-अलगे सप्ताह दवाना होगा भोपाल से दल
-चुनावी तैयारियां हुर्इं तेज
भोपाल।
केंद्रीय चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव संबंधी मैदानी तैयारियां तेज कर दी हैं। मई माह से जिले में वोटिंग मशीनों की तकनीकी स्तर पर चल रही जांच पूरी हो गई है। जांच में 203 मशीनों कमियां सामने आर्इं। इन्हें अब सुधारने हैदराबाद भेजा रहा है, जिसे लेकर भोपाल से एक दल आगामी सप्ताह में रवाना होगा।
जांच में 91 बैलेट यूनिट (बीयू) 112 कंट्रोल यूनिट (सीयू) मशीनें शामिल हैं। यह राजधानी के मतदान केंद्रों में रखी जाने वालीं मशीनें हैं। दूसरी ओर सात विधानसभा सीटों के लिए बीयू और सीयू मंगवाने का का काम चल रहा है। हैदराबाद जाने वाला दल मशीनों को सुधरवाकर 16 जुलाई से पहले लौटेगा। जानकारी के अनुसार इसके बाद भी जिले में इनकी टेस्टिंग होगी।
-1649 मशीनें जांची
मई माह में हैदराबाद की ईसीआईएल कंपनी (एटामिक एनर्जी डिपार्टमेंट का उपक्रम) का छह सदस्यीय दल राजधानी आया था। दल यहां 1649 ईवीएम मशीनों की जांच करने आया था। इसमें से दल ने बेनजीर कॉलेज में 1258 मशीनों की जांच की। इसमें 824 बैलेट मशीन और 434 कंट्रोल मशीनें शामिल हैं। जांच के बाद 112 कंट्रोल यूनिट व 91 बैलेट यूनिट मशीनें खराब मिलीं। वहीं 1055 मशीनें ठीक हैं। चुनाव नजदीक आते ही मशीनों को दुरस्त करने की चिंता आयोग को सताने लगी है। इसको लेकर उसने जिला निर्वाचन आयोग को कहा, जिसके बाद अब इनके सुधारवाने की प्रोसेस तेज हो गई है। खराब मशीनों में कुछ में पेपर आगे नहीं सरक रहा था। वहीं कुछ का बटन काम नहीं कर रहा था। वहीं 391 मशीनों ऐसी भी हैं, जिनकी जांच नहीं हुई है। कारण हाईकोर्ट में इन मशीनों को लेकर चल रहा केस बताया जाता है।
-इसलिए सुधरेंगी जल्द मशीनें
जिला निर्वाचन शाखा की मानें तो 16 जुलाई को विधानसभा चुनाव के मद्देनजर हैदराबाद की ईसीआईएल कंपनी एफएलसी (फर्स्ट लेवल चैकिंग) के लिए भोपाल आ रही है। टीम यहां बैलेट यूनिट व कंट्रोल यूनिटों की जांच कर उन पर सील लगाकर एप्रूव करेगी। इसके बाद इन्हें वोटिंग के लिए ओके कर के रख दिया जाएगा। इसी के चलते जिला निर्वाचन शाखा ने इन मशीनों को तकनीकी रूप से दुरस्त करने इतनी जल्दी दिखाई। हैदराबाद भेजे जा रहे दल का प्रमुख पहले एआरटीओ संजय तिवारी को बनाया गया। वतर्मान में उनका नाम सूची से हटाकर अन्य को भेजा जा रहा है। इधर ईवीएम मशीनों के नोडल अधिकारी एसएलआर राजीव नंदन श्रीवास्तव थे, जो पदोन्नत होकर एसडीएम विदिशा बन गए हैं। गुरुवार को उनका प्रभार भू-अभिलेख अधीक्षक आरएस बघेल को दे दिया। अब मशीनों को सुधरवाने श्री बघेल जाएंगे।
-दूसरी भी मशीनें भोपाल में
जिला निर्वाचन शाखा के अनुसार सात विधानसभा सीटों के अलावा अन्य जिलों की मशीनें भी राजधानी आ रही हैं। इसमें अन्य राज्यों की मशीनें भी शामिल हैं।
अब तक लखनऊ से 300 सीयू व कानपुर से 200 बीयू आ चुकी हैं। साथ ही मेरठ से 2300 बीयू व 1400 सीयू मशीनें आने की तैयारी पर हैं।
-क्या हैं बीयू और सीयू मशीनें
बैलेट यूनिट (बीयू) - इसके जरिए मतदाता का मत पड़ने पर पेपर आगे बढ़ता है। पेपर रोल से पेपर आगे सरकने पर नवीन मत करने के लिए कोरा पेपर सामने आ जाता है।
कंट्रोल यूनिट (सीयू) -वह मशीन जिससे मतदान करने के दौरान बीएलओ को यह पता चलता है कि कितने मतदाताओं ने वोटिंग की है। अथवा कितनों ने नहीं है।
भोपाल। अप्रैल माह में मंगवाए गए बड़े नान ज्यूडिशियल स्टॉ प फिर से खत्म हो गए हैं। हालात यह है कि बड़े स्टॉ पों की भरपाई करने के लिए केवल 5000 व 1000 रुपए के स्टॉ प से काम चलाना पड़ रहा है। यह स्थिति एक दो दिन नहीं बल्कि पिछले एक सप्ताह से चल रही है। यही आलम रहा तो पांच हजार के स्टॉ प भी खत्म हो जाएंगे, जिससे रजिस्ट्रियों पर पूरी तरह ब्रेक लग जाएगा।
मिली जानकारी के अनुसार राजधानी भोपाल के जिला कोषालय में 10 हजार, 15 हजार, 20 हजार व 25 हजार रुपए के नॉन ज्यूडिशियल स्टॉ प पिछले सप्ताह की समाप्त हो गए। वतर्मान में स्टॉ प वेंडरों को उनके चालान की राशि के अनुसार स्टॉ प उपलब्ध कराने के लिए कोषालय के अधिकारियों को पांच हजार व एक हजार के स्टॉ प देने पड़ रहे हैं। कुछ वेंडरों ने छोटे स्टॉ प ही लेने से मना कर दिया है। इधर रजिस्ट्रियों के भी बुरे हाल हैं। लोग छोटे स्टॉ प के चक्कर में रजिस्ट्रियां नहीं करवा रहे हैं। इससे पंजीयन कार्यालय को राजस्व का नुकसान भी झेलना पड़ रहा है।
अगले सप्ताह टीम जाएगी नासिक - विभागीय सूत्र बताते हैं कि स्टॉ प खत्म होने के संंबंध में आईजी पंजीयन को सूचना दे दी गई है। इधर पंजीयक ने ट्रेजरी आफिसर (टीओ)को नासिक जाकर बड़े स्टॉ प लाने के निर्देश भी जारी कर दिए हैं। सूत्रों की माने तो अगले सप्ताह टीओ को नासिक जाने की तैयारी में जुट गए हैं।
फ्रेंगिग मशीन का करें उपयोग -
बड़े स्टॉ पों के टोटे को देखते हुए वरिष्ठ जिला पंजीयक एनएस तोमर ने रजिस्ट्रियां करवाने वाले लोगों को फ्रेंगिग मशीन का उपयोग करने की सलाह दी है। उनका कहना है कि जब तक बड़े स्टॉ प नहीं आ जाते तब तक रजिस्ट्री कराने वाले लोग फ्रेंंगिग करवा सकते हैं। यह आसान भी है और इसमें अतिरिक्त खर्च भी नहीं आता है।
इस साल तीसरी बार बनी स्थिति - बड़े स्टॉ प खत्म होने की स्थिति वर्ष 2013 में तीसरी बार बनी है। पहलीे स्थिति फरवरी में बनी थी। इसके बाद मार्च के प्रथम सप्ताह में बड़े सहित छोटे स्टॉ प इंदौर से मंगवाए गए थे। अप्रैल में फिर स्टॉ प खत्म हो गए, जो अप्रैल अंत तक मंगवाए गए। इसके बाद जुलाई माह में फिर से स्टॉ प खत्म हुए हैं।
यह है स्थिति -
स्टॉ प - उपलब्ध सं या
50 रुपए - 29500
100 रुपए - 29900
500 रुपए - 31000
1000 रुपए - 20000
5000 रुपए - 46500
10 हजार रुपए - निल
15 हजार रुपए - निल
20 हजार रुपए - निल
25 हजार रुपए - निल
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