मंगलवार, 2 जुलाई 2013

20 करोड़ की जमीन शासकीय घोषित

-गोविंदपुरा सर्किल के माहौली का मामला, जांच में हुआ खुलासा पीएचई की है भूमि 
-किसान पर दर्ज होगा आपराधिक प्रकरण दर्ज
भोपाल। 
गोविंदपुरा सर्किल के अंतर्गत आने वाले ग्राम माहौली की 1.30 एकड़, 20 करोड़ की भूमि शासकीय घोषित की है। इस संबंध में तहसीलदार मुकुल गुप्ता ने एसडीएम गोविंदपुरा कोर्ट में धारा-113 के तहत आए प्रकरण की एक रिपोर्ट सौंपी है। 
इस जमीन को जलमल प्रवाह योजना के तहत लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के लिए अधिगृहीत की गई थी। इस जमीन का मुआवजा भी किसानों को बांट दिया गया था। बावजूद इसके किसान जमीन पर कब्जा करने में जुटे थे। रिपोट में खुलासा हुआ कि कृषक पूप्प दुलीचंद व कैलाश पिता स्वर्गीय तुलसीराम ने फर्जी शपथ पत्र के आधार पर ग्राम माहौली की 1.30 एकड़ भूमि पर फिर से कब्जा कर हड़पने की तैयारी की थी। इतना नहीं पीएचई विभाग व राजधानी परियोजना के अधिकारियों ने भी इसमें उनकी मदद की। बिना जांच के ही इन विभागों ने उक्त भूमि पर अनापत्ति प्रमाण-पत्र जारी कर दिया। रिपोर्ट में कृषक पर आपराधिक प्रकरण व विभागीय अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कायर्वाही को कहा है। यह जमीन अयोध्या बाइपास रोड पर बने सागर इंजीनियरिंग कालेज से लगी हुई है। 

-यह है प्रकरण 
गोविंदपुरा एसडीएम की कोर्ट में माहौली के पप्पू दुलीचंद व कैलाश पिता स्व. तुलसीराम ने धारा-113 के तहत आवेदन दिया था। इसमें उन्होंने ग्राम की खसरा क्र-209 रकबा 5.16 एकड़ भूमि को पिता तुलसीराम के नाम होना बताया। आवेदन में बताया था कि 16/10/1990 को मप्र शासन ने पीएचई के लिए इसका भूमि का भू-अर्जन किया। इसमें खसरा क्र- 209 रकबा 5.16 एकड़ भूमि में से 3.86 भूमि का अधिगृहण कर लिया गया। जिस भूमि को अधिगृहित किया गया उसका मुआवजा तो मिल गया, लेकिन शासन ने 3.86 एकड़ जमीन अपने रिकार्ड में दर्ज करने के बजाय 5.16 एकड़ भूमि दर्ज कर ली। इसलिए इस त्रुटी को संशोधित कर 1.30 एकड़ भूमि को हमारे नाम से दर्ज करें। कोर्ट ने इसमें जांच के आदेश दिए। तहसीलदार ने जांच की तो इसमें सामने आया कि खसरा क्र- 209 की संपूर्ण भूमि 5.16 एकड़ का ही अधिगृहण किया गया है। इसका मुआवजा 1,22,942 रुपए कृषक तुलसीराम पिता भागचंद को दे दिया, लेकिन जांच अधिकारी ने भू-अर्जन के दौरान त्रुटीवश 3.86 एकड़ भूमि का अवार्ड में उल्लेख किया। इसकी का फायदा कृषक ने भू-माफियाओं व विभागीय कमर्चारियों के साथ मिलकर लिया। दस जमीन पर विभाग की फेंसिंग को तोड़कर शेष 1.30 एकड़ जमीन पर कब्जा भी जमा लिया। इसके बाद रिकार्ड को खुर्द-बुर्द करते हुए भूमि रिकार्ड अपने नाम दर्ज कराने का आवेदन दिया। रिपोर्ट में पीएचई विभाग व राजधानी परियोजना के उपखण्ड क्रमांक-6 के उपयंत्री वीएम कपाढे की भूमि को अत्यंत संदिग्ध बताया है। रिपोर्ट अनुसार उन्होंने बिना जांच के ही  1.30 एकड़ भूमि की अनापत्ति जारी कर दी। इसी का फायदा किसान उठा रहे थे। 

-हो प्रकरण दर्ज 
एसडीएम गोविंदपुरा कोर्ट को सौंपी गई जांच रिपोर्ट में पूरे मामले को फर्जी करार देते हुए तहसीलदार मुकुल गुप्ता ने कोर्ट मांग की है कि कृषक सहित अधिकारियों पर केस दर्ज होना चाहिए। साथ ही इन पर आपराधिक और राजस्व हानि का प्रकरण दर्ज कराते हुए अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कायर्वाही की जानी चाहिए। 

वर्जन 
कोर्ट के आदेशानुसार जांच की गई है, रिपोर्ट में सामने आया कि फर्जी तरीके से ग्राम माहौली की 1.30 एकड़ जमीन पर कब्जा जमाने का प्रयास किया था। इनके खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कराए जाने के लिए कोर्ट को लिखा है। 
मुकुल गुप्ता, तहसीलदार, गोविंदपुरा 

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