गुरुवार, 11 जुलाई 2013

वक्त बढ़ाने को लेकर हंगामा, बहिर्गमन

-विपक्ष ने लगाया आरोप सरकार नहीं चलने देना चाहती सदन 
भोपाल। 
विधानसभा में धर्म-स्वतंत्र्य (संशोधन) विधेयक-2013 पर चर्चा के दौरान जैसे ही अध्यक्ष ईश्वरदास रोहाणी ने कहा, विधेयक अधिक है मैं समझता हूं सदन के माननीय वक्त बढ़ाए जाने को लेकर सहमत हैं। इस पर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया और बहिर्गमन कर दिया। 
सदन में बुधवार को 13 विधेयकों के पारित होने पर चर्चा चल रही थी। हंगामें के दौरान धर्म-स्वतंत्र्य   विधेयक पर चर्चा चल रही थी। विपक्षी दल के विधायक आरिफ अकील इस विधेयक पर बहस कर रहे थे। इसी बीच अध्यक्ष ने संसदीय कार्रवाई का समय बढ़ाने को लेकर सबकी सहमती मांगते हुए कहा, मैं समझता हूं सदस्य वक्त बढ़ाए जाने से सहमत हैं। इस पर कांग्रेस सदस्य आरिफ अकील, एनपी प्रजापति, यशवर्धन सहित अन्य खड़े हो गए। उन्होंने एक स्वर में कहा, हम सहमत नहीं है। लेकिन अध्यक्ष ने पक्ष की हां स्वीकारते हुए विधेयकों के पारित होने तक वक्त बढ़ाने की घोषणा की। इस पर कांग्रेसी सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन कर दिया। 
पत्रकार वार्ता कक्ष में कांग्रेसी सदस्यों ने एक साथ पहुंच सदन के भीतर चले घटनाक्रम का जिक्र किया। एनपी प्रजापति ने पत्रकारों को बताया, जब अधिसूचना में राज्यपाल ने 19 जुलाई तक सदन चालाने की अनुमति प्रदान की है तो इतनी जल्दी क्या है। एक दिन में ही 13 विधेयक पर बहस संभव ही नहीं है। घंटों के हिसाब से भी जोड़े, तो सुबह 10.30 से शाम 5 बजे तक दो दिन में 13 विधेयक पर बहस संभव नहीं। जनता ने हमें भी चुना है। हमें भी अधिकार है जनता की बात रखने का। सरकार की मंशा ही नहीं है कि सदन 19 जुलाई तक चले। इसीलिए इतनी जल्दबाजी की जा रही है। श्री प्रजापति ने कहा, सरकार सदेव आरोप लगाती है विपक्ष सदन नहीं चलने देना चाहती, लेकिन अब सरकार ही बहस से बच रही है। उन्होंने कहा, अधिसूचना में स्पष्ट लिखा होता है संपूर्ण सदन की सहमति से सदन की कार्रवाई बढ़ाई जा सकती है। जब हमारी सहमति ही नहीं है तो क्यों? किस बात की जल्द बाजी? कल कराएं चर्चा। प्रजापति बोले, सरकार अविश्वास प्रस्ताव पर जवाब नहीं देना चाहती। वह बौखला गई है। 
इसके बाद कांग्रेसी सदस्यों ने सदन में प्रवेश ही नहीं किया। आलम यह हुआ कि कुछ मिनटों बाद अध्यक्ष ने सदन की कार्रवाई गुरुवार सुबह 10.30 तक के लिए स्थिगति कर दी। 
-आरिफ तेश में 
धर्म-स्वतंत्र्य (संशोधन) विधेयक-2013 पर बोलते हुए आरिफ अकील ने कहा, भारत में सभी को अपने धर्म के हिसाब से जीने और जीवन यापन करने का अधिकार है। धर्म परिवर्तित करने पर सजा और जुर्माने का प्रावधान गलत है। उन्होंने सदन में कहा, ऐसा ही है तो हथियार लेकर होने वाले संघ के पथसंचालन पर रोक लगाएं। संघ जैसा आदेश दे रही है वैसा किया जा रहा है। इस पर कैलाश विजयवर्गिय ने आपत्ति ली और बोले अध्यक्ष महोदय, सदस्य को विषय के आसपास रहते हुए और विषय पर ही बोलना चाहिए।

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