गुरुवार, 11 जुलाई 2013

चरैवेति को हर माह 50 हजार का विज्ञापन,भोपाल

हर माह भाजपा की पत्रिका चरैवति को पचास हजार का विज्ञापन जारी किया गया। ेबीते दो सालों में 9 लाख रुपए के विज्ञापन स्वरूप दिए गए। यह जानकारी जनसंपर्क मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने सदन में दी। वे कांग्रेस विधायक बाला बच्चन के प्रश्न का जवाब दे रहे थे। 
प्रश्न में बच्चन ने पूछा था जनसंपर्क अधिकारियों के विरुद्ध ईओडब्ल्यू सहित अन्य जांच एजेंसियों में जांच लंबित हैं। उन पर क्या कार्रवाई की गई? साथ ही उन्होंने उन पर की गई कायर्वाही का विवरण मांगा था। जवाब मिला कि जनसंपर्क विभाग के किसी भी अधिकारी के विरुद्ध जांच लंबित नहीं है। विज्ञापन के संबंध में दिए गए विवरण के मुताबिक चरैवेति को वर्ष 2011 में प्रतिमाह 50 हजार रुपए का विज्ञापन जारी किया गया, जबकि वर्ष 2012 के बाद से एक माह के अंतराल में इस राशि के विज्ञापन जारी किए गए। 

डीमैट में हो रही सेटिंग 
भोपाल। 
निर्दलिय विधायक पारस सकलेचा ने सदन परिसर में पत्रकारों को बताया, निजी मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए आयोजित होने वाली डीमैट में पूरी तरह सेटिंग चल रही है। जो सेटिंग कर लेता है उसके अंक भले ही 50 प्रतिशत ही क्यों न हो भीतर हो जाएगा। 
निजी मेडिकल कॉलेजों में दाखिले का यह खेल प्रायोजित तरीके से चल रहा है। श्री सकलेचा ने कहा, बीते पांच सालों में 30313 छात्रों ने डीमैट की परीक्षा दी। इसमें 10917 छात्रों को मेडिकल कॉलेजों में दाखिला मिला। ताज्जुब की बात यह है कि इनमें वे छात्र शामिल हैं, जिन्होंने बारहवीं कक्षा में 50 से 60 फीसदी से ज्यादा अंक नहीं हैं। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि मेडिकल में दाखिला लेने वाले छात्र कितने मेधावी हैं। सकलेचा ने कहा कि यदि समय रहते मेडिकल कॉलेजों में दाखिले की प्रक्रिया को दुरस्त नहीं किया गया तो इसके परिणाम बेहद खतरनाक होंगे। 

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