-तहसीलदारों से मंगाया राजस्व रिकार्ड
भोपाल।
जिले के 15 मंजरे टोला जल्द ही गांवों की शक्ल में नक्शे में दिखाई देंगे। इसका काम एक बार फिर शुरू हो गया है। राजस्व ग्राम बनाने प्राधिकृत अधिकारी ने राजस्व रिकार्ड मंगाना शुरू कर दिया है।
इधर इन्हें सभी शक्तियां प्रदान करने का आदेश भी हो गए हैं। जमीन संबंधित अभिलेख, गांव की सीमाओं का सीमांकन, नक्शा बनाने सहित अन्य रिकार्ड तहसीलदारों से मांगा है। भू-अभिलेख अधीक्षक कलेक्टर निशांत वरवड़े के माध्यम से बैरसिया व हुजूर के तहसीलदारों को एक पत्र लिखा है। जिसमें 10 मूल गांवों का रिकार्ड मंगवाया है। इसमें मंजरे टोले शामिल हैं, जिन्हें राजस्व ग्राम बनाया जाएगा। जानकारी के अनुसार पटवारियों ने भी तहसीदारों के आदेश पर काम करना शुरू कर दिया है।
-अब तक की स्थिति
प्रदेश के 42 जिलों में 100 से अधिक मंजरे-टोले राजस्व ग्राम की शक्ल लेंगे। राजधानी में करीब 15 मजरे-टोले हैं, जिन्हें गांव के नक्शे में लाया जाएगा। जिले में लगभग 50 प्रतिशत काम इस दिशा में पूरा हो चुका है। 10 गांवों सहित कुल 25 गांवों की शीट भी बनकर तैयार है। दूसरी ओर अधिकार अभिलेख निर्माण का काम भी 40 प्रतिशत हो चुका है। अब केवल ग्राम व मजरे-टोले दोनों को अलग गांव का रूप देने में सीमाआएं निर्धारित करने में दिक्कत आ रही है। यह काम मप्र भू-राजस्व संहिता की धारा-108 व अन्य सुसंगत शक्तियों के चलते किया जा रहा है।
-जो काम होगा
10 गांवों का रिकार्ड मिलेगा, इसके बाद सीमांकन।
गांव की सीमाएं मिलाए जाने के बाद मंजरे-टोलों का सीमांकन होगा।
दोनों काम होते ही गांव और मंजरे-टोले की सीमाएं अलग की जाएंगी। यह नक्शे में भी होंगी।
नक्शे अलग बनने के साथ दोनों गांवों के अंतर्गत में आ रही जमीनों के खसरा बदलेंगे।
सभी काम होने पर गांव का नाम भी तय किया जाएगा। नए गांव का रास्ता सरकारी जमीन से बनाया जाएगाा, जिससे विवाद की स्थिति न बने।
यह मिली हैं शक्तियां -
राजस्व विभाग मप्र के प्रमुख सचिव आरके चतुर्वेदी ने गत दिनों एक आदेश जारी किया इसमें उन्होंने मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 24 की उपधारा(1) लारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए संहिता की धारा -68,70,72,107, 108, 109, 110, 114, 118, 119, 120, 124, 125, 129, 130, 131, 233, 234, 235, 236, 237, 242, 243, 244, 245, तथा 246 के अधीन राजस्व अधिकारी की शक्तियां, संहिता की धारा 108(2) के अधीन मूल राजस्व ग्राम एवं उनके नवीन राजस्व ग्राम (मंजरा टोला) के भू-अभिलेख तैयार करने के लिए प्राधिकृत अधिकारी को प्रदस्त की जाती है।
-यह मंजरे-टोले गांव की लेंगे शक्ल
-तहसील बैरसिया -
गांव - मंजरा-टोला
जमूसरखुर्द - लालूखेड़ी
ललोई - ऊंची ललोई
-तहसील हुजूर -
गांव - मंजरा-टोला
तूमड़ा - - राजीव नगर, पाटनिया व अय्यापुर
परवलिया सड़क - शाहपुरा
आदमपुर छावनी - हरिपुरा,अर्जुन नगर व छावनी पठार
पुराछिदवाड़ा - शेखपुर
कान्हासैया - अनंतपुरा व शांतिनगर
अगरिया - छापर
नरोन्हा सांकल - पढरिया सांकल
बालमपुर - देहरी
-वर्जन
मंजरे-टोलों का गांव का रूप देने का काम शुरू हो चुका है। रिकार्ड मिलते ही प्राधिकृत अधिकारी मूल गांवों का सीमांकन करेंगे। दोनों गांवों के नक्शे, खसरे अलग-अलग होंगे।
आरएस बघेल, भू-अभिलेख अधीक्षक, भोपाल
भोपाल।
जिले के 15 मंजरे टोला जल्द ही गांवों की शक्ल में नक्शे में दिखाई देंगे। इसका काम एक बार फिर शुरू हो गया है। राजस्व ग्राम बनाने प्राधिकृत अधिकारी ने राजस्व रिकार्ड मंगाना शुरू कर दिया है।
इधर इन्हें सभी शक्तियां प्रदान करने का आदेश भी हो गए हैं। जमीन संबंधित अभिलेख, गांव की सीमाओं का सीमांकन, नक्शा बनाने सहित अन्य रिकार्ड तहसीलदारों से मांगा है। भू-अभिलेख अधीक्षक कलेक्टर निशांत वरवड़े के माध्यम से बैरसिया व हुजूर के तहसीलदारों को एक पत्र लिखा है। जिसमें 10 मूल गांवों का रिकार्ड मंगवाया है। इसमें मंजरे टोले शामिल हैं, जिन्हें राजस्व ग्राम बनाया जाएगा। जानकारी के अनुसार पटवारियों ने भी तहसीदारों के आदेश पर काम करना शुरू कर दिया है।
-अब तक की स्थिति
प्रदेश के 42 जिलों में 100 से अधिक मंजरे-टोले राजस्व ग्राम की शक्ल लेंगे। राजधानी में करीब 15 मजरे-टोले हैं, जिन्हें गांव के नक्शे में लाया जाएगा। जिले में लगभग 50 प्रतिशत काम इस दिशा में पूरा हो चुका है। 10 गांवों सहित कुल 25 गांवों की शीट भी बनकर तैयार है। दूसरी ओर अधिकार अभिलेख निर्माण का काम भी 40 प्रतिशत हो चुका है। अब केवल ग्राम व मजरे-टोले दोनों को अलग गांव का रूप देने में सीमाआएं निर्धारित करने में दिक्कत आ रही है। यह काम मप्र भू-राजस्व संहिता की धारा-108 व अन्य सुसंगत शक्तियों के चलते किया जा रहा है।
-जो काम होगा
10 गांवों का रिकार्ड मिलेगा, इसके बाद सीमांकन।
गांव की सीमाएं मिलाए जाने के बाद मंजरे-टोलों का सीमांकन होगा।
दोनों काम होते ही गांव और मंजरे-टोले की सीमाएं अलग की जाएंगी। यह नक्शे में भी होंगी।
नक्शे अलग बनने के साथ दोनों गांवों के अंतर्गत में आ रही जमीनों के खसरा बदलेंगे।
सभी काम होने पर गांव का नाम भी तय किया जाएगा। नए गांव का रास्ता सरकारी जमीन से बनाया जाएगाा, जिससे विवाद की स्थिति न बने।
यह मिली हैं शक्तियां -
राजस्व विभाग मप्र के प्रमुख सचिव आरके चतुर्वेदी ने गत दिनों एक आदेश जारी किया इसमें उन्होंने मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 24 की उपधारा(1) लारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए संहिता की धारा -68,70,72,107, 108, 109, 110, 114, 118, 119, 120, 124, 125, 129, 130, 131, 233, 234, 235, 236, 237, 242, 243, 244, 245, तथा 246 के अधीन राजस्व अधिकारी की शक्तियां, संहिता की धारा 108(2) के अधीन मूल राजस्व ग्राम एवं उनके नवीन राजस्व ग्राम (मंजरा टोला) के भू-अभिलेख तैयार करने के लिए प्राधिकृत अधिकारी को प्रदस्त की जाती है।
-यह मंजरे-टोले गांव की लेंगे शक्ल
-तहसील बैरसिया -
गांव - मंजरा-टोला
जमूसरखुर्द - लालूखेड़ी
ललोई - ऊंची ललोई
-तहसील हुजूर -
गांव - मंजरा-टोला
तूमड़ा - - राजीव नगर, पाटनिया व अय्यापुर
परवलिया सड़क - शाहपुरा
आदमपुर छावनी - हरिपुरा,अर्जुन नगर व छावनी पठार
पुराछिदवाड़ा - शेखपुर
कान्हासैया - अनंतपुरा व शांतिनगर
अगरिया - छापर
नरोन्हा सांकल - पढरिया सांकल
बालमपुर - देहरी
-वर्जन
मंजरे-टोलों का गांव का रूप देने का काम शुरू हो चुका है। रिकार्ड मिलते ही प्राधिकृत अधिकारी मूल गांवों का सीमांकन करेंगे। दोनों गांवों के नक्शे, खसरे अलग-अलग होंगे।
आरएस बघेल, भू-अभिलेख अधीक्षक, भोपाल
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