प्रदेश में शुरू होगा सिटीजन कॉप
-पुलिस मुख्यालय ने तैयार किया सॉफ्टवेयर,
-फेसबुक की तर्ज पर लोग दे सकेंगे घटना की जानकारी
-इंदौर से होगा संचालन
भोपाल।
आपके घर, गली, चौराहे या क्षेत्र में कोई घटना-दुर्घटना हो गई है तो पुलिस को फोन करने की जरूरत नहीं है। अब आप सिटीजन कॉप पर इसकी जानकारी लोड कर सकते हैं। इसे मप्र पुलिस मुख्यालय ने सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक की तर्ज पर तैयार किया है। इसी माह इसे सार्वजनिक किया जाएगा।
वर्तमान में इसका परीक्षण चल रहा है, जिसमें इसके गुण और दोष दोनों की तुलना भी की जा रही है। हालांकि मप्र पुलिस की इस साइट का लगभग 95 फीसदी काम पूरा हो चुका है। शेष काम करीब 10 दिनों के भीतर पूरा होने की उम्मीद है। इसके बाद इसे प्रदेश के लोगों के लिए सार्वजनिक कर दिया जाएगा। मुख्यालय ने इसे नेट यूजर्स और प्रदेश में बढ़ते मल्टीमीडिया उपभोक्ताओं को ध्यान में रखते हुए तैयार किया है। आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में 60 फीसदी युवा हैं, वहीं 40 से 42 प्रतिशत युवा मल्टीमीडिया सेट का उपयोग कर रहे हैं।
-ऐसे दें सूचना
मप्र पुलिस की साइट पर ही इसका लिंक दिया जा रहा है। साथ ही सर्च इंजन पर अलग से इसे खोजा जा सकता है। इस पर जाने के बाद ठीक फेसबुक की तरह घटना-दुर्घटना की फोटो यहां लोड कर सकते हैं। फोटो लोड करने के साथ इस पर उक्त घटना के स्थान का जिक्र करना होगा। साथ ही मोबाइल या फोन नम्बर भी देना होगा। हालांकि इसका उपयोग पुलिस तब ही करेगी, जब उन्हें आपके द्वारा दिया पता नहीं मिलेगा। सूचनादाता का नाम नम्बर, मेल आईडी सहित अन्य जानकारी पूरी तरह गुप्त रखी जाएगी। जानकारी के अनुसार त्वरित जानकारी अपडेट करने वाले ऐसे लोगों को पुरस्कृत भी किए जाने की योजना है, जिनके प्रयास से बड़ी घटना घटने से पहले कंट्रोल किया गया हो। इसका फायदा उन लोगों को मिलेगा जिनकी शिकायत होती है कि कंट्रोल रूप का फोन व्यस्त रहता है।
-इंदौर बनाया आपरेटिंग कार्यालय
सिटीजन कॉप का प्रथम चरण में संचालन भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर में किया जा रहा है। यहां मिलने वाले प्रतिसाद के बाद ही इसे अन्य जिलों में भी संचालित किया जाएगा। भोपाल में साइबर सेल इसे देखेगी। भोपाल में प्रशासिनक व्यस्तताएं होने के कारण इसका मुख्य आपरेटिंग कार्यालय इंदौर बनाया गया है। इंदौर में ही इसका सर्वर रूम तैयार किया किया गया है। जहां इसके लिए एक टीम का गठन किया गया है। फिलहाल भोपाल में इसको तकनीकी रूप से परखा जा रहा है।
इंदौर में इसे शुरू कर दिया गया है। भोपाल में इसे शुरू किए जाने तैयारियां चल रही हैं। जल्द ही यह काम करने लगेगा। इसका सीधा फायदा उन लोगों को होगा, जो तकनीका का अधिक उपयोग कर रहे हैं।
अंशुमान सिंह, एसपी, दक्षिण भोपाल
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