मंगलवार, 9 जुलाई 2013

मेरी सास घर नहीं आई

-कलेक्टर कार्यालय स्थित कंट्रोल रूम जानकारी लेने पहुंचा नीमच से दामाद 
-सुरक्षित देहरादून पहुंचने की मिली थी सूचना 
भोपाल। 
कलेक्टर कार्यालय स्थित कंट्रोल रूम में सोमवार को सा मंगला प्रजापति की सलामती पूछने नीमच से दामाद कैलाश पहुंचा। कंट्रोल रूम में उसने बताया 22 जून को उनके सही सलामत गोचर से देहरादून लाए जाने की सूचना मिली थी। लेकिन वह अब तक घर नहीं पहुंची हैं। 
कैलाश प्रजापति नीमच के चौधरी मोहल्ले से भोपाल आए थे। कैलाश ने पूछा उत्तराखंड में आई बाढ़ के बाद मेरी सास मंगला को बचा लिया गया था। इसकी सूचना भी हमें मिल गई थी। फिर वह अब तक घर क्यों नहीं पहुंची? 22 जून को उन्हें गोचर से देहरादून लाया गया था। इसके बाद से उनका कोई पता नहीं है। विमान से यात्रियों को भोपाल लाया गया है, इसमें मेरी सास भी भोपाल आई हो तो जानकारी दीजिए। हालांकि खासी पूछताछ करने के बाद भी कंट्रोल रूम से कैलाश को कोई सफल नहीं मिल सकी। न ही कंट्रोल रूम से सही जानकारी मिली। इधर कंट्रोल रूम अधिकारियों ने मंगला प्रजापति के जानकारी जुटाने उसे उत्तराखंड भेजने की तैयारी कर ली है। हालांकि इस बारे में अधिकृत तौर किसी ने भी नहीं कहा है। 

-वहां भी नहीं है 
कैलाश प्रजापति ने कंट्रोल रूम के अधिकारियों को बताया, मैंने देहरादून जाकर शिकायत दर्ज कराई है। वहां जांच में पता चला है कि उन्हें 22 जून को गोचर से सुरक्षित निकाल लिया गया था। इसके बाद उन्हें जॉली ग्रांड अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस अस्पताल में जब ढूंढा तो पता चला कि उन्हें भर्ती ही नहीं किया गया है। ेवहीं सुरक्षित निकाले गए लोगों की सूची में उनका नाम शामिल है। यह सूची कैलाश ने यह कंट्रोल रूम के   अधिकारियों को बताई। 


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