाचन कार्या के लिए बेहद कम है। वहीं इस बार आयोग जिले में युवा मतदाता बढ़ने से मतदाता केंद्र बढ़ा रहा है। ऐसे में राजस्व निरीक्षकों को नए मतदान केंद्र व बूथ लेवल आॅफिसरों की व्यवस्था समझने में दिक्कत आएंगी। प्राप्त जानकारी के अनुसार कलेक्टर के इस निर्णय को लेकर अब आयोग राज्य शासन से जवाब तलब करने का मन बना लिया है। आयोग का कहना है, जिले में स्थानांतरण करने से पूर्व एक सूचना उसे दी जानी चाहिए। ऐसे में यह अविवेकपूर्ण निर्णय है, जब लोकसभा निर्वाचन की तैयारियां अंतिम चरणों में है। 

-अभी रिलीव करो 
कलेक्टर निशांत वरवड़े ने दोपहर में अपने निर्णय पर वरिष्ठ अफसरों और प्रभारी मंत्री गोपाल भार्गव के फोन आने के बाद आपा खो दिया। कलेक्टर ने दोपहर में सभी सर्किलों के एसडीएम को फोन कर स्थानांतरित किए गए आरआईयों को अभी तत्काल रिलीव करने का फरमान सुनाया। इसके बाद सभी एसडीएम ने आन-फान में आरआईयों को रिलीव किया। इसके बाद तहसीलदार संघ की तरफ से अतुल श्रीवास्तव और अन्य तहसीलदार कलेक्टर से मिले और निर्वाचन के दौरान आने वाली परेशानियों के बारे में बताया। बावजूद इसके कलेक्टर अपनी बात पर अड़े रहे। 

-और अटक गया पटवारी के तबादला 
आरआई के तबादलों के बाद मचे बबाल से सचते होते हुए कलेक्टर निशांत वरवड़े पटवारियों के तबादले के आदेश रोक दिए हैं। यह आदेश बुधवार को होने की संभावना थी। उल्लेखनीय है कि इसके पहले तत्कालीन कलेक्टर निकुंज श्रीवास्तव ने भी पटवारियों के तबादले किये थे, लेकिन कुछ पटवारी इस फैसले के खिलाफ कोर्ट चले गये थे, जिसके बाद इन्हें वापस उन्हीं स्थानों पर तैनात कर दिया गया था। यही कारण है कि कलेक्टर इस मामले में जल्दबाजी करने से बच रहे हैं।

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