हुजूर तहसील में ज्यादा नुकसान की आशंका
भोपाल।
बीते माह से सक्रिय मनसून ने अब फसलें खराब करनी शुरू कर दी हैं। जून के तीसरे व चौथे सप्ताह में हुई झमाझम के बाद अब जुलाई में भी लगातार बारिश से नई पौध ने मिट्टी छोड़ना शुरू कर दिया है। खेतों में पानी भरने के कारण पौध गल रही है।
कृषि वैज्ञानिकों ने इसको लेकर बीते दिनों ने भी कई टिप्स जारी करते हुए खेतों से पानी निकालने की सलाह दी थी। जिले में अब तक चार गुना अधिक बारिश हो चुकी है। इसी वजह से फसलें दम तोड़ रहीं हैं। जिन किसानों ने जून के दूसरे व तीसरे सप्ताह में पहली बारिश के बाद बोवनी की थी, उनकी तो फसलें पूरी तरह खराब होने वाली हैं। बड़े तालाब के किनारे लगे अधिकांश खेतों में इस समय पानी भर चुका है, इससे अंकुरित बीज गल गए हैं। इन खेतों में पानी की निकासी की भी व्यवस्था नहीं है। अब मजबूरन किसानों को दोबारा बोवनी करनी पड़ेगी। जहां पानी उतरा है तो वहां खरपत वार ने कब्जा जमाना शुरू कर दिया है।
अब तक जिले में 379.89 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है, जबकि पिछल्ले साल इस समय तक केवल 80.38 मिली मीटर ही बारिश हुई थी। बीते साल बारिश फसल अनुपात में ठीक थी। यही नहीं फसलों की जरूर पर ही वर्षा होने से किसानों के चेहरे खिले। इस बार पानी ने फसलों पर तांडव दिखाना शुरू कर दिया है।
4 जुलाई तक यह रही स्थिति -
केंद्र - वर्तमान बारिश - पिछल्ले साल की बारिश
बैरागढ़ - 538.00 मिलीमीटर - 127.01 मिलीमीटर
भोपाल - 379.09 मिलीमीटर - 80.08 मिलीमीटर
बैरसिया - 221.01 मिलीमीटर - 34.05 मिलीमीटर
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