गुरुवार, 11 जुलाई 2013

डबरा सुगर मिल जमीन का रिकॉर्ड गायब

-भवन निर्माण एवं प्लॉटिंग को लेकर विधायक इमरती देवी ने उठाया सवाल
भोपाल। 
ग्वालियर जिले में डबरा सुगर मिल की जमीन का रिकॉर्ड सरकार के पास नहीं है। इस वजह ये यह बताना संभव नहीं है कि शासन ने सुगर मिल को जमीन लीज पर दी थी या नहीं। फिलहाल यह मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। यह जानकारी राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा ने विधायक इमरती देवी सुमन के सवाल के लि िात जवाब में दी। सत्ता पक्ष की ओर से सही जवाब नहीं आने पर विपक्ष ने सरकार पर तीखे प्रहार किए। जिसमें अध्यक्ष को कारर्वाई के लिए मंत्री को निर्देशित करना पड़ा।
    विधायक ने पूछा कि डबरा सुगर मिल कई एकड़ जमीन पर माफियाओं द्वारा प्लाटिंग की जा रही है और मकान निर्माण कराए जा रहे हैं। जबकि यह जमीन शासन ने सुगर मिल को खेती के लिए लीज पर दी थी। प्रशासन द्वारा अतिक्रमण रोकने के लिए क्या कारर्वाई की जा रही है। मंत्री ने कहा कि डबरा मिल की जमीन से संबंधित वर्ष 1940 का विभाग के पास कोई रिकॉर्ड नहीं है, जिसके आधार पर यह बताया जा सके कि जमीन लीज पर दी गई थी या नहीं। मंत्री ने कहा कि फिलहाल जमीन का मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है, जिस वजह से कोई कारर्वाई नहीं की जा सकती है। मंत्री के जवाब से असंतुष्ठ होकर नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की आड़ में प्रभावशाली लोग जमीन पर प्लाट काट रहे हैं। सिंह ने सदन में कहा कि कुछ प्रभावशाली लोग सदन में भी बैठे हैं। चिकित्सा शिक्षा मंत्री अनूप मिश्रा ने नेता प्रतिपक्ष के कथन का विरोध जताया। वहीं संसदीय कायर्मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि सदन में कौन प्रभावशाली लोग बैठे हैं उनका नाम सामने आना चाहिए। 


शोर शराबे के बीच नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि डबरा मिल की जमीन की जांच के लिए विधायकों की एक समिति बना देना चाहिए। लेकिन अध्यक्ष ने नेता प्रतिपक्ष की मांग को यह कहकर खारिज कर दिया कि चुनाव का समय आ गया है,   अब विधायक समय नहीं दे पाएंगे। मामला विगड़ता देख अध्यक्ष को हस्तक्षेप करना पड़ा। अध्यक्ष ने विधायक का पक्ष लेते हुए शासन का निर्देश दिए कि जमीन लीज पर किन शर्तों पर दी गई। क्या उन शर्तों का पालन किया जा रहा है या नहीं। यदि शर्तांे का उल्लंघन हो रहा है तो उसे रोका जाए। साथ ही विधायक की मांग पर अध्यक्ष ने यह भी निर्देश दिए कि मिल प्रबंधन पर किसानों की जो भी बकाया राशि है, उसे भुगतान कराने की दिशा में शासन पहल करे। 


एक महीने में निपटेगा मर्जर एग्रीमेंट का मामला
राजधानी भोपाल में मर्जर एग्रीमेंट संंबंधी मामले की जांच कराकर एक महीने में निपटा लिया जाएगा। विधायक जितेन्द्र डागा के सवाल के जवाब में राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा ने सदन में यह जानकारी दी। 
    वहीं मर्जर एग्रीमेंट के मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि सरकार बैरागढ़ के लोगों को मर्जर एग्रीमेंट के नाम पर परेशान कर रही है। विधायक आरिफ अकील में सरकार की नीयत पर सवाल उठाते हुए कहा कि मर्जर एग्रीमेंट है कहां, इसके नाम पर तो भोपाल में लूट मची है। जिस पर नगरीय प्रशासन मंत्री बाबूलाल गौर ने कहा कि ये भारत सरकार का कानूनी मुद्दा है। सवालों के जवाब में राजस्व मंत्री ने कहा कि 12 जुलाई को बैठक के बाद मर्जर एग्रीमेंट को लेकर विधायक द्वारा लिखे गए पत्र का जवाब दिया जाएगा। जांच में जो ाी दोषी होगा कारर्वाई की जाएगी। 

अलग से बॉक्स 

सदन में राजस्व मंत्री की साफगोही
प्रश्नकाल के दौरान राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा ने सदन में खड़े होकर अपनी गलती को स्वीकार किया। विधायक गोविंद सिंह ने पूछा कि विधानसभा के बजट सत्र में मंत्री ने भिण्ड जिले के लहार में अतिक्रमण हटाकर दोषियों पर जुर्माना लगाकर जेल भेजने की कार्रर्वा करने को कहा था, लेकिन अभी तक अतिक्रमण नहीं हटा है। जिस पर मंत्री ने कहा कि यह मेरी गलती है, उन्होंने जो कहा उसमें संशोधन किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि अतिक्रमण वाली जमीन नगर पंचायत क्षेत्र में आती है। इस वजह से पहले कारर्वाई करने का अधिकार नगर पंचायत को है। मंत्री ने कहा कि राजस्व विभाग की जमीन से अतिक्रमण हटा दिया जाएगा। 
    वहीं विधायक नमर्दाप्रसाद प्रजापति के सवाल के जवाब में भी करण सिंह वर्मा ने स्वीकार किया कि वे समझ सब रहे हैं, लेकिन कह नहीं पा रहे हैं। विधायक ने भोपाल संभाग की शासकीय जमीन को सार्वजनिक उपयोग के लिए देने में बड़े पैमाने पर हो रही गड़बड़ी का मामला उठाया था। साथ ही विधायक ने आपत्ति उठाई के उन्हें सवाल का जवाब 11 बजे मिला है। जिससे वह सवाल पूछने की तैयारी नहीं कर पाए। मंत्री ने कहा कि भोपाल की आरक्षित जमीन सार्वजनिक उपयोग के लिए दी गई है। किसी भी निजी संस्था को नहीं दी है। यदि कहीं गड़बड़ी हुई है तो अवलोकन करा लिया जाएगा। लेकिन सरकार के प्रयोजन के लिए जमीन तो देनी पड़ेगी। 

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रिटायरमेंट से पहले सरकारी जमीन का नामांतरण
विधायक संजय पाठक ने सदन को बताया कि विजयराघवगढ़ तहसील में एक पटवारी रिटायरमेंट से पहले शासकीय भूमि को भगवान दास के नाम पर कर गया। लेकिन अभी तक इस मामले में किसी आरआई या तहसीलदार के खिलाफ कारर्वाई नहीं हुई है। मंत्री ने कहा कि 15 दिन में जमीन सरकार के नाम हो जाएगी। आरआई तहसीलदार को नोटिस दिया गया है। 

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