बुधवार, 17 जुलाई 2013

जिला प्रशासन: अपने ही आंगन में अतिक्रमण

-जांच में खुलासा तहसील हुजूर परिसर में बिना इजाजत चल रहीं दुकानें 
भोपाल। 
शहर में अवैध और बेजा कब्जों को नस्ते-नाबूत करने वाले जिला प्रशासन का आंगन ही अतिक्रमण से पटा पड़ा है। तहसीलदार आकाश श्रीवास्तव की जांच रिपोर्ट में इस बात खुलासा हुआ है कि तहसील हुजूर के भवने से सटी दुकानें अवैध हैं। दीवर में कीलें ठोंक पन्नियां और तिरपाल लगा चाय-नास्ते की दुकानें चलाई जा रही हैं। 
जांच के बाद अवैध चल रहीं इन दुकानों के संचालकों को प्रशासन चेतावनी भी दे चुका है। बावजूद इसके संचालकों ने दुकानें नहीं हटार्इं। जनसुनवाई में जिला प्रशासन परिसर में अतिक्रमण और सटोरियों के जमा होने शिकायत आई थी। इस पर 
शहर वृत्त के तहसीलदार तहसीलदार आकाश श्रीवास्तव ने जांच की। जांच में सामने आया कि यहां किसी को भी जगह आंवटित नहीं की गई है। उप-श्रमायुक्त कार्यालय के सामने स्थित तहसील हुजूर भवन की दीवार से सटाकर करीब 100 बाय 25 फीट की जगह पर सालों से कब्जा जमा हुआ है। पूर्व में एक हाथठेला यहां चाय और नाश्ता बेचता था। धीरे-धीरे उसने तहसील भवन के किनारे बेंच लगाई गई और अतिक्रमण बढ़ता गया। बीते सालभर से नाश्ते और पान की दुकान चल रही है। दुकान का आकार अब बढ़ रहा है। अधिकारियों के अनुसार अतिक्रमण होने का कारण कुछ राजस्व कर्मचारियों की मिलीभगत है। वहीं कारर्वाई न होने का कारण भी यही है कि राजस्व कर्मचारी व्यस्तता का बहाना बना टाल मटोल कर रहे हैं। 

दुकान संचालक हिस्ट्रीशीटर 
जनसुनवाई में एसडीएम और तहसीलदार को लिखित शिकायत में बताया था कि बेजा कब्जा कर दुकान चलाने वाला भूरा उर्फ अजय हिस्ट्रीशीटर है। इसके खिलाफ कोहेफिजा थाने में कई आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं। करीब दर्जनभर से ज्यादा आपराधिक मामले शहर के अन्य थानों में भी दर्ज हैं। शिकायत में यह भी बताया था कि आस पास के सटोरिए और असामाजिक तत्वों की आवाजाही भूरा की दुकान पर लगी रहती है। 

-वर्जन 
तहसील हुजूर के भवन के सहारे पन्नियां और तिरपाल लगा अतिक्रमण किया गया है। शिकायत पर की गई जांच में यह अतिक्रमण सामने आया है। इसे तत्काल प्रभाव से हटाने   के निर्देश राजस्व निरीक्षक को दिए हैं। 
आकाश श्रीवास्तव, तहसीलदार 

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