-विधायक ने गिनाई तीन प्राथमिकताएं, सहमति दी सदस्यों ने
-अधिकांश अधिकारी रहे गायब, दो विभागों पर होगी कार्रवाई
भोपाल।
चार माह बाद व नए साल में हुई जिला पंचायत की बैठक में इस बार कई नतीजों पर मुहर लगती दिखाई दी। कलेक्टोरेट कार्यालय में हुई बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई, जिसमें विधायक रामेश्वर शर्मा ने तीन प्राथमिकताएं गिनाई। जिस पर सदस्यों ने भी सहमति दी। हालांकि बैठक में दो विभाग के अधिकारी गायब रहे, जिन पर गाज करना तय किया गया।
बैठक में निर्णय लिया गया कि मंगलगढ़ के पास नदी में मिले सत्तू के ढेर सारे पैकेटों की जांच कराई जाएगी। बैठक में पीएचई के एक अधिकारी बिना किसी जानकारी के पहुंचे थे, उन्हें सीईओ जिला पंचायत ने बाहर का रास्ता दिखा दिया। श्री शर्मा ने बैठक में तीन प्राथमिकता गिनाते हुए कहा, 1. किसी भी गांव की नाली सड़क पर नहीं बहेगी, यहां लोगों को अपने घरों में सोखता गड्डे बनवाना होगा। ऐसा होगा तो ही गंदगी बहाना बंद होगी। 2. जिन घरों में शौचालय के गड्ढे खुदे पड़े हैं या अन्य काम बाकी है। उनका सीईओ जिला पंचायत स्वयं निरीक्षण करें। सुनिश्चित करें कि शौचालय के लिए कोई आवेदन नहीं आए। ऐसा होता है तो जुर्माना किया जाए। 3. खेल मैदान विकसित किए जाएं। प्रत्येक गांव में 7 से 10 एकड़ भूमि आरक्षित की जाए।
-मैदानों पर न हो अतिक्रमण
बैठक में शिक्षा विभाग की समीक्षा के दौरान डीईओ सीएम उपाध्याय ने बगरौदा व पिपलिया जाहिरपीर के स्कूलों के उन्नयन की बात कही। इस पर अन्य सदस्यों ने तूमड़ा व बड़झिरी स्कूलों का मामला उठाया। विधायक श्री शर्मा ने डीईओ को निर्देशित किया कि वह तूमड़ा में संचालित स्कूल के उन्नयन करें। श्री शर्मा ने कहा, जिन खेल मैदान व स्कूल के ग्राउण्ड पर हो रहे अतिक्रमण हो गए हैं, उन्हें तत्काल हटवाएं। साथ सुनिश्चित किया जाए कि यहां अतिक्रमण न हो सके। खेल मैदानों के लिए जगह चिन्हित की जाए। यहीं मांगलिक भवन बनाए जाएं।
-समिति करेगी जांच
बैठक में कांग्रेस सदस्य विष्णु विश्वकर्मा व ठाकुर सुरेंद्र सिंह सोलंकी ने मंगलगढ़ के पास से बह रही नदी में बहा दिए गए सत्तू के पैकेटों का मामला उठाया। उन्होंने इसके फोटो दिखाते हुए कहा, इन पैकेटों की एक्सपायरी डेट निकल चुकी थी, इसके चलते आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने इन्हें नदी में फिकवा दिया। सीईओ जिला पंचायत राकेश श्रीवास्तव ने मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच के लिए अलग से तीन सदस्यीय कमेटी बनाकर जांच कराने की बात कही।
-आखिर ये डॉक्टर काम क्या कर रहे हैं
जिपं सदस्य विष्णु विश्वकर्मा ने जननी सुरक्षा योजना सहित अन्य योजनाओं पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि इनके तहत एड्स नियंत्रण, त बाकू नियंत्रण, दृष्टिहीनता, टीबी, आदि के लिए लक्ष्य तय किए जाते हैं, लेकिन लक्ष्य तक पहुंचा कभी भी नहीं जाता है, जबकि इन कार्यों के लिए डॉक्टरों की बहुत लंबी सूची है। आखिर ये डॉक्टर कर क्या रहे हैं। इसकी जांच कराई जाए, इनकी उपस्थिति रजिस्टर मंगवाया जाए। वहीं अन्य सदस्य ने जननी सुरक्षा वाहन के न पहुंचने पर भी प्रश्र उठाए। यही नहीं बैठक में उप स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ तृतीय श्रेणी व चतुर्थ श्रेणी कमर्चारी लारा भ्रष्टाचार किए जाने का भी मामला उठा। सीईओ श्री श्रीवास्तव ने इस सभी मुद्दों पर जांच कराए जाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया।
-आप बाहर चले जाएं
बैठक में सबसे पहले पीडब्ल्यूडी की सड़कों का मामला उठा। इस दौरान विभाग का कोई अधिकारी मौजूद नहीं था, बाद में एक अधिकारी पहुंचा उसे ाी कुछ जानकारी नहीं थी। इसके बाद खाद्य विभाग व पीएचई का मामला उठा। खाद्य विभाग भी नदारद मिला। पीएचई पर चर्चा की शुरूआत हुई तो उनकी ईई मंजूर सिंह की जगह अन्य अधिकारी पहुंच, जो जानकारी लेकर ही उपस्थित नहीं हुआ था। इस पर सीईओ श्री श्रीवास्तव भड़क उठे। उन्होंने पीएचई के अधिकारियों को तत्काल बाहर चले जाने के निर्देश दिए तथा यह भी कहा कि जो भी जानकारी लेकर नहीं आया है, वह बाहर हो जाए। इसके बाद तो बैठक में उपस्थित-अनुपस्थिति अधिकारियों के मुद्दे ने तूल पकड़ लिया। आधे से अधिक अधिकारियों की अनुपस्थिति के चलते सभी सदस्यों ने एक प्रस्ताव पारित किया कि आगामी बैठक में यदि कोई अधिकारी उपस्थित नहीं आ रहा है तो इसकी जानकारी एक घंटे पहले नहीं बल्कि एक दिन पहले लिखित में देनी होगी। यही नहीं उनकी जगह कौन बैठक में पहुंचेगा, उसके बारे में भी विवरण देना होगा, नहीं तो उनके खिलाफ कायर्वाही होगी। बैठक में खाद्य और पीएचई विभाग के अधिकारियों पर कायर्वाही का प्रस्ताव भी पारित किया गया।
-अधिकांश अधिकारी रहे गायब, दो विभागों पर होगी कार्रवाई
भोपाल।
चार माह बाद व नए साल में हुई जिला पंचायत की बैठक में इस बार कई नतीजों पर मुहर लगती दिखाई दी। कलेक्टोरेट कार्यालय में हुई बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई, जिसमें विधायक रामेश्वर शर्मा ने तीन प्राथमिकताएं गिनाई। जिस पर सदस्यों ने भी सहमति दी। हालांकि बैठक में दो विभाग के अधिकारी गायब रहे, जिन पर गाज करना तय किया गया।
बैठक में निर्णय लिया गया कि मंगलगढ़ के पास नदी में मिले सत्तू के ढेर सारे पैकेटों की जांच कराई जाएगी। बैठक में पीएचई के एक अधिकारी बिना किसी जानकारी के पहुंचे थे, उन्हें सीईओ जिला पंचायत ने बाहर का रास्ता दिखा दिया। श्री शर्मा ने बैठक में तीन प्राथमिकता गिनाते हुए कहा, 1. किसी भी गांव की नाली सड़क पर नहीं बहेगी, यहां लोगों को अपने घरों में सोखता गड्डे बनवाना होगा। ऐसा होगा तो ही गंदगी बहाना बंद होगी। 2. जिन घरों में शौचालय के गड्ढे खुदे पड़े हैं या अन्य काम बाकी है। उनका सीईओ जिला पंचायत स्वयं निरीक्षण करें। सुनिश्चित करें कि शौचालय के लिए कोई आवेदन नहीं आए। ऐसा होता है तो जुर्माना किया जाए। 3. खेल मैदान विकसित किए जाएं। प्रत्येक गांव में 7 से 10 एकड़ भूमि आरक्षित की जाए।
-मैदानों पर न हो अतिक्रमण
बैठक में शिक्षा विभाग की समीक्षा के दौरान डीईओ सीएम उपाध्याय ने बगरौदा व पिपलिया जाहिरपीर के स्कूलों के उन्नयन की बात कही। इस पर अन्य सदस्यों ने तूमड़ा व बड़झिरी स्कूलों का मामला उठाया। विधायक श्री शर्मा ने डीईओ को निर्देशित किया कि वह तूमड़ा में संचालित स्कूल के उन्नयन करें। श्री शर्मा ने कहा, जिन खेल मैदान व स्कूल के ग्राउण्ड पर हो रहे अतिक्रमण हो गए हैं, उन्हें तत्काल हटवाएं। साथ सुनिश्चित किया जाए कि यहां अतिक्रमण न हो सके। खेल मैदानों के लिए जगह चिन्हित की जाए। यहीं मांगलिक भवन बनाए जाएं।
-समिति करेगी जांच
बैठक में कांग्रेस सदस्य विष्णु विश्वकर्मा व ठाकुर सुरेंद्र सिंह सोलंकी ने मंगलगढ़ के पास से बह रही नदी में बहा दिए गए सत्तू के पैकेटों का मामला उठाया। उन्होंने इसके फोटो दिखाते हुए कहा, इन पैकेटों की एक्सपायरी डेट निकल चुकी थी, इसके चलते आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने इन्हें नदी में फिकवा दिया। सीईओ जिला पंचायत राकेश श्रीवास्तव ने मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच के लिए अलग से तीन सदस्यीय कमेटी बनाकर जांच कराने की बात कही।
-आखिर ये डॉक्टर काम क्या कर रहे हैं
जिपं सदस्य विष्णु विश्वकर्मा ने जननी सुरक्षा योजना सहित अन्य योजनाओं पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि इनके तहत एड्स नियंत्रण, त बाकू नियंत्रण, दृष्टिहीनता, टीबी, आदि के लिए लक्ष्य तय किए जाते हैं, लेकिन लक्ष्य तक पहुंचा कभी भी नहीं जाता है, जबकि इन कार्यों के लिए डॉक्टरों की बहुत लंबी सूची है। आखिर ये डॉक्टर कर क्या रहे हैं। इसकी जांच कराई जाए, इनकी उपस्थिति रजिस्टर मंगवाया जाए। वहीं अन्य सदस्य ने जननी सुरक्षा वाहन के न पहुंचने पर भी प्रश्र उठाए। यही नहीं बैठक में उप स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ तृतीय श्रेणी व चतुर्थ श्रेणी कमर्चारी लारा भ्रष्टाचार किए जाने का भी मामला उठा। सीईओ श्री श्रीवास्तव ने इस सभी मुद्दों पर जांच कराए जाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया।
-आप बाहर चले जाएं
बैठक में सबसे पहले पीडब्ल्यूडी की सड़कों का मामला उठा। इस दौरान विभाग का कोई अधिकारी मौजूद नहीं था, बाद में एक अधिकारी पहुंचा उसे ाी कुछ जानकारी नहीं थी। इसके बाद खाद्य विभाग व पीएचई का मामला उठा। खाद्य विभाग भी नदारद मिला। पीएचई पर चर्चा की शुरूआत हुई तो उनकी ईई मंजूर सिंह की जगह अन्य अधिकारी पहुंच, जो जानकारी लेकर ही उपस्थित नहीं हुआ था। इस पर सीईओ श्री श्रीवास्तव भड़क उठे। उन्होंने पीएचई के अधिकारियों को तत्काल बाहर चले जाने के निर्देश दिए तथा यह भी कहा कि जो भी जानकारी लेकर नहीं आया है, वह बाहर हो जाए। इसके बाद तो बैठक में उपस्थित-अनुपस्थिति अधिकारियों के मुद्दे ने तूल पकड़ लिया। आधे से अधिक अधिकारियों की अनुपस्थिति के चलते सभी सदस्यों ने एक प्रस्ताव पारित किया कि आगामी बैठक में यदि कोई अधिकारी उपस्थित नहीं आ रहा है तो इसकी जानकारी एक घंटे पहले नहीं बल्कि एक दिन पहले लिखित में देनी होगी। यही नहीं उनकी जगह कौन बैठक में पहुंचेगा, उसके बारे में भी विवरण देना होगा, नहीं तो उनके खिलाफ कायर्वाही होगी। बैठक में खाद्य और पीएचई विभाग के अधिकारियों पर कायर्वाही का प्रस्ताव भी पारित किया गया।
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