नेता प्रतिपक्ष के आरोप के बाद सदन में हंगामा, एक माह में जांच की घोषणा
राजनीतिक संवाददाता, भोपाल
ग्वालियर जिले की डबरा शुगर मिल की जमीन पर प्लाट काटकर कालोनी बनाने को लेकर बुधवार को विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने आरोप लगाया कि विधानसभा में बैठे कुछ प्रभावशाली लोग उस जमीन का कालोनाइजिंग के लिए उपयोग में मदद कर रहे हैं। इस आरोप से सदन में हंगामा शुरू हो गया। उत्तेजित चिकित्सा शिक्षा मंत्री अनूप मिश्रा और संसदीय कायर्मंत्री नरोत्त्म मिश्रा ने खड़े होकर कहा कि नेता प्रतिपक्ष सबूत के साथ आरोप लगाएं। अध्यक्ष ईश्वरदास रोहाणी के हस्तक्षेप के बाद राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा ने पूरे मामले की एक महीने में जांच कराने की घोषणा की।
प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस की इमरती देवी ने कहा कि डबरा में शुगर मिल के लिए दी गई जमीन पर प्लॉट काटकर कॉलोनी का निर्माण किया जा रहा है। जबकि मिल मालिकों को उक्त जमीन पर मकान बनाने की अनुमति नहीं दी गई है। साथ ही मिल मालिक किसानों को उनकी बकाया राशि भी नहीं दे रहे हैं, जो उन्हें दिलाया जाए। इसके जवाब में राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा ने बताया कि वर्ष 1940-42 के बीच श्ुागर मिल को जमीन लीज पर आवंटित की गई थी और वतर्मान में यह मामला सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन है। इस पर विपक्ष के नेता अजय सिंह ने कहा कि ग्वालियर में शुगर मिल प्रबंधन के लोग सर्वोच्च न्यायालय की आड़ में मनमानी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस कार्य में सदन में बैठे कुछ प्रभावशाली लोग उस जमीन का कालोनाइजिंग के लिए उपयोग में मदद कर रहे हैं।
नेता प्रतिपक्ष के इस कथन पर सदन में हंगामे की स्थिति उत्पन्न हो गई तथा स्वास्थ्य मंत्री अनूप मिश्रा और संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा अपने अपने स्थान पर खड़े हो गए । उन्होंने नेता प्रतिपक्ष को सदन में उपस्थित ऐसे लोगों के नाम बताने की चुनौती दी। विधानसभा अध्यक्ष ने यह कहकर स्थिति को शांत कराया कि नेता प्रतिपक्ष ने किसी पक्ष का नाम नहीं लिया है और हो सकता है कि उनका इशारा विपक्षी पंक्ति में बैठे लोगों की ओर हो। अजय सिंह तथा कांग्रेस के ही रामनिवास रावत ने शुगर मिल की जमीन के दुरूपयोग की जांच के लिए सदन की एक समिति के गठन का सुझाव दिया लेकिन अध्यक्ष ने यह कहकर इस सुझाव को खारिज कर दिया कि अब चुनाव के लिए कुछ ही माह शेष बचे हैं और यदि समिति का गठन कर भी दिया जाए तो उसकी जांच रिपोर्ट ही नहीं आ सकेगी। विधानसभा अध्यक्ष ने सरकार को निर्देश दिए कि वे इस बात की जांच कराएं कि मिल को जमीन किन शर्तों पर दी गई थी और क्या उन शर्तों का उल्लंघन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि शर्तों का उल्लंघन किया जा रहा है तो सरकार जांच के बाद एक माह में प्रबंधन के खिलाफ कारर्वाई करे। विधायकों की मांग पर उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि यह भी सुनिश्चित किया जाए कि गरीब किसानों को गन्ने का बकाया पैसा मिल जाए।
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