-28 के बाद कभी भी होगी बैठक
भोपाल।
जिले में जमीनों के दामों में 10 फीसदी के इजाफे पर उप जिला मूल्यांकन समिति ने प्रस्तावित 2014-15 के लिए गाइडलाइन पर मोहर लगा जिला मूल्यांकन समिति के पास भेज दी है।
28 जनवरी के बाद कभी भी समिति की बैठक होगी, जिसमें जमीन की दरें अंतिम कर केंद्रीय मूल्याकंन समिति को भेजी जाएगी। मूल्य निर्धारण के लिए जिला मूल्यांकन समिति की बैठक की तारिख नियत नहीं की गई है। इधर मूल्य वृद्धि को लेकर विरोध जारी है। उल्लेखनीय है कि जमीन की गाइडलाइन वर्ष 2014-15 के लिए प्रस्तावित है। बैठक होने के उपरांत जमीनों के भाव अंतिम किए जाएंगे।
-सरकारी प्रोजेक्टों पर राहत
जिले प्रस्तावित गाइडलाइन में अधिकांश स्थानों की जमीनों के दामों में 10 प्रतिशत तक बढ़ोत्तरी की गई है। हालांकि कुछ इलाकों में के भाव स्थिर अथवा कहीं एक से दो प्रतिशत की वृद्धि की गई है। अच्छी बात यह है बीडीएम, हाउसिंग बोर्ड सहित सरकार की अन्य निर्माण एजेंसियों के प्रोजेक्ट वाले इलाकों में दरें अधिकतर 5 प्रतिशत ही बढ़ाई गई हैं। बावड़ियांकलां में जहां 6.05 करोड़ रुपए प्रति हेक्टेयर रखा है। यह बीते साल से 10 प्रतिशत अधिक ज्यादा है। होशंगाबाद रोड, कोलार रोड, रायसेन रोड, बैरसिया रोड, इंदौर रोड पर भी दामों में इजाफा किया गया है।
नए एसडीएम ने लिया निर्णय
सुनील दुबे के बाद एसडीएम हुजूर का प्रभार डिप्टी कलेक्टर माया अवस्थी को दिया गया। उन्होंने क्षेत्र में भ्रमण किया और प्रस्तावित गाइडलाइन को तीन दिन के भीतर ही तैयार कर दिया। उनके साथ अधिनस्थ अधिकारियों व समिति के सदस्यों ने खासा योगदान दिया। उधिनस्थ अधिकारियों ने गुरुवार को ही प्रस्तावित गाइडलाइन तैयार कर उपजिला मूल्यांकन समिति अध्यक्ष श्रीमती अवस्थी को सौंपी। इस पर उन्होंने शुक्रवार को हस्ताक्षर कर जिला मूल्यांकन समिति को भेज दी। सूत्रों के अनुसार श्री दुबे की गाइडलाइन को लेकर कोई रुचि नहीं थी।
-बदलाव हो तो बेहतर
जिला मूल्यांकन समिति अब दरों को अंतिम करेगी। वहीं जानकार कहते हैं, यदि दामों में बदलाव हो तो बेहतर होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि पहले ही जिले में जमीनों के भाव ज्यादा हैं। बाजार भाव कम और गाइडलाइन में दरें अधिक होने से प्रोजेक्टों पर असर पड़ रहा है। बिल्डरों को सस्ते प्रोजेक्ट लाने के लिए सोचना पड़ रहा है। सूत्रों की मानें तो एक अशासकीय सदस्य के तौर पर जिले के प्रभारी मंत्री समिति में विधायक समिति के सदस्य होते हैं। वह विधायक विश्वास सारंग हैं। वह सहमति देंगे तो दाम तय हो जाएंगे, यदि वे चाहें तो दामों में कमी भी की जा सकती है।
-तिथि तय नहीं
शुक्रवार देर शाम जिले के लिए प्रस्तावित गाइडलाइन जिला मूल्यांकन समिति को मिल गई है। अब समिति की पहली बैठक होगी। फिलहाल बैठक की तिथि तय नहीं की गई है।
एनएस तोमर, वरिष्ठ जिला पंजीयक, भोपाल
भोपाल।
जिले में जमीनों के दामों में 10 फीसदी के इजाफे पर उप जिला मूल्यांकन समिति ने प्रस्तावित 2014-15 के लिए गाइडलाइन पर मोहर लगा जिला मूल्यांकन समिति के पास भेज दी है।
28 जनवरी के बाद कभी भी समिति की बैठक होगी, जिसमें जमीन की दरें अंतिम कर केंद्रीय मूल्याकंन समिति को भेजी जाएगी। मूल्य निर्धारण के लिए जिला मूल्यांकन समिति की बैठक की तारिख नियत नहीं की गई है। इधर मूल्य वृद्धि को लेकर विरोध जारी है। उल्लेखनीय है कि जमीन की गाइडलाइन वर्ष 2014-15 के लिए प्रस्तावित है। बैठक होने के उपरांत जमीनों के भाव अंतिम किए जाएंगे।
-सरकारी प्रोजेक्टों पर राहत
जिले प्रस्तावित गाइडलाइन में अधिकांश स्थानों की जमीनों के दामों में 10 प्रतिशत तक बढ़ोत्तरी की गई है। हालांकि कुछ इलाकों में के भाव स्थिर अथवा कहीं एक से दो प्रतिशत की वृद्धि की गई है। अच्छी बात यह है बीडीएम, हाउसिंग बोर्ड सहित सरकार की अन्य निर्माण एजेंसियों के प्रोजेक्ट वाले इलाकों में दरें अधिकतर 5 प्रतिशत ही बढ़ाई गई हैं। बावड़ियांकलां में जहां 6.05 करोड़ रुपए प्रति हेक्टेयर रखा है। यह बीते साल से 10 प्रतिशत अधिक ज्यादा है। होशंगाबाद रोड, कोलार रोड, रायसेन रोड, बैरसिया रोड, इंदौर रोड पर भी दामों में इजाफा किया गया है।
नए एसडीएम ने लिया निर्णय
सुनील दुबे के बाद एसडीएम हुजूर का प्रभार डिप्टी कलेक्टर माया अवस्थी को दिया गया। उन्होंने क्षेत्र में भ्रमण किया और प्रस्तावित गाइडलाइन को तीन दिन के भीतर ही तैयार कर दिया। उनके साथ अधिनस्थ अधिकारियों व समिति के सदस्यों ने खासा योगदान दिया। उधिनस्थ अधिकारियों ने गुरुवार को ही प्रस्तावित गाइडलाइन तैयार कर उपजिला मूल्यांकन समिति अध्यक्ष श्रीमती अवस्थी को सौंपी। इस पर उन्होंने शुक्रवार को हस्ताक्षर कर जिला मूल्यांकन समिति को भेज दी। सूत्रों के अनुसार श्री दुबे की गाइडलाइन को लेकर कोई रुचि नहीं थी।
-बदलाव हो तो बेहतर
जिला मूल्यांकन समिति अब दरों को अंतिम करेगी। वहीं जानकार कहते हैं, यदि दामों में बदलाव हो तो बेहतर होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि पहले ही जिले में जमीनों के भाव ज्यादा हैं। बाजार भाव कम और गाइडलाइन में दरें अधिक होने से प्रोजेक्टों पर असर पड़ रहा है। बिल्डरों को सस्ते प्रोजेक्ट लाने के लिए सोचना पड़ रहा है। सूत्रों की मानें तो एक अशासकीय सदस्य के तौर पर जिले के प्रभारी मंत्री समिति में विधायक समिति के सदस्य होते हैं। वह विधायक विश्वास सारंग हैं। वह सहमति देंगे तो दाम तय हो जाएंगे, यदि वे चाहें तो दामों में कमी भी की जा सकती है।
-तिथि तय नहीं
शुक्रवार देर शाम जिले के लिए प्रस्तावित गाइडलाइन जिला मूल्यांकन समिति को मिल गई है। अब समिति की पहली बैठक होगी। फिलहाल बैठक की तिथि तय नहीं की गई है।
एनएस तोमर, वरिष्ठ जिला पंजीयक, भोपाल
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