-कमिश्नर ने पुलिस व आरटीओ को बैठक में दिए निर्देश
-डीलरों को कहें, अनरजिस्टर्ड गाड़ी की न करें डिलेवरी
भोपाल।
कमिश्नर एसबी सिंह ने बुधवार को पुलिस और आरटीओ अफसरों को निर्देश दिए कि सड़कों पर बिना नंबर या अनरजिस्टर्ड दौड़ रही गाड़ियों पर तत्काल कार्रवाई करें। वाहन दुर्घटना में इनका रेशो अधिक है।
बीते कुछ माह का रिकार्ड बताता है कि दुर्घटना में सबसे अधिक यहीं गाड़ियां पकड़ी गर्इं हैं। यह चिंता का विषय है। उन्होंने आरटीओ से कहा, शोरूम मालिकों की बैठक बुलाकर हिदायत दें कि वे बिना नंबर की गाड़ी किसी को डिलीवर न करें। ऐसा तब तक करें जब तक आरटीओ से संबंधित वाहन मालिक को नंबर व रजिस्ट्रेशन न मिल जाए। ऐसा नहीं होता है तो डीलर व वाहन मालिक दोनों पर कानूनी कार्यवाही की जाए।
यह बैठक संभागायुक्त कार्यालय में यातायात व्यवस्था सुधारने को लेकर आयोजित की गई थी। श्री सिंह ने बैठक में कहा, पुराने भोपाल में यातायात की व्यवस्था पर ध्यान दें। नादरा बस स्टेण्ड को टर्मिनल के रूप में उपयोग करने की जरूरत है। यातायात व्यवस्था बिना समन्वित प्रयास के सुधरना मुश्किल है। बैठक में उपस्थित डीआईजी डी श्रीनिवास वर्मा ने सिंगारचोली पर रेलवे ओवर ब्रिज बनाने को अत्यंत आवश्यक बताते हुए कहा कि ओवरब्रिज न होने यहां ट्रेफिक जाम की स्थिति बनती है। शहर में करीब 50 स्थानों पर नई पार्किंग की जरूरत है। इस दिशा में काम करने की जरूरत है।
-पुराने भोपाल पर दें ध्यान
श्री सिंह ने कहा कि पुराने शहर में सबसे ज्यादा यातायात सुधार की जरूरत है। रायल मार्केट से रेल्वे स्टेशन तक सड़क को चौड़ा करने की संभावनाएं खोजी जाएंं। नगर निगम इसके लिए वृहद सर्वे करें। बैरसिया रोड को भी चौड़ा करने की जरूरत है।
-पूछा जाए, कहां है पार्किग स्पेस
मोतिया तालाब के किनारे बने अस्पतालों के कारण सड़क किनारे वाहन खड़े होते हैं। इससे यातायात अवरूद्ध होता है। श्री सिंह ने कहा कि इस पर चिकित्सालय संचालकों से यह पूछा जाये कि उन्होंने पार्किंग स्पेस कहां रखा है। इस संबंध में नगर निगम आवश्यक कारर्वाई करें।
-देखें लैण्डयूज - बैठक में बेसमेंट और उसकी अनुमति तथा उपयोग पर भी चर्चा की गई। कमिश्नर श्री सिंह ने कहा कि इसमें अनुमति एवं लैण्ड यूज देखा जाये। अनियमितता की स्थिति में नोटिस जारी किए जायें और यह स्पष्ट हो कि अनुमति में किन बातों का उल्लेख किया गया है। इसके आधार पर कायर्वाही तय हो।
-टर्मिनल के रूप में नादरा का हो उपयोग - कमिश्नर ने कहा कि नादरा को एक बेहतर टर्मिनल के रूप में विकसित किया जाये, न कि उसे बस स्टैण्ड बनाए रखा जाये। बसें स्थाई रूप से नादरा में खड़ी नहीं होना चाहिए, इसे टर्मिनल के रूप में इस्तेमाल करना चाहिए।
-कवायद का दिखने लगा असर
बैठक में पूर्व की बैठकों में लिए गए निणर्यों पर प्रभारी पहल पर भी चर्चा की गई। इस दौरान सामने आया कि इन कवायदों का असर अब दिखने लगा है। पिछली बैठक में कहा गया था कि बसें शहर के अंन्दर न आकर बाहर से ही बायपास का उपयोग करते हुए अपने गंतव्य की ओर जायें। यह स्थिति अब दिखने लगी हैं। आरटीओ ने बताया कि बसों को दी जाने वाली परमिशन पर उनके बस स्टैण्ड और गंतव्य को साफ-साफ स्पष्ट कर दिया गया है। बैठक में बताया गया कि भोपाल से होते हुए अन्य स्थानों की ओर जाने वाले डीजल-पेट्रोल टैंकर और गैस टंकियों से लोड ट्रक भी अब शहर के अन्दर से नहीं गुजरते। केवल वे ही टेंकर शहर में प्रवेश करते हैं जिन्हें शहर में अनलोड किया जाना है। यही नहीं अब बीआरटीएस कॉरीडोर में भी अब अन्य वाहन नहीं घुसते। इससे यात्रा सुगम हुई है।
-डीलरों को कहें, अनरजिस्टर्ड गाड़ी की न करें डिलेवरी
भोपाल।
कमिश्नर एसबी सिंह ने बुधवार को पुलिस और आरटीओ अफसरों को निर्देश दिए कि सड़कों पर बिना नंबर या अनरजिस्टर्ड दौड़ रही गाड़ियों पर तत्काल कार्रवाई करें। वाहन दुर्घटना में इनका रेशो अधिक है।
बीते कुछ माह का रिकार्ड बताता है कि दुर्घटना में सबसे अधिक यहीं गाड़ियां पकड़ी गर्इं हैं। यह चिंता का विषय है। उन्होंने आरटीओ से कहा, शोरूम मालिकों की बैठक बुलाकर हिदायत दें कि वे बिना नंबर की गाड़ी किसी को डिलीवर न करें। ऐसा तब तक करें जब तक आरटीओ से संबंधित वाहन मालिक को नंबर व रजिस्ट्रेशन न मिल जाए। ऐसा नहीं होता है तो डीलर व वाहन मालिक दोनों पर कानूनी कार्यवाही की जाए।
यह बैठक संभागायुक्त कार्यालय में यातायात व्यवस्था सुधारने को लेकर आयोजित की गई थी। श्री सिंह ने बैठक में कहा, पुराने भोपाल में यातायात की व्यवस्था पर ध्यान दें। नादरा बस स्टेण्ड को टर्मिनल के रूप में उपयोग करने की जरूरत है। यातायात व्यवस्था बिना समन्वित प्रयास के सुधरना मुश्किल है। बैठक में उपस्थित डीआईजी डी श्रीनिवास वर्मा ने सिंगारचोली पर रेलवे ओवर ब्रिज बनाने को अत्यंत आवश्यक बताते हुए कहा कि ओवरब्रिज न होने यहां ट्रेफिक जाम की स्थिति बनती है। शहर में करीब 50 स्थानों पर नई पार्किंग की जरूरत है। इस दिशा में काम करने की जरूरत है।
-पुराने भोपाल पर दें ध्यान
श्री सिंह ने कहा कि पुराने शहर में सबसे ज्यादा यातायात सुधार की जरूरत है। रायल मार्केट से रेल्वे स्टेशन तक सड़क को चौड़ा करने की संभावनाएं खोजी जाएंं। नगर निगम इसके लिए वृहद सर्वे करें। बैरसिया रोड को भी चौड़ा करने की जरूरत है।
-पूछा जाए, कहां है पार्किग स्पेस
मोतिया तालाब के किनारे बने अस्पतालों के कारण सड़क किनारे वाहन खड़े होते हैं। इससे यातायात अवरूद्ध होता है। श्री सिंह ने कहा कि इस पर चिकित्सालय संचालकों से यह पूछा जाये कि उन्होंने पार्किंग स्पेस कहां रखा है। इस संबंध में नगर निगम आवश्यक कारर्वाई करें।
-देखें लैण्डयूज - बैठक में बेसमेंट और उसकी अनुमति तथा उपयोग पर भी चर्चा की गई। कमिश्नर श्री सिंह ने कहा कि इसमें अनुमति एवं लैण्ड यूज देखा जाये। अनियमितता की स्थिति में नोटिस जारी किए जायें और यह स्पष्ट हो कि अनुमति में किन बातों का उल्लेख किया गया है। इसके आधार पर कायर्वाही तय हो।
-टर्मिनल के रूप में नादरा का हो उपयोग - कमिश्नर ने कहा कि नादरा को एक बेहतर टर्मिनल के रूप में विकसित किया जाये, न कि उसे बस स्टैण्ड बनाए रखा जाये। बसें स्थाई रूप से नादरा में खड़ी नहीं होना चाहिए, इसे टर्मिनल के रूप में इस्तेमाल करना चाहिए।
-कवायद का दिखने लगा असर
बैठक में पूर्व की बैठकों में लिए गए निणर्यों पर प्रभारी पहल पर भी चर्चा की गई। इस दौरान सामने आया कि इन कवायदों का असर अब दिखने लगा है। पिछली बैठक में कहा गया था कि बसें शहर के अंन्दर न आकर बाहर से ही बायपास का उपयोग करते हुए अपने गंतव्य की ओर जायें। यह स्थिति अब दिखने लगी हैं। आरटीओ ने बताया कि बसों को दी जाने वाली परमिशन पर उनके बस स्टैण्ड और गंतव्य को साफ-साफ स्पष्ट कर दिया गया है। बैठक में बताया गया कि भोपाल से होते हुए अन्य स्थानों की ओर जाने वाले डीजल-पेट्रोल टैंकर और गैस टंकियों से लोड ट्रक भी अब शहर के अन्दर से नहीं गुजरते। केवल वे ही टेंकर शहर में प्रवेश करते हैं जिन्हें शहर में अनलोड किया जाना है। यही नहीं अब बीआरटीएस कॉरीडोर में भी अब अन्य वाहन नहीं घुसते। इससे यात्रा सुगम हुई है।
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