सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) गांधीनगर गुजरात में पदस्थ एक महिला देव्यानी परमार ने पुलिस महानिदेशक नंदन दुबे से टेकनपुर ग्वालियर स्थित घर खाली कराने की मांग की है। महिला ने आवेदन में कहा है कि वह अपना घर सरकार को दान करने के लिए तैयार है, लेकिन यदि घर खाली नहीं हुआ तो वह मंत्रालय के सामने परिवार के साथ आत्मदाह कर लेगी। पीडि़त ने अपने आवदेन में ग्वालियर कलेक्टर, एसपी पर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक महिला अपराध अरुणा राव ने इस मामले में अधिकारियों को जांच के आदेश दिए हैं। मूल रूप से बड़ोदरा गुजरात की रहने वाली देव्यानी परमार ने बताया कि वर्ष 2000 में उसने टेकनपुर ग्वालियर में मकान बनवाया था। 6 जनवरी 2011 को वीरेन्द्र गुर्जर, प्रदीप गुर्जर ने घर मेंं घुसकर उसके साथ मारपीट की और दुष्कर्म किया। इसके बाद आरीपी ने उसके जबदन घर से निकाल दिया और कब्जा कर लिया। घटना की रिपोर्ट उसने आतरी थाने में दर्ज कराई, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। महिला ने बताया कि उसने अपनी पीड़ा जिले के वरिष्ठ अधिकारियों को भी बताई, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। महिला ने डीजीपी को दिए आवेदन में बताया कि एक आरोपी प्रदीप हत्या के मामले में जेल में है।
गुरुवार, 31 जनवरी 2013
22 एकड़ जमीन अतिक्रमण मुक्त -जिला प्रशासन ने की कार्रवाई
-सरकारी जमीन पर मगर सिंह ने काट दिए गए थे १०० से ज्यादा प्लाट
भोपाल।
जिला प्रशासन ने राजधानी से लगे ग्राम आदमपुर छावनी में २२ एकड़ सरकारी जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया। इस जमीन पर मगर सिंह नामक व्यक्ति ने १०० से अधिक प्लाट काट बेच दिए थे। साथ ही और भी प्लाट काटे जा रहे हैं।
आदमपुर छावनी में सरकारी जमीन पर कब्जा किए जाने की खबर एसडीएम हुजूर राजेश श्रीवास्तव लगी। इस पर उन्होंने चोकीदार और पटवारी से रिपोर्ट मांगी। इस पर कब्जे की बात सही निकली। 22 एकड़ यह भूमि करीब 22 करोड़ रुपए की बताई जा रही है। मगर सिंह 20-20 हजार रुपए में इन प्लाटों को बेच रहा था। बेचे गए प्लाटों में से 10 लोगों ने तो यहां मकान भी तान लिए थे। कुछ ने फाउंडेशन तैयार करवा ली थी। इन्हें जेसीबी से तोड़ा गया है, वहीं मगर सिंह नामक व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर कराने की तैयारी की जा रही है।
भोपाल।
जिला प्रशासन ने राजधानी से लगे ग्राम आदमपुर छावनी में २२ एकड़ सरकारी जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया। इस जमीन पर मगर सिंह नामक व्यक्ति ने १०० से अधिक प्लाट काट बेच दिए थे। साथ ही और भी प्लाट काटे जा रहे हैं।
आदमपुर छावनी में सरकारी जमीन पर कब्जा किए जाने की खबर एसडीएम हुजूर राजेश श्रीवास्तव लगी। इस पर उन्होंने चोकीदार और पटवारी से रिपोर्ट मांगी। इस पर कब्जे की बात सही निकली। 22 एकड़ यह भूमि करीब 22 करोड़ रुपए की बताई जा रही है। मगर सिंह 20-20 हजार रुपए में इन प्लाटों को बेच रहा था। बेचे गए प्लाटों में से 10 लोगों ने तो यहां मकान भी तान लिए थे। कुछ ने फाउंडेशन तैयार करवा ली थी। इन्हें जेसीबी से तोड़ा गया है, वहीं मगर सिंह नामक व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर कराने की तैयारी की जा रही है।
दलित पंच को सरपंच ने घसीट कर मारा -एसडीएम से की पद से हटाने की मांग
-सैकड़ों ग्रामीणों ने पुलिस मुख्यालय तक रैली निकाली
-अजाक थाने में न हुई एफआईआर न सुनवाई
भोपाल। यह घृणित घटनाक्रम है जिले के अंतर्गत आने वाले इस्लाम नगर ग्राम पंचायत का। समस्याओं के निराकरण और योजनाओं पर चर्चा के लिए बुलाई गई ग्राम पंचायत की विशेष बैठक में पूर्व दलित पंच खुशीलाल (हरिजन) को सरपंच रमाकांत मालवीय ने भरी पंचायत में घसीट-घसीट कर मारा। गुस्साए ग्रामीणों ने अजाक थाने में रिपोर्ट दर्ज करानी चाही, लेकिन एफआईआर दर्ज नहीं की गई। ग्रामीणों ने विरोध जताया तो थानेदार ने जांच की तारीख दे पल्ला झाड़ लिया।
आक्रोशित ग्रामीणों ने बुधवार को इस संबंध में एसडीएम राजेश श्रीवास्तव से मुलाकात कर ज्ञापन देते हुए सरपंच को पद से हटाने की कार्रवाई करने की मांग की। इससे पहले सैकड़ों ग्रामीणों ने सोमवार को पुलिस मुख्यालय तक रैली निकाली और सुरक्षा की गुहार लगाई। आक्रोशित ग्रामीणों ने बताया अगर दोषी सरपंच के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तार नहीं किया गया, तो पुलिस मुख्यालय के सामने धरना दिया जाएगा। इस दौरान पीडि़त पूर्व पंच खुशीलाल धानक सहित मौजूदा पंच रमेश कुमार मांझी, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी डॉ. पीएस यादव, मुकेश कुमार, जगदीश अहिरवार, कामता प्रसाद, जगन्नाथ कुशवाह, नाथूराम, कालूराम शेटिया, आदिलराज, पुनिया बाई, काशी बाई, सुमित्रा बाई, मुन्नी बाई मौजूद थे।
रमाकांत ने फैला रखा है आतंक
सरपंच रमाकांत मालवीय का आतंक पूरे गांव में फैला हुआ है। जब ग्रामीण गांव में विकास कार्य न होने शिकायत करते हैं तो उनसे अभद्रता की जाती है। वहीं सरपंच धमकाता भी है। गांव में सड़क का निर्माण नहीं हुआ है। खुदी हुई सड़कों पर फूटी गलियों का गंदा पानी भरा रहता है। सारे काम केवल कागजों पर हो रहे हैं। एतिहासिक धरोहरों पर सरपंच ने अतिक्रमण कर लिया है। वहीं तलाब पर भी मालवीय का कब्जा है। भूमिहीन गांववालों के लिए चरनोई की जमीन के पट्टे दिए जाने के लिए विशेष बैठक बुलाई गई, लेकिन 26 जनवरी को कोरम पूरा नहीं होने से स्थगित कर दी गई। इसके बाद 29 जनवरी को पंचायत भवन परिसर में विशेष बैठक बुलाई गई, जिसमें नियमानुसार कोरम पूरा होने पर प्रस्ताव पारित करके जनपद पंचायत और कलेक्टर को भेजने का तय किया गया। इससे नाराज सरपंच रमाकांत मालवीय ने गालियां देनी शुरु कर दी। इसका पूर्व पंच खुशीलाल धानक ने विरोध किया, जिस पर रमाकांत मालवीय ने जान से मारने की धमकी देते हुए मारते हुए घसीटने लगा। इस पर पंच रमेश मांझी और दूसरे गांववालों ने किसी तरह से खुशीलाल धानक को बचाया।
गोंड राजा किले पर कब्जा
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी डॉ. पीएस यादव के अनुसार पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित घोषित गोंडराजा के किले पर सरपंच रमाकांत मालवीय ने अपने कब्जे में ले रखा है। इसकी लिखित शिकायत कलेक्टर निकुंज कुमार श्रीवास्तव को करने पर तत्काल हटाने के निर्देश एसडीएम को दिए गए थे, फिर भी अतिक्रमण नहीं हटा। पुरातत्व विभाग भी जिला प्रशासन और पुलिस को अतिक्रमण हटाने के बारे में लिख चुका है, लेकिन मिलीभगत के कारण कार्रवाई नहीं हो पाती है।
-अजाक थाने में न हुई एफआईआर न सुनवाई
भोपाल। यह घृणित घटनाक्रम है जिले के अंतर्गत आने वाले इस्लाम नगर ग्राम पंचायत का। समस्याओं के निराकरण और योजनाओं पर चर्चा के लिए बुलाई गई ग्राम पंचायत की विशेष बैठक में पूर्व दलित पंच खुशीलाल (हरिजन) को सरपंच रमाकांत मालवीय ने भरी पंचायत में घसीट-घसीट कर मारा। गुस्साए ग्रामीणों ने अजाक थाने में रिपोर्ट दर्ज करानी चाही, लेकिन एफआईआर दर्ज नहीं की गई। ग्रामीणों ने विरोध जताया तो थानेदार ने जांच की तारीख दे पल्ला झाड़ लिया।
आक्रोशित ग्रामीणों ने बुधवार को इस संबंध में एसडीएम राजेश श्रीवास्तव से मुलाकात कर ज्ञापन देते हुए सरपंच को पद से हटाने की कार्रवाई करने की मांग की। इससे पहले सैकड़ों ग्रामीणों ने सोमवार को पुलिस मुख्यालय तक रैली निकाली और सुरक्षा की गुहार लगाई। आक्रोशित ग्रामीणों ने बताया अगर दोषी सरपंच के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तार नहीं किया गया, तो पुलिस मुख्यालय के सामने धरना दिया जाएगा। इस दौरान पीडि़त पूर्व पंच खुशीलाल धानक सहित मौजूदा पंच रमेश कुमार मांझी, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी डॉ. पीएस यादव, मुकेश कुमार, जगदीश अहिरवार, कामता प्रसाद, जगन्नाथ कुशवाह, नाथूराम, कालूराम शेटिया, आदिलराज, पुनिया बाई, काशी बाई, सुमित्रा बाई, मुन्नी बाई मौजूद थे।
रमाकांत ने फैला रखा है आतंक
सरपंच रमाकांत मालवीय का आतंक पूरे गांव में फैला हुआ है। जब ग्रामीण गांव में विकास कार्य न होने शिकायत करते हैं तो उनसे अभद्रता की जाती है। वहीं सरपंच धमकाता भी है। गांव में सड़क का निर्माण नहीं हुआ है। खुदी हुई सड़कों पर फूटी गलियों का गंदा पानी भरा रहता है। सारे काम केवल कागजों पर हो रहे हैं। एतिहासिक धरोहरों पर सरपंच ने अतिक्रमण कर लिया है। वहीं तलाब पर भी मालवीय का कब्जा है। भूमिहीन गांववालों के लिए चरनोई की जमीन के पट्टे दिए जाने के लिए विशेष बैठक बुलाई गई, लेकिन 26 जनवरी को कोरम पूरा नहीं होने से स्थगित कर दी गई। इसके बाद 29 जनवरी को पंचायत भवन परिसर में विशेष बैठक बुलाई गई, जिसमें नियमानुसार कोरम पूरा होने पर प्रस्ताव पारित करके जनपद पंचायत और कलेक्टर को भेजने का तय किया गया। इससे नाराज सरपंच रमाकांत मालवीय ने गालियां देनी शुरु कर दी। इसका पूर्व पंच खुशीलाल धानक ने विरोध किया, जिस पर रमाकांत मालवीय ने जान से मारने की धमकी देते हुए मारते हुए घसीटने लगा। इस पर पंच रमेश मांझी और दूसरे गांववालों ने किसी तरह से खुशीलाल धानक को बचाया।
गोंड राजा किले पर कब्जा
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी डॉ. पीएस यादव के अनुसार पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित घोषित गोंडराजा के किले पर सरपंच रमाकांत मालवीय ने अपने कब्जे में ले रखा है। इसकी लिखित शिकायत कलेक्टर निकुंज कुमार श्रीवास्तव को करने पर तत्काल हटाने के निर्देश एसडीएम को दिए गए थे, फिर भी अतिक्रमण नहीं हटा। पुरातत्व विभाग भी जिला प्रशासन और पुलिस को अतिक्रमण हटाने के बारे में लिख चुका है, लेकिन मिलीभगत के कारण कार्रवाई नहीं हो पाती है।
उर्जीकरण योजना: पहले चरण में ही गायब हुई उर्जा -रिचार्ज में फेल हुए 16 ट्रांसफार्मर, ठेकेदारों ने लगाए भ्रष्टाचार का आरोप,भोपाल
सरकार जुलाई तक पूरे मप्र को बिजली देने का भले ही संकल्प ले जुट चुकी हो, लेकिन कृषकों के लिए लागू की गई उर्जीकरण योजना प्रथम चरण में ही झटके ले रही है। ग्रामीण क्षेत्र में लगाए २५ केवीए के १६ ट्रांसफार्मर शुरुआती रिचार्ज में फेल हो गए हैं।
ग्रामीण जहां इसके लिए विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों को दोषी मान रहे हैं, वहीं ठेकेदारों ने भी अधिकारियों पर भष्टाचार के आरोप लगाए। उल्लेखनीय है कि ग्रामीण क्षेत्र में किसानों को सिंचाई में परेशानी न हो इसके लिए सरकार द्वारा कृषि पंप ऊर्जीकरण की योजना चलाई है। कृषक व ठेकेदारों के अनुसार ट्रांसफार्मर्स के फेल होने का प्रमुख कारण अधिकारियों द्वारा घटिया उपकरण लगाना है। वहीं अधिकारियों ने शासन को भी गलत जानकारी भेजी है। जानकारी के अनुसार ट्रांसफार्मर घटिया क्वालिटी के थे, जो स्टार टेड नहीं हैं। साथ ही इन्हें सीपीआरआई में टेस्ट भी नहीं कराया गया है।
-भ्रष्ट हैं अधिकारी
दो दर्जन से अधिक ठेकेदार जो विद्युत वितरण कंपनी के एसटीसी वक्र्स से जुड़े हैं, इन्होंने आरोप लगाया है कि बिजली अधिकारियों ने ट्रांसफार्मर स्थापित करने में भारी भ्रष्टाचार किया है। अधिकारियों ने अपने स्वार्थ के चलते घटिया ट्रांसफार्मर स्थापित करवा दिए हैं। अभी भी कार्य अधूरा है, लेकिन वे सरकार को देकर वाहवाही लूट रहे हैं।
-ऐसे ही भेजी रिपोर्ट
ठेकेदारों के अनुसार रायसेन, विदिशा, सीहोर, बैतूल और भोपाल विद्युत संभाग में किसानों ने पंप ऊर्जीकरण के तहत करीब 8 से 10 महीने पहले आवेदन किया था। साथ ही निर्धारित राशि भी जमा करा दी। बावजूद इसके अब तक काम शुरू नहीं किया। दूसरी ओर अधिकारियों ने काम पूरा होने संबंधी रिपोर्ट शासन को भेज दी है। अधिकारियों ने जो ट्रांसफार्मर लगाए हैं, वे 16 केवीए क्षमता के हैं, जबकि उन पर 25 केवीए की प्लेट लगी हुई है। अधिकारियों ने शासन और किसानों को धोखे में रखा है। रायसेन जिले के बरेली क्षेत्रांतर्गत उदयपुरा डीसी से संबद्ध ग्राम धौलपुर के किसान नारायण पटेल के अनुसार उनके यहां लगाया गया 25 केवीए का ट्रांसफार्मर पहली रिचार्ज में ही जल गया। इसे छह माह बाद भी बदला नहीं गया। अब फसल पूरी तहर सूखने की कगार पर है।
-एक जुट हुए ठेकेदार
उधर आर्थिक शोषण के विरुद्ध एसटीसी से जुड़े बिजली ठेकेदारों ने अपना संगठन तैयार कर लिया है। मध्यक्षेत्र इलेक्ट्रिकल कांट्रेक्टर्स एसोसिएशन के नाम से गठित इस संगठन में सह-संयोजक रवीन्द्र गर्ग, उपाध्यक्ष अय्यूब आदिल व गीता सिंह, महामंत्री आनंद पांडे, प्रवक्ता आलोक सेंगर, सचिव आशीष दुबे सह-सचिव अनस मोहम्मद खान तथा अतुल चौहान शामिल हैं। उधर ठेकेदारों के आंदोलन के चलते सीहोर, बैतूल, विदिशा, भोपाल और रायसेन विद्युत संभागों के ठेकेदारों ने काम बंद कर दिया है।
-वर्जन
ग्रामीण क्षेत्रों में २५ केवीए अथवा इससे ऊपर के ही ट्रांसफार्मर रखे जा रहे हैं। टेस्टिंग के दौरान जरूर कम केवीए के ट्रांसफार्मर रखे जाते हैं। इस दौरान यह फेल होते हैं तो बदला जाता है। फिर भी आपने जानकारी दी है तो मैं उच्च अधिकारियों को इस संबंध में अवगत कराउंगा। अपने संभाग में भी निरीक्षण करूंगा।
वीके सिन्हा, एसी, विदिशा
ग्रामीण जहां इसके लिए विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों को दोषी मान रहे हैं, वहीं ठेकेदारों ने भी अधिकारियों पर भष्टाचार के आरोप लगाए। उल्लेखनीय है कि ग्रामीण क्षेत्र में किसानों को सिंचाई में परेशानी न हो इसके लिए सरकार द्वारा कृषि पंप ऊर्जीकरण की योजना चलाई है। कृषक व ठेकेदारों के अनुसार ट्रांसफार्मर्स के फेल होने का प्रमुख कारण अधिकारियों द्वारा घटिया उपकरण लगाना है। वहीं अधिकारियों ने शासन को भी गलत जानकारी भेजी है। जानकारी के अनुसार ट्रांसफार्मर घटिया क्वालिटी के थे, जो स्टार टेड नहीं हैं। साथ ही इन्हें सीपीआरआई में टेस्ट भी नहीं कराया गया है।
-भ्रष्ट हैं अधिकारी
दो दर्जन से अधिक ठेकेदार जो विद्युत वितरण कंपनी के एसटीसी वक्र्स से जुड़े हैं, इन्होंने आरोप लगाया है कि बिजली अधिकारियों ने ट्रांसफार्मर स्थापित करने में भारी भ्रष्टाचार किया है। अधिकारियों ने अपने स्वार्थ के चलते घटिया ट्रांसफार्मर स्थापित करवा दिए हैं। अभी भी कार्य अधूरा है, लेकिन वे सरकार को देकर वाहवाही लूट रहे हैं।
-ऐसे ही भेजी रिपोर्ट
ठेकेदारों के अनुसार रायसेन, विदिशा, सीहोर, बैतूल और भोपाल विद्युत संभाग में किसानों ने पंप ऊर्जीकरण के तहत करीब 8 से 10 महीने पहले आवेदन किया था। साथ ही निर्धारित राशि भी जमा करा दी। बावजूद इसके अब तक काम शुरू नहीं किया। दूसरी ओर अधिकारियों ने काम पूरा होने संबंधी रिपोर्ट शासन को भेज दी है। अधिकारियों ने जो ट्रांसफार्मर लगाए हैं, वे 16 केवीए क्षमता के हैं, जबकि उन पर 25 केवीए की प्लेट लगी हुई है। अधिकारियों ने शासन और किसानों को धोखे में रखा है। रायसेन जिले के बरेली क्षेत्रांतर्गत उदयपुरा डीसी से संबद्ध ग्राम धौलपुर के किसान नारायण पटेल के अनुसार उनके यहां लगाया गया 25 केवीए का ट्रांसफार्मर पहली रिचार्ज में ही जल गया। इसे छह माह बाद भी बदला नहीं गया। अब फसल पूरी तहर सूखने की कगार पर है।
-एक जुट हुए ठेकेदार
उधर आर्थिक शोषण के विरुद्ध एसटीसी से जुड़े बिजली ठेकेदारों ने अपना संगठन तैयार कर लिया है। मध्यक्षेत्र इलेक्ट्रिकल कांट्रेक्टर्स एसोसिएशन के नाम से गठित इस संगठन में सह-संयोजक रवीन्द्र गर्ग, उपाध्यक्ष अय्यूब आदिल व गीता सिंह, महामंत्री आनंद पांडे, प्रवक्ता आलोक सेंगर, सचिव आशीष दुबे सह-सचिव अनस मोहम्मद खान तथा अतुल चौहान शामिल हैं। उधर ठेकेदारों के आंदोलन के चलते सीहोर, बैतूल, विदिशा, भोपाल और रायसेन विद्युत संभागों के ठेकेदारों ने काम बंद कर दिया है।
-वर्जन
ग्रामीण क्षेत्रों में २५ केवीए अथवा इससे ऊपर के ही ट्रांसफार्मर रखे जा रहे हैं। टेस्टिंग के दौरान जरूर कम केवीए के ट्रांसफार्मर रखे जाते हैं। इस दौरान यह फेल होते हैं तो बदला जाता है। फिर भी आपने जानकारी दी है तो मैं उच्च अधिकारियों को इस संबंध में अवगत कराउंगा। अपने संभाग में भी निरीक्षण करूंगा।
वीके सिन्हा, एसी, विदिशा
कार्यपालन यंत्री से मांगा जवाब,भोपाल
कमिश्नर प्रवीण गर्ग ने काम में लापरवाही एवं अनियमितता बरतने के चलते राजधानी परियोजना प्रशासन (गैस राहत विभाग) के कार्यपालन यंत्री नीरज पांडे को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। साथ ही उनसे इस संबंध में १५ दिन में जवाब मांगा है।
श्री गर्ग ने मप्र सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील नियम) में निहित प्रावधानों के तहत यह कार्यवाही की है। कारण बताओ नोटिस में बताया गया है, शासकीय कमला नेहरू हास्पिटल की तीसरी मंजिल पर स्थित शिशु वार्ड में सुधार के लिए सीपीए को निर्माण एजेंसी बनाया गया था। इसका प्रभार नीरज पांडे को सौंपा गया। निश्चित समय अवधि में काम न होने पर मरीजों को परेशानी हुई, जिसके चलते कारण बताओ नोटिस किया गया।
श्री गर्ग ने मप्र सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील नियम) में निहित प्रावधानों के तहत यह कार्यवाही की है। कारण बताओ नोटिस में बताया गया है, शासकीय कमला नेहरू हास्पिटल की तीसरी मंजिल पर स्थित शिशु वार्ड में सुधार के लिए सीपीए को निर्माण एजेंसी बनाया गया था। इसका प्रभार नीरज पांडे को सौंपा गया। निश्चित समय अवधि में काम न होने पर मरीजों को परेशानी हुई, जिसके चलते कारण बताओ नोटिस किया गया।
कार्यपालन यंत्री नीरज पांडे को शोकाज नोटिस,भोपाल
कार्य में लापरवाही एवं अनियमितता बरतने के चलते राजधानी
परियोजना प्रशासन (गैस राहत विभाग) के कार्यपालन यंत्री नीरज पांडे
को कारण बताओ नोटिस थमाया गया है। यह नोटिस संभागायुक्त प्रवीण
गर्ग ने बुधवार को जारी कर दिया है। नोटिस का जवाब देने के लिए 15 दिन की समय दिया गया है। मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील नियम)में निहित प्रावधानों के तहत जारी किए गए नोटिस में बताया गया है कि शासकीय कमला नेहरू हॉस्पिटल की तीसरी मंजिल पर स्थित शिशु वार्ड में सुधार के लिए राजधानी परियोजना प्रशासन को निर्माण एजेंसी बनाया गया। इसका प्रभार नीरज पांडे को सौंपा गया। कार्य तयशुदा समय सीमा में पूरा नहीं होने से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
कमिश्नर ने श्री पांडे की इस लापरवाही के चलते कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
परियोजना प्रशासन (गैस राहत विभाग) के कार्यपालन यंत्री नीरज पांडे
को कारण बताओ नोटिस थमाया गया है। यह नोटिस संभागायुक्त प्रवीण
गर्ग ने बुधवार को जारी कर दिया है। नोटिस का जवाब देने के लिए 15 दिन की समय दिया गया है। मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील नियम)में निहित प्रावधानों के तहत जारी किए गए नोटिस में बताया गया है कि शासकीय कमला नेहरू हॉस्पिटल की तीसरी मंजिल पर स्थित शिशु वार्ड में सुधार के लिए राजधानी परियोजना प्रशासन को निर्माण एजेंसी बनाया गया। इसका प्रभार नीरज पांडे को सौंपा गया। कार्य तयशुदा समय सीमा में पूरा नहीं होने से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
कमिश्नर ने श्री पांडे की इस लापरवाही के चलते कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
बातों में उलझाकर प्रवेश देने से मना न करें- कलेक्टर ने दिए निजी स्कूल संचालकों को निर्देश
- शिक्षा का अधिकार अधिनियम का पालन करने बैठक आयोजित
भोपाल। किसी भी स्कूल का प्राचार्य कमजोर और वंचित समूह के व्यक्ति से दिए गए दस्तावेज के संबंध में यह अंडरटेकिंग तो ले सकता है कि उसने जो जानकारी दी है वह सही है अगर गलत पाई गई तो उसके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। किंतु उसके आवेदन को यह कहकर नहीं रोक सकता है कि उसके द्वारा दिए गए दस्तावेज परीक्षण में जायेंगे या दस्तावेज संदिग्ध हैं। यही नहीं यदि कोई आवेदक अपने बच्चे को बीपीएल, नि:शक्त, अनुसूचित जाति, जनजाति अथवा वन अधिकार पट्टाधारक की हैसियत से आवेदन करता है और दस्तावेज संलग्न नहीं करता है तब भी उसके आवेदन को शामिल किया जाए और उसे दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए समय दिया जाये।
यह निर्देश कलेक्टर निकुंज कुमार श्रीवास्तव ने बुधवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जिले के निजी क्षेत्र के स्कूलों के प्राचार्यों की आयोजित बैठक में दिए। शिक्षा के अधिकार अधिनियम को लेकर आयोजित बैठक में उन्होंने निजी शिक्षण संस्थाओं को एंट्री लेवल पर कुल सीटों के 25 प्रतिशत पर वंचित और कमजोर वर्ग के बच्चों को प्रवेश देने को कहा। उन्होंने प्राचार्यो से कहा कि वह शिक्षा का अधिकार अधिनियम का गंभीरता से अध्ययन करें और अधिनियम के प्रावधानों का पालन करना सुनिश्चित करें। बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी सीएम उपाध्याय सहित सीबीएसई और आईएससी बोर्ड से स बद्ध स्कूलों के प्राचार्य मौजूद थे ।
-यह दिए निर्देश
- कोई भी व्यक्ति जो कमजोर और वंचित समूह का है वह अपने बच्चे को किसी भी निजी स्कूल में दाखिला दिलाने के लिए सादे कागज पर आवेदन कर सकता है। आवेदन 8 फरवरी तक जमा किए जा सकते हैं।
- सभी स्कूलों के प्राचार्यों से कहा गया है कि पिछले वर्षों में इस बात की ज्यादा शिकायतें मिली थीं कि स्कूल वाले फार्म की पावती नहीं
देते और यहां तक कि आवेदन लेने से ही मना कर देते हैं। अब ऐसा नहीं चलेगा पावती देना जरूरी है।
- जो आवेदक अपना आवेदन संबंधित शैक्षणिक संस्था में नहीं पहुंचा पा रहा है तो वह अपने बच्चे के एडमिशन का फार्म जिला शिक्षा कार्यालय में भी जमा कर सकता है।
- कौन सा स्कूल किस वार्ड में निवास करने वाले व्यक्ति का पड़ोस का स्कूल है, कौन सा स्कूल विस्तारित पड़ोस की परिभाषा में आता है अर्थात किस स्कूल के लिए कौन व्यक्ति पड़ोस का है और कौन व्यक्ति विस्तारित पड़ोस का है इसकी जानकारी हर स्कूल में नोटिस बोर्ड पर चस्पा होना चाहिए।
- स्कूल में निर्धारित सीटों की तुलना में अधिक आवेदन आने पर प्रवेश के लिए 15 फरवरी को लाटरी निकाली जायेगी। लाटरी पूर्वान्ह 11 बजे के बाद होगी। हर स्कूल में लाटरी के लिए एक पर्यवेक्षक भी नियुक्त किया जायेगा।
-सभी प्राचार्यों अपने मैनेजमेंट के साथ शिक्षण शुल्क का निर्धारण करें और उसकी घोषणा भी करें। फीस वही ली जायेगी जो घोषित
होगी, उससे अधिक कतई नहीं।
- छात्रों को किताब व यूनिफार्म किसी निर्धारित दुकान से लेने के लिए बाध्य न किया जाए।
भोपाल। किसी भी स्कूल का प्राचार्य कमजोर और वंचित समूह के व्यक्ति से दिए गए दस्तावेज के संबंध में यह अंडरटेकिंग तो ले सकता है कि उसने जो जानकारी दी है वह सही है अगर गलत पाई गई तो उसके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। किंतु उसके आवेदन को यह कहकर नहीं रोक सकता है कि उसके द्वारा दिए गए दस्तावेज परीक्षण में जायेंगे या दस्तावेज संदिग्ध हैं। यही नहीं यदि कोई आवेदक अपने बच्चे को बीपीएल, नि:शक्त, अनुसूचित जाति, जनजाति अथवा वन अधिकार पट्टाधारक की हैसियत से आवेदन करता है और दस्तावेज संलग्न नहीं करता है तब भी उसके आवेदन को शामिल किया जाए और उसे दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए समय दिया जाये।
यह निर्देश कलेक्टर निकुंज कुमार श्रीवास्तव ने बुधवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जिले के निजी क्षेत्र के स्कूलों के प्राचार्यों की आयोजित बैठक में दिए। शिक्षा के अधिकार अधिनियम को लेकर आयोजित बैठक में उन्होंने निजी शिक्षण संस्थाओं को एंट्री लेवल पर कुल सीटों के 25 प्रतिशत पर वंचित और कमजोर वर्ग के बच्चों को प्रवेश देने को कहा। उन्होंने प्राचार्यो से कहा कि वह शिक्षा का अधिकार अधिनियम का गंभीरता से अध्ययन करें और अधिनियम के प्रावधानों का पालन करना सुनिश्चित करें। बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी सीएम उपाध्याय सहित सीबीएसई और आईएससी बोर्ड से स बद्ध स्कूलों के प्राचार्य मौजूद थे ।
-यह दिए निर्देश
- कोई भी व्यक्ति जो कमजोर और वंचित समूह का है वह अपने बच्चे को किसी भी निजी स्कूल में दाखिला दिलाने के लिए सादे कागज पर आवेदन कर सकता है। आवेदन 8 फरवरी तक जमा किए जा सकते हैं।
- सभी स्कूलों के प्राचार्यों से कहा गया है कि पिछले वर्षों में इस बात की ज्यादा शिकायतें मिली थीं कि स्कूल वाले फार्म की पावती नहीं
देते और यहां तक कि आवेदन लेने से ही मना कर देते हैं। अब ऐसा नहीं चलेगा पावती देना जरूरी है।
- जो आवेदक अपना आवेदन संबंधित शैक्षणिक संस्था में नहीं पहुंचा पा रहा है तो वह अपने बच्चे के एडमिशन का फार्म जिला शिक्षा कार्यालय में भी जमा कर सकता है।
- कौन सा स्कूल किस वार्ड में निवास करने वाले व्यक्ति का पड़ोस का स्कूल है, कौन सा स्कूल विस्तारित पड़ोस की परिभाषा में आता है अर्थात किस स्कूल के लिए कौन व्यक्ति पड़ोस का है और कौन व्यक्ति विस्तारित पड़ोस का है इसकी जानकारी हर स्कूल में नोटिस बोर्ड पर चस्पा होना चाहिए।
- स्कूल में निर्धारित सीटों की तुलना में अधिक आवेदन आने पर प्रवेश के लिए 15 फरवरी को लाटरी निकाली जायेगी। लाटरी पूर्वान्ह 11 बजे के बाद होगी। हर स्कूल में लाटरी के लिए एक पर्यवेक्षक भी नियुक्त किया जायेगा।
-सभी प्राचार्यों अपने मैनेजमेंट के साथ शिक्षण शुल्क का निर्धारण करें और उसकी घोषणा भी करें। फीस वही ली जायेगी जो घोषित
होगी, उससे अधिक कतई नहीं।
- छात्रों को किताब व यूनिफार्म किसी निर्धारित दुकान से लेने के लिए बाध्य न किया जाए।
महंगी पड़ी मिलावट छह विक्रेताओं को देना हो डेढ़ लाख का जुर्माना,भोपाल
जिले के छह व्यापारियों को मिलावट व अमानक स्तर की खाद्य सामग्री बेचना महंगा पड़ गया है। अपर जिला मजिस्टे्रट उमाशंकर भार्गव ने सभी छह मिलावटखोरों पर एक लाख ५५ हजार रुपए का जुर्माना ठोका है।
मजिस्टे्रट कोर्ट ने ये आदेश बुधवार को जारी किए। आदेश में बताया कि ये अमानक स्तर का नमकीन, खाने का आचार और खाद्य तेल का विक्रय कर रहे थे। आदेश में ये भी कहा गया है जब तक दुकानदार अधिरोपित अर्थदण्ड जमा नहीं करते तब तक वे व्यापार नहीं कर सकते। श्री भार्गव ने कहा, मिलावटी सामग्री बेचने वालों सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। जिले में ऐसे व्यापारी जो मिलावट खोरी कर रहे हैं, उन पर प्रशासनिक अधिकारियों के नजर है, जो भी इसमें लिप्त मिलता है उस पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी। श्री भागर्व ने कहा, यदि यही व्यापारी दूसरी बार भी मिलावट करते पकड़े जाते हैं तो इन पर तगड़ा जुर्माना किया जाएगा।
ये हैं मिलावटी
क्र. व्यवसायी/फर्म जांच रिपोर्ट जुर्माना (रुपए में)
1. निर्मल व राजेंद्र राजदेव, हबी ट्रेडर्स लक्ष्मी टॉकीज खाघ तेल का सैंपल अमानक 50 हजार
2. प्रकाश अग्रवाल, सत्यम नमकीन सेंटर इब्राहिमपुरा रजिस्ट्रेशन नहीं, बेच रहे थे नमकीन 10 हजार
3. सुधीर साहू, आनंद नगर एल्युमिनियम पाइल युक्ते पेड़ों का विक्रय/संग्रहण 5 हजार
4. देवेश्वर वर्मा, नितिन चौहान व मीठालाल तलाटी, विशाल मेगामार्ट एमपी नगर -मिथ्याछाप तलाटी भुजिया, इंसटेंट मिक्स का संग्रहरण व
विक्रय 15 हजार
5. राज कुमार जैन, यश फूड्स गोविंदपुरा अवनानक आम का अचार का विक्रय 25 हजार
6. शोभराज राजदेव, शोभराज एण्ड संस जुमेराती बाजार अमानक सोया तेल का संग्रहण व विक्रय 50 हजार
मजिस्टे्रट कोर्ट ने ये आदेश बुधवार को जारी किए। आदेश में बताया कि ये अमानक स्तर का नमकीन, खाने का आचार और खाद्य तेल का विक्रय कर रहे थे। आदेश में ये भी कहा गया है जब तक दुकानदार अधिरोपित अर्थदण्ड जमा नहीं करते तब तक वे व्यापार नहीं कर सकते। श्री भार्गव ने कहा, मिलावटी सामग्री बेचने वालों सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। जिले में ऐसे व्यापारी जो मिलावट खोरी कर रहे हैं, उन पर प्रशासनिक अधिकारियों के नजर है, जो भी इसमें लिप्त मिलता है उस पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी। श्री भागर्व ने कहा, यदि यही व्यापारी दूसरी बार भी मिलावट करते पकड़े जाते हैं तो इन पर तगड़ा जुर्माना किया जाएगा।
ये हैं मिलावटी
क्र. व्यवसायी/फर्म जांच रिपोर्ट जुर्माना (रुपए में)
1. निर्मल व राजेंद्र राजदेव, हबी ट्रेडर्स लक्ष्मी टॉकीज खाघ तेल का सैंपल अमानक 50 हजार
2. प्रकाश अग्रवाल, सत्यम नमकीन सेंटर इब्राहिमपुरा रजिस्ट्रेशन नहीं, बेच रहे थे नमकीन 10 हजार
3. सुधीर साहू, आनंद नगर एल्युमिनियम पाइल युक्ते पेड़ों का विक्रय/संग्रहण 5 हजार
4. देवेश्वर वर्मा, नितिन चौहान व मीठालाल तलाटी, विशाल मेगामार्ट एमपी नगर -मिथ्याछाप तलाटी भुजिया, इंसटेंट मिक्स का संग्रहरण व
विक्रय 15 हजार
5. राज कुमार जैन, यश फूड्स गोविंदपुरा अवनानक आम का अचार का विक्रय 25 हजार
6. शोभराज राजदेव, शोभराज एण्ड संस जुमेराती बाजार अमानक सोया तेल का संग्रहण व विक्रय 50 हजार
धरना-प्रदर्शन पर रोक , भोपाल
कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट निकुंज कुमार श्रीवास्तव ने जिले में दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा-144 के तहत धरना प्रदर्शन पर रोक लगा दी है। आदेश के तहत स्कूल, कालेज, शासकीय भवन, अद्र्ध शासकीय भवन, केन्द्र सरकार के कार्यालय व अस्पतालों के आसपास धरना-प्रदर्शन, नारेबाजी, धरना, रैली और ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया है। आगामी आदेश तक ये आदेश प्रभावि रहेंगे। आदेश का उल्लंघन होने पर दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
कार्यपालन यंत्री से मांगा जवाब,भोपाल
कमिश्नर प्रवीण गर्ग ने काम में लापरवाही एवं अनियमितता बरतने के चलते राजधानी परियोजना प्रशासन (गैस राहत विभाग) के कार्यपालन यंत्री नीरज पांडे को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। साथ ही उनसे इस संबंध में १५ दिन में जवाब मांगा है।
श्री गर्ग ने मप्र सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील नियम) में निहित प्रावधानों के तहत यह कार्यवाही की है। कारण बताओ नोटिस में बताया गया है, शासकीय कमला नेहरू हास्पिटल की तीसरी मंजिल पर स्थित शिशु वार्ड में सुधार के लिए सीपीए को निर्माण एजेंसी बनाया गया था। इसका प्रभार नीरज पांडे को सौंपा गया। निश्चित समय अवधि में काम न होने पर मरीजों को परेशानी हुई, जिसके चलते कारण बताओ नोटिस किया गया।
श्री गर्ग ने मप्र सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील नियम) में निहित प्रावधानों के तहत यह कार्यवाही की है। कारण बताओ नोटिस में बताया गया है, शासकीय कमला नेहरू हास्पिटल की तीसरी मंजिल पर स्थित शिशु वार्ड में सुधार के लिए सीपीए को निर्माण एजेंसी बनाया गया था। इसका प्रभार नीरज पांडे को सौंपा गया। निश्चित समय अवधि में काम न होने पर मरीजों को परेशानी हुई, जिसके चलते कारण बताओ नोटिस किया गया।
कागज पर नहीं जमीं पर दिखाएं काम -कमिश्नर ने विकास कार्या की धीमी गति पर जताई नाराजगी,भोपाल

बैठक में कलेक्टर निकुंज कुमार श्रीवास्तव ने ताज महल और बेनजीर भवन को पर्यटन स्थल के तौर विकसित करने की बात कही। उन्होंने कहा इसके लिए एक कार्ययोजना बनाई जानी चाहिए। इस दौरान कमिश्नर ने बाग मुंशी हुसैन खां तालाब की साफ सफाई और सौंदर्यीकरण के साथ ही लेक फ्रंट को विकसित करने के लिए नगर निगम आयुक्त को निर्देश दिए।
उन्होंने बड़े तालाब के खानूगांव के क्षेत्र पर लेक फ्रंट विकसित करने के निर्देश दिए, जिससे बोट क्लब पर पर्यटकों का दबाव कम होगा और पुराने भोपाल क्षेत्र में एक नया पर्यटन स्थल विकसित होगा । उन्होंने निर्देश दिए कि पीरगेट से मोती मस्जिद बीच बनने वाले लाई ओवर के स्थान पर मार्ग चौड़ीकरण का कार्य तेजी से किया जाए और कमला पार्क के पास यातायात कन्जेशन कम करने के लिए तथा बीआरटीएस को सुविधायुक्त बनाने के लिए मल्टीआर्म क्लोवर लाईओवर डिजाइन करने के निर्देश भी दिए। बैठक में नगर निगम आयुक्त श्री गढ़पाले ने बताया कि मोतिया तालाब की सफाई और सौंदर्यीकरण के लिए प्रस्ताव तैयार कर लिए गए हैं शीघ्र ही कार्य प्रारंभ किए जायेंगे। यहां पर स्थापित धोबियों को पातरा नाले पर विस्थापित किया जायेगा। मई-जून तक यह कार्य पूर्ण हो जाएगा। पर्यटन विभाग के महाप्रबंधक श्री निगम ने बताया कि बेनजीर मंजिल की ओर से मोतिया तालाब के लिए लेक फ्रंट विकसित करने के लिए प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है। स्वीकृति मिलते ही काम शुरू किया जाएगा।
-निर्देशों में ये भी शामिल
ननि आयुक्त नादरा बस स्टैंड का भ्रमण करें और यह देखें कि वहां किए जा रहे कार्यों की क्या प्रगति है। बस स्टैंड पर साफ सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाये, यात्रियों के बैठने के लिए की समुचित व्यवस्था हो । बस स्टैंड में प्रतिक्षालय, टिकिट की खिड़की, अनाउंस की व्यवस्था और बिजली की समुचित व्यवस्था हो इसका ध्यान रखा जाए।
- क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि भोपाल के चारों बस स्टैंड से बसों का संचालन अलग-अलग स्थानों के लिए किया जाए। परमिट देते वक्त ध्यान रखें कि जिस बस को जिस बस स्टैंड का परमिट दिया जा रहा है उसका आवागमन उसी बस स्टैंड से हो।
- शहर में इंटीग्रेटेड साईनेज की व्यवस्था की जाए।
- बड़ी झील में मिलने वाले सीवेज को रोकने के लिए तत्काल कार्य योजना बनाई जाए।
- बड़ी झील पर अतिक्रमण न हो, इसको मद्देनजर रखते हुए जल्द से जल्द मुनारें लगाई जाएं।
- न्यू मार्केट में मल्टी पार्किंग के कार्य अतिआवश्यक है इसको शीघ्र प्रारंभ किया जाये।
बुधवार, 30 जनवरी 2013
आधा दर्जन से अधिक गांवों पाले से खराब हुई फसल भोपाल
बैरसिया विकासखंड के अंतर्गत आने वाले आधा दर्जन से अधिक गांवों में फसलें पाले की चपेट में आने के बाद नष्ट हो गई हैं। गेहूं की बालियों में न दाने आ रहे हैं और न ही चना व तुअर की फलियों में दानें बन रहे हैं। इसका सर्वे करा किसानों को उचित मुआवजा दिया जाए। ये मांग कलेक्टर से किसानों ने की।
किसानों का नेतृत्व कर रहे जिला कांग्रेस कमेटी ग्रामीण के अध्यक्ष अवनीश भार्गव ने कहा, इस संबंध में एसडीएम सहित अन्य अधिकारियों को भी अवगत कराया गया, लेकिन अब तक अधिकारियों ने पाला प्रभावित किसानों की फसलों की स्थिति का सर्वे किया। बैरासिया विकासखंड के हर्राखेड़ा, दिल्लौद, ईचगिरी, गुनगा, धमर्रा, मुगालिया छाप जैसे गांवों में फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है। कृषकों ने कलेक्टर को इस दौरान एक ज्ञापन भी सौंपा, जिसमें पाला प्रभावित किसानों को मुआवजा दिए जाने और कृषि का बीमा वाले किसानों को बीमा राशि दिलाने की मांग की है। कलेक्टर ने गंभीरता से लेते हुए तहसीलदार बैरसिया को जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश दे दिए हैं।
किसानों का नेतृत्व कर रहे जिला कांग्रेस कमेटी ग्रामीण के अध्यक्ष अवनीश भार्गव ने कहा, इस संबंध में एसडीएम सहित अन्य अधिकारियों को भी अवगत कराया गया, लेकिन अब तक अधिकारियों ने पाला प्रभावित किसानों की फसलों की स्थिति का सर्वे किया। बैरासिया विकासखंड के हर्राखेड़ा, दिल्लौद, ईचगिरी, गुनगा, धमर्रा, मुगालिया छाप जैसे गांवों में फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है। कृषकों ने कलेक्टर को इस दौरान एक ज्ञापन भी सौंपा, जिसमें पाला प्रभावित किसानों को मुआवजा दिए जाने और कृषि का बीमा वाले किसानों को बीमा राशि दिलाने की मांग की है। कलेक्टर ने गंभीरता से लेते हुए तहसीलदार बैरसिया को जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश दे दिए हैं।
सरपंच-सचिव ने हड़पे लाखों
- जनसुनवाई: कलेक्टोरेट में आई ८१ शिकायती
-पंच और ग्रामीणों ने लगाए आरोप, कलेक्टर ने तत्काल दिए जांच के निर्देश
भोपाल।
बगोनिया ग्राम पंचायत के सरपंच-सचिव ने कनिष्ठ यंत्री से मिली भगत कर शासकीय योजनाओं से लाखों रुपए हड़प लिए हैं। ग्राम पंचायत में कराए गए निर्माण व अन्य कार्यों में किए गए व्यय का भी हिसाब किताब नहीं है। शासन की तरफ से 70 कुटीर निर्माण की स्वीकृति मिली थी, लेकिन इन्होंने 50 हितग्राहियों को कुटीर निर्माण कर ही नहीं दिया। वहीं अपात्रों के नाम से राशि स्वीकृत करा ली। कलेक्टर की जनसुनवाई में यह आरोप लगाए राजा मियां व ग्रामीणों ने। कलेक्टर निकुंज कुमार श्रीवास्तव ने मामले को गंभीरता से लेते हुए एसडीएम बैरसिया को सरपंच, सचिव और सब इंजीनियर के खिलाफ जांच के निर्देश दिए।
जनसुनवाई में ८१ लोगों ने अपनी समस्या बताईं। बगोनिया के ग्रामीणों ने बताया, सचिव ग्राम सभा व ग्राम पंचायत की बैठकों से भी गायब रहते हैं। समग्र स्वच्छता अभियान के तहत 300 व्यक्तियों को निर्मल वाटिका दी गई। सरपंच और सचिव ने 10 बाई 15 की निर्मल वाटिका का निर्माण कर पंचायत से पूरी राशि का आहरण कर लिया। कनिष्ठ यंत्री ने सरपंच की मदद से बगोनिया से पुराछिदवाड़ा पहुंच मार्ग पर मुरमीकरण कराना दर्शाया है, जबकि यह सड़क को वर्ष 2009 में डामरीकृत हो चुकी है।
उन्होंने साफ कहा है कि गड़बड़ी साबित होने पर संबंधित सरपंच के खिलाफ पंचायतराज अधिनियम की धारा 40 के तहत कार्रवाई करें। सिंचाई विभाग के रिटायर्ड कर्मचारी धनराज चौपड़े अब तक पेंशन न मिलने संबंधी शिकायत की। कलेक्टर ने संयुक्त संचालक कोष एवं लेखा को श्री चौपड़े को अब तक पेंशन क्यों नहीं मिली के कारणों की पड़ताल करने संबंधी निर्देश दिए।
-मैं आत्मदाह कर लूंगी
गैस राहत कालोनी करोंद निवासी नि:शक्त पूनम जाटव ने सुनवाई में कहा, मेरा विवाह सुनील जाटव से 6 मई 2011 को मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत हुआ था। इस दौरान विवाह प्रोत्साहन राशि देने के लिए सामाजिक न्याय विभाग को आवेदन किया था। मुझे अब तक ये रािश नहीं मिली है। मैं कई बार विभाग के चक्कर लगा चुकी हूं। बावजूद इसके राशि का चेक नहीं दिया जा रहा है। पूनम ने कहा, मुझे 15 दिन के भीतर प्रोत्साहन राशि नहीं मिली तो मैं सामाजिक न्याय विभाग के सामने आत्मदाह करने को मजबूर हो जाउंगी। इसकी जबावदेही विभाग की होगी।
-पंच और ग्रामीणों ने लगाए आरोप, कलेक्टर ने तत्काल दिए जांच के निर्देश
भोपाल।
बगोनिया ग्राम पंचायत के सरपंच-सचिव ने कनिष्ठ यंत्री से मिली भगत कर शासकीय योजनाओं से लाखों रुपए हड़प लिए हैं। ग्राम पंचायत में कराए गए निर्माण व अन्य कार्यों में किए गए व्यय का भी हिसाब किताब नहीं है। शासन की तरफ से 70 कुटीर निर्माण की स्वीकृति मिली थी, लेकिन इन्होंने 50 हितग्राहियों को कुटीर निर्माण कर ही नहीं दिया। वहीं अपात्रों के नाम से राशि स्वीकृत करा ली। कलेक्टर की जनसुनवाई में यह आरोप लगाए राजा मियां व ग्रामीणों ने। कलेक्टर निकुंज कुमार श्रीवास्तव ने मामले को गंभीरता से लेते हुए एसडीएम बैरसिया को सरपंच, सचिव और सब इंजीनियर के खिलाफ जांच के निर्देश दिए।
जनसुनवाई में ८१ लोगों ने अपनी समस्या बताईं। बगोनिया के ग्रामीणों ने बताया, सचिव ग्राम सभा व ग्राम पंचायत की बैठकों से भी गायब रहते हैं। समग्र स्वच्छता अभियान के तहत 300 व्यक्तियों को निर्मल वाटिका दी गई। सरपंच और सचिव ने 10 बाई 15 की निर्मल वाटिका का निर्माण कर पंचायत से पूरी राशि का आहरण कर लिया। कनिष्ठ यंत्री ने सरपंच की मदद से बगोनिया से पुराछिदवाड़ा पहुंच मार्ग पर मुरमीकरण कराना दर्शाया है, जबकि यह सड़क को वर्ष 2009 में डामरीकृत हो चुकी है।
उन्होंने साफ कहा है कि गड़बड़ी साबित होने पर संबंधित सरपंच के खिलाफ पंचायतराज अधिनियम की धारा 40 के तहत कार्रवाई करें। सिंचाई विभाग के रिटायर्ड कर्मचारी धनराज चौपड़े अब तक पेंशन न मिलने संबंधी शिकायत की। कलेक्टर ने संयुक्त संचालक कोष एवं लेखा को श्री चौपड़े को अब तक पेंशन क्यों नहीं मिली के कारणों की पड़ताल करने संबंधी निर्देश दिए।
-मैं आत्मदाह कर लूंगी
गैस राहत कालोनी करोंद निवासी नि:शक्त पूनम जाटव ने सुनवाई में कहा, मेरा विवाह सुनील जाटव से 6 मई 2011 को मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत हुआ था। इस दौरान विवाह प्रोत्साहन राशि देने के लिए सामाजिक न्याय विभाग को आवेदन किया था। मुझे अब तक ये रािश नहीं मिली है। मैं कई बार विभाग के चक्कर लगा चुकी हूं। बावजूद इसके राशि का चेक नहीं दिया जा रहा है। पूनम ने कहा, मुझे 15 दिन के भीतर प्रोत्साहन राशि नहीं मिली तो मैं सामाजिक न्याय विभाग के सामने आत्मदाह करने को मजबूर हो जाउंगी। इसकी जबावदेही विभाग की होगी।
-दलित-पिछड़े संगठन एक जुट नंदी की गिरफ्तारी तक चलेगा आंदोलन भोपाल।
जयपुर साहित्य समारोह में साहित्यकार आशीष नंदी द्वारा दिए विवादित को लेकर मंगलवार को राजधानी में दलित-पिछड़े संगठनों धरना-प्रदर्शन किया। एक जुट हो तमाम संगठनों के कार्यकर्ता-पदाधिकारी बोर्ड ऑफिस से रैली के रूप में हबीबगंज स्थित अजाक्स थाने पहुंचे। यहां इन्होंने कुबेर सिंह को संयुक्त ज्ञापन पत्र सौंप कर १५ दिनों में कार्रवाई की मांग की। इस पर श्री सिंह ने आश्वस्त किया कि विवेचना कराते हुए विधि अनुसार कार्रवाई की जाएगी। संगठानों ने आशीष के बयान को भारतीय दण्ड संहिता की धारा 506 और अनुसूचित जाति जनजाति (अत्याचार निकरण) अधिनियम 1989 की धारा 3-1-10 के तहत अपराध की श्रेणी के तहत दंडनीय माना है। प्रदर्शन में अजाक्स, अपाक्स, राष्ट्रीय मूल निवासी चेतना मिशन, अखिल भारतीय अनुसूचित जाति परिषद्, दलित मुक्ति सेना, आरपीआई एवं बहुजन शक्ति सेना शामिल थे।
इस दौरान संगठनों ने निर्णय लिया कि यह आंदोलन आरोपी साहित्यकार नंदी की गिरफ्तारी तक चलेगा। रैली में बहुजन शक्ति सेना के प्रमुख सुनील बोरसे, अजाक्स के प्रवक्ता विजय शंकर श्रवण, इंजी. एसएल सूर्यवंशी, महासचिव अजाक्स, डॉ. सीएल वंशकार, अध्यक्ष राष्ट्रीय मूलनिवासी चेतना मिशन, डॉ. मोहन पाटिल, पार्षद मुकेश गजभिये, पार्षद गिरीश शर्मा, महेन्द्र, दिलिप मस्के, पृथ्वीराज रायपुरे, बीपी बकोरिया, राजेश कीर, किशोर वायकर, निर्मला पाटिल, निगार वाघ, उषा खोबरागढ़े सहित अन्य संगठनों के पदाधिकारी उपस्थित थे।
इस दौरान संगठनों ने निर्णय लिया कि यह आंदोलन आरोपी साहित्यकार नंदी की गिरफ्तारी तक चलेगा। रैली में बहुजन शक्ति सेना के प्रमुख सुनील बोरसे, अजाक्स के प्रवक्ता विजय शंकर श्रवण, इंजी. एसएल सूर्यवंशी, महासचिव अजाक्स, डॉ. सीएल वंशकार, अध्यक्ष राष्ट्रीय मूलनिवासी चेतना मिशन, डॉ. मोहन पाटिल, पार्षद मुकेश गजभिये, पार्षद गिरीश शर्मा, महेन्द्र, दिलिप मस्के, पृथ्वीराज रायपुरे, बीपी बकोरिया, राजेश कीर, किशोर वायकर, निर्मला पाटिल, निगार वाघ, उषा खोबरागढ़े सहित अन्य संगठनों के पदाधिकारी उपस्थित थे।
मंगलवार, 29 जनवरी 2013
नोटरी : बेअसर साबित हो रहा कलेक्टर का आदेश
-मामला स्टॉप चोरी का, निरीक्षण तक करने नहीं पहुंचे जिला पंजीयन कार्यालय के अधिकारी
भोपाल।
कलेक्टर निकुंज कुमार श्रीवास्तव ने दिसंबर में जिला पंजीयक अधिकारियों को स्टॉप चोरी रोकने स्टॉम्प वेंडरों का निरीक्षण कर दस्तावेज जांच ने के निर्देश दिए थे। कलेक्टर के इस आदेश को एक माह गुजर चुका है। बावजूद इसके न अधिकारियों ने निरीक्षण किया और न ही दस्तावेजों की जांच की।
कलेक्टर ने कहा था, स्टॉॅम्प ड्यूटी की लगातार चोरी हो रही है। वेंडर अभी भी 50-100 रुपए के स्टॉम्प पर जमीन के विक्रय, दानपत्र, एग्रीमेंट, पॉवर ऑफ अटॉर्नी आदि को सत्यापित कर रहे हैं। देखने में आ रहा है कि कुछ नोटरियों के पास किसी प्रकार का कोई रिकॉर्ड भी नहीं है। अधिकारियों को इस तरफ ध्यान देना चाहिए और नोटरी का निरीक्षण किया जाए। कलेक्टर ने यह निर्देश दिसंबर में हुई टीएल की बैठक में दिए थे। उन्होंने नोटरी संचालकों को निर्देश दिए थे कि नोटरी का यह दायित्व है कि वह कम स्टॉम्प लगे दस्तावेजों को कलेक्टर ऑफ स्टॉम्प के समक्ष प्रस्तुत करें। नोटरी करने से पहले जमीन संबंधी 100 या 50 रुपए के स्टॉम्प पर होने वाले अनुबंध, पावर ऑफ अटार्नी आदि पर उचित स्टॉम्प ड्यूटी चुकी होने के बाद ही सत्यापित करें। बावजूद इसके एक भी नोटरी संचालक ने ऐसा क रना उचित नहीं समझा और न ही सत्यापन के लिए आए दस्तावेजों की जांच की।
-निरीक्षण करेंगे
नोटरी करने वाले आदेश का पालन कर रहे हैं या नहीं इसकी जांच की जाएगी। अधिकारियों को निरीक्षण की जिम्मेदारी सौंपी जा रही है, जल्द ही ये निरीक्षण करेंगे।
एनएस तोमर, वरिष्ठ जिला पंजीयक, भोपाल
भोपाल।
कलेक्टर निकुंज कुमार श्रीवास्तव ने दिसंबर में जिला पंजीयक अधिकारियों को स्टॉप चोरी रोकने स्टॉम्प वेंडरों का निरीक्षण कर दस्तावेज जांच ने के निर्देश दिए थे। कलेक्टर के इस आदेश को एक माह गुजर चुका है। बावजूद इसके न अधिकारियों ने निरीक्षण किया और न ही दस्तावेजों की जांच की।
कलेक्टर ने कहा था, स्टॉॅम्प ड्यूटी की लगातार चोरी हो रही है। वेंडर अभी भी 50-100 रुपए के स्टॉम्प पर जमीन के विक्रय, दानपत्र, एग्रीमेंट, पॉवर ऑफ अटॉर्नी आदि को सत्यापित कर रहे हैं। देखने में आ रहा है कि कुछ नोटरियों के पास किसी प्रकार का कोई रिकॉर्ड भी नहीं है। अधिकारियों को इस तरफ ध्यान देना चाहिए और नोटरी का निरीक्षण किया जाए। कलेक्टर ने यह निर्देश दिसंबर में हुई टीएल की बैठक में दिए थे। उन्होंने नोटरी संचालकों को निर्देश दिए थे कि नोटरी का यह दायित्व है कि वह कम स्टॉम्प लगे दस्तावेजों को कलेक्टर ऑफ स्टॉम्प के समक्ष प्रस्तुत करें। नोटरी करने से पहले जमीन संबंधी 100 या 50 रुपए के स्टॉम्प पर होने वाले अनुबंध, पावर ऑफ अटार्नी आदि पर उचित स्टॉम्प ड्यूटी चुकी होने के बाद ही सत्यापित करें। बावजूद इसके एक भी नोटरी संचालक ने ऐसा क रना उचित नहीं समझा और न ही सत्यापन के लिए आए दस्तावेजों की जांच की।
-निरीक्षण करेंगे
नोटरी करने वाले आदेश का पालन कर रहे हैं या नहीं इसकी जांच की जाएगी। अधिकारियों को निरीक्षण की जिम्मेदारी सौंपी जा रही है, जल्द ही ये निरीक्षण करेंगे।
एनएस तोमर, वरिष्ठ जिला पंजीयक, भोपाल
स्व. कृष्णन को आइएएस एसोसिएशन ने दी श्रद्धांजलि भोपाल।
मध्यप्रदेश कॉडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा (1955 बैच) के सेवानिवृत अधिकारी एनवी कृष्णन का दिल्ली में निधन हो गया। स्व. कृषणन मध्यप्रदेश मे वित्त व वणिज्य विभाग के सचिव और भोपाल संभाग के आयुक्त सहित कई प्रशासनिक पदों पर रहे। स्व. कृषणन ने भारत सरकार में वित्त विभाग मे अपनी सेवायें दी। आईएएस आफीसर्स मैस चार इमली में सोमवार को शोकसभा आयोजित करके स्व. कृष्णन को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके कृतित्व और व्यक्तिव पर प्रकाश डाला गया। शोक सभा में मुख्य सचिव आर परशुराम, आईएएस एसोसिएशन की अध्यक्ष अरूणा शर्मा, कमिश्नर प्रवीण गर्ग सहित अन्य आईएएस अधिकारी थे।
एमआईसी मेंबर्स ने लिया बीआरटीएस का जायजा ,भोपाल
बीआरटीएस कॉरीडोर में बन रहे बस स्टॉप को जांचने महापौर सहित एमआईसी सदस्य दिनभर दौड़धूप करते रहे। इस दौरान बस स्टॉप पर एक बस खड़ी कर दूसरी बस की क्रासिंग की गई। हालांकि बस तो गुजर गई लेकिन दों बसों के बीच कम दूरी को देख महापौर ने बस स्टॉप की चौड़ाई कम करने और तकनीकि खामियां दूर करने के निर्देश दिए। गौरतलब है कि 27 जनवरी के अंक में पीपुल्स समाचार ने कॉरीडोर में बने बस स्टॉप की चौड़ाई और डिजाइन को लेकर सवाल उठाए थे।
सोमवार को महापौर और एमआईसी के सदस्यों ने मिसरोद से आरआरएल तिराहे तक बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (बीआरटीएस) कॉरीडोर का जायजा लिया। उन्होंने बीआरटीएस पर सवालिया निशान लगाते हुए ढेरों कमियां गिनाईं। वहीं एमआईसी मेंबर्स के सवालों के जवाब में निगम अफसर गोल मोल जवाब ही देते रहे। एमआईसी सदस्यों ने मिसरोद से आरआरएल तिराहे तक बीआरटीएस का जायजा लो फ्लोर बस में सवार होकर लिया।
बस स्टॉप बनेंगे मुसीबत का कारण
एमआईसी सदस्य कृष्ण मोहन सोनी ने कहा कि कॉरीडोर के बगल में बनी फास्ट मूविंग व्हीकल लेन (मिक्स लेन) की चौड़ाई कम है। कॉरीडोर में यात्रियों को उतारने के लिए 42 बस स्टॉप तैयार किए जाएंगे। जहां जहां इनको तैयार किया गया है वहां कॉरीडोर की चौड़ाई बढ़ाई गई है। ऐसे में बस स्टॉप के पास की मिक्स लेन संकरी हो जाएगी। इस समांनांतर रोड के संकरे होने से कॉरीडोर के आसपास चलने वाले वाहनों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। इससे यहां जाम की स्थित भी बन सकती है। इसके साथ ही जब आईएसबीटी से सागर रूट पर जाने वाली बसें मिक्स लेन से गुजरेंगी तो, तब क्या होगा।
करें अलग रंग
निरीक्षण के दौरान एमआईसी सदस्यों ने अधिकारियों को बस स्टॉप को अलग रंग से दर्शाने का सुझाव दिया। उन्होंने बताया कि साथ ही जहां-जहां भी बस स्टॉप बनाए गए हैं, वहां मिक्स्ड लेन की चौड़ाई और भी कम कर दी गई है, जो हादसे की वजह बन सकता है। ऐसे में इस जगह को अलग से प्रदर्शित करने के लिए इसका रंग अलग करना चाहिए ताकि लोगों को दूर से ही नजर आए और वह संभल जाएं। यही नहीं उन्होंने साफ कहा कि कॉरीडोर तो ठीक है, लेकिन मिक्स्ड लेन की चौड़ाई और होनी चाहिए थी। अगर सड़क चौड़ी होती और ट्रैफिक बेहतर तरीके से गुजरता। इस पर निगम अधिकारियों ने जवाब दिया की एफएमवी की चौड़ाई डेडीकेटेड कॉरीडोर से 4 इंच ज्यादा है।
बनाएं फुट ओवर ब्रिज
इस दौरान सदस्यों ने पूछा कि अगर किसी यात्री को दूसरी तरफ के फुटपाथ पर जाना है तो वह कैसे जाएगा? इस पर निगम अधिकारियों ने अत्याधुनिक सेंसर ट्रैफिक सिग्नल लगाने की बात महापौर को बताई। जिस पर एमआईसी सदस्य पंकज चौकसे ने सलाह दी सेंसर लगाने से ज्यादा फायदा नहीं होगा। लोग सिग्नल को मानते ही कहां हैं। इसलिए जरूरी है कि कॉरीडोर में एफओबी भी बनवाएं, जिसकी ज्यादा जरूरत है।
मजाक बना निरीक्षण
पूरे निरीक्षण के दौरान एमआईसर सदस्य हंसी मजाक करते नजर आए। गौरतलब है कि निरीक्षण के दौरान दस में से सात एमआईसी सदस्य पहुंचे थे। इसमें से कुछ ही सदस्य निरीक्षण के लिए गंभीर नजर आए, जबकि ज्यादातर सदस्य सिर्फ मजाक मस्ती के मूड में दिखे।
एक बार फिर करेंगे निरीक्षण
एमआईसी सदस्य आशाराम शर्मा ने बताया कि निरीक्षण का पहला चरण था। इसमें मिसरोद से आरएलएल तिराहे तक ही जायजा लिया है। अभी कुछ तकनीकी खामियां जरूर हैं, जिन्हें जल्द दूर किया जाएगा। वहीं निरीक्षण के दूसरे चरण में बोर्ड ऑफिस से बैरागढ़ तक कॉरीडोर का जायजा लिया जाएगा।
इन पर की चर्चा
मिक्स लेन की चौड़ाई बढ़ाई जाए
बस स्टॉप की चौड़ाई कम करने
कॉरीडोर की तकनीकि खामियां दूर करने
बस स्टॉप को अलग रंगों से प्रदर्शित करने
एफओबी बनाने को लेकर
फैक्ट फाइल
बीआरटीएस की डीपीआर बनी - 2006
बीआरटीएस को केंद्र से मंजूरी - 2007
निर्माण के लिए नगर निगम एजेंसी तय - 2008
टेंडर - 2009
वर्कआर्डर- फरवरी, 2009
कब तक पूरा होना था - फरवरी, 2011
कब - कब बढ़ी डेडलाइन - अगस्त-2011, दिसंबर-2011, दिसंबर 2012
अब नई डेडलाइन -अप्रैल 2013
अभी क्या स्थिति - चार साल में भी 70 फीसदी काम
बीआरटीएस की लागत - 247 करोड़ रुपए
अब तक खर्च राशि - 140 करोड़ रुपए
केंद्र से अब तक मिली राशि - 80 करोड़ रुपए
कुल लंबाई - 24 किलोमीटर
कॉरीडोर की चौड़ाई 30 मीटर
बसों की लेन की चौड़ाई 6.9 मीटर
लो फ्लोर बसों की चौड़ाई 2.5 मीटर
बस स्टॉप की चौड़ाई 2.5 मीटर
सोमवार को महापौर और एमआईसी के सदस्यों ने मिसरोद से आरआरएल तिराहे तक बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (बीआरटीएस) कॉरीडोर का जायजा लिया। उन्होंने बीआरटीएस पर सवालिया निशान लगाते हुए ढेरों कमियां गिनाईं। वहीं एमआईसी मेंबर्स के सवालों के जवाब में निगम अफसर गोल मोल जवाब ही देते रहे। एमआईसी सदस्यों ने मिसरोद से आरआरएल तिराहे तक बीआरटीएस का जायजा लो फ्लोर बस में सवार होकर लिया।
बस स्टॉप बनेंगे मुसीबत का कारण
एमआईसी सदस्य कृष्ण मोहन सोनी ने कहा कि कॉरीडोर के बगल में बनी फास्ट मूविंग व्हीकल लेन (मिक्स लेन) की चौड़ाई कम है। कॉरीडोर में यात्रियों को उतारने के लिए 42 बस स्टॉप तैयार किए जाएंगे। जहां जहां इनको तैयार किया गया है वहां कॉरीडोर की चौड़ाई बढ़ाई गई है। ऐसे में बस स्टॉप के पास की मिक्स लेन संकरी हो जाएगी। इस समांनांतर रोड के संकरे होने से कॉरीडोर के आसपास चलने वाले वाहनों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। इससे यहां जाम की स्थित भी बन सकती है। इसके साथ ही जब आईएसबीटी से सागर रूट पर जाने वाली बसें मिक्स लेन से गुजरेंगी तो, तब क्या होगा।
करें अलग रंग
निरीक्षण के दौरान एमआईसी सदस्यों ने अधिकारियों को बस स्टॉप को अलग रंग से दर्शाने का सुझाव दिया। उन्होंने बताया कि साथ ही जहां-जहां भी बस स्टॉप बनाए गए हैं, वहां मिक्स्ड लेन की चौड़ाई और भी कम कर दी गई है, जो हादसे की वजह बन सकता है। ऐसे में इस जगह को अलग से प्रदर्शित करने के लिए इसका रंग अलग करना चाहिए ताकि लोगों को दूर से ही नजर आए और वह संभल जाएं। यही नहीं उन्होंने साफ कहा कि कॉरीडोर तो ठीक है, लेकिन मिक्स्ड लेन की चौड़ाई और होनी चाहिए थी। अगर सड़क चौड़ी होती और ट्रैफिक बेहतर तरीके से गुजरता। इस पर निगम अधिकारियों ने जवाब दिया की एफएमवी की चौड़ाई डेडीकेटेड कॉरीडोर से 4 इंच ज्यादा है।
बनाएं फुट ओवर ब्रिज
इस दौरान सदस्यों ने पूछा कि अगर किसी यात्री को दूसरी तरफ के फुटपाथ पर जाना है तो वह कैसे जाएगा? इस पर निगम अधिकारियों ने अत्याधुनिक सेंसर ट्रैफिक सिग्नल लगाने की बात महापौर को बताई। जिस पर एमआईसी सदस्य पंकज चौकसे ने सलाह दी सेंसर लगाने से ज्यादा फायदा नहीं होगा। लोग सिग्नल को मानते ही कहां हैं। इसलिए जरूरी है कि कॉरीडोर में एफओबी भी बनवाएं, जिसकी ज्यादा जरूरत है।
मजाक बना निरीक्षण
पूरे निरीक्षण के दौरान एमआईसर सदस्य हंसी मजाक करते नजर आए। गौरतलब है कि निरीक्षण के दौरान दस में से सात एमआईसी सदस्य पहुंचे थे। इसमें से कुछ ही सदस्य निरीक्षण के लिए गंभीर नजर आए, जबकि ज्यादातर सदस्य सिर्फ मजाक मस्ती के मूड में दिखे।
एक बार फिर करेंगे निरीक्षण
एमआईसी सदस्य आशाराम शर्मा ने बताया कि निरीक्षण का पहला चरण था। इसमें मिसरोद से आरएलएल तिराहे तक ही जायजा लिया है। अभी कुछ तकनीकी खामियां जरूर हैं, जिन्हें जल्द दूर किया जाएगा। वहीं निरीक्षण के दूसरे चरण में बोर्ड ऑफिस से बैरागढ़ तक कॉरीडोर का जायजा लिया जाएगा।
इन पर की चर्चा
मिक्स लेन की चौड़ाई बढ़ाई जाए
बस स्टॉप की चौड़ाई कम करने
कॉरीडोर की तकनीकि खामियां दूर करने
बस स्टॉप को अलग रंगों से प्रदर्शित करने
एफओबी बनाने को लेकर
फैक्ट फाइल
बीआरटीएस की डीपीआर बनी - 2006
बीआरटीएस को केंद्र से मंजूरी - 2007
निर्माण के लिए नगर निगम एजेंसी तय - 2008
टेंडर - 2009
वर्कआर्डर- फरवरी, 2009
कब तक पूरा होना था - फरवरी, 2011
कब - कब बढ़ी डेडलाइन - अगस्त-2011, दिसंबर-2011, दिसंबर 2012
अब नई डेडलाइन -अप्रैल 2013
अभी क्या स्थिति - चार साल में भी 70 फीसदी काम
बीआरटीएस की लागत - 247 करोड़ रुपए
अब तक खर्च राशि - 140 करोड़ रुपए
केंद्र से अब तक मिली राशि - 80 करोड़ रुपए
कुल लंबाई - 24 किलोमीटर
कॉरीडोर की चौड़ाई 30 मीटर
बसों की लेन की चौड़ाई 6.9 मीटर
लो फ्लोर बसों की चौड़ाई 2.5 मीटर
बस स्टॉप की चौड़ाई 2.5 मीटर
31 मार्च तक करें राष्ट्रीय राजमार्ग को चौड़ा भोपाल
कमिश्नर प्रवीण गर्ग ने भू-अर्जन अधिकारियों से कहा, ३१ मार्च तक राष्ट्रीय राजमार्गों को चौड़ी करण करने का काम हो जाए। साथ ही उन्होंने निर्देश दिए कि इसके लिए भू-अर्जन का प्लॉन पन्द्राह दिनों में तैयार कर लें। वे सोमवार को राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए भू-अर्जन की समीक्षा कर रहे थे।
उन्होंने कहा, वित्तीय वर्ष की समाप्ति से पहले राष्ट्रीय राजमार्गों के चौड़ीकरण और डामरीकरण का कार्य हो जाए। काम कोताही न बर्तें, उन्होंने अधिकारियों से दो टूक कहा काम में देरी होने पर संबंधित अनुविभागीय अभियंता और वरिष्ठों की जिम्मेदारी तय की जाएगी। भू-अर्जन की योजना बनाने में अगर कोई परेशानी आ रही है तो तत्काल सूचित करें, ताकि निपटारा किया जा सके। कमिश्नर ने इस बात पर नाराजगी जताई कि,पीडब्ल्यूडी, सीपीडब्ल्यूडी और रेवेन्यू के बीच तालमेल की कमी से एनएच का काम अपेक्षित गति से नहीं बढ़ पा रहा है। बैठक में संभागीय प्रबंधक मप्र सड़क विकास कारपोरेशन डीएस मीना, अधीक्षण यंत्री परियोजना क्रियान्वयन इकाई देवेंद्र तिवारी, उपायुक्त उर्मिला शुक्ला सहित भोपाल संभाग के लोक निर्माण विभाग और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के साथ ही संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
उन्होंने कहा, वित्तीय वर्ष की समाप्ति से पहले राष्ट्रीय राजमार्गों के चौड़ीकरण और डामरीकरण का कार्य हो जाए। काम कोताही न बर्तें, उन्होंने अधिकारियों से दो टूक कहा काम में देरी होने पर संबंधित अनुविभागीय अभियंता और वरिष्ठों की जिम्मेदारी तय की जाएगी। भू-अर्जन की योजना बनाने में अगर कोई परेशानी आ रही है तो तत्काल सूचित करें, ताकि निपटारा किया जा सके। कमिश्नर ने इस बात पर नाराजगी जताई कि,पीडब्ल्यूडी, सीपीडब्ल्यूडी और रेवेन्यू के बीच तालमेल की कमी से एनएच का काम अपेक्षित गति से नहीं बढ़ पा रहा है। बैठक में संभागीय प्रबंधक मप्र सड़क विकास कारपोरेशन डीएस मीना, अधीक्षण यंत्री परियोजना क्रियान्वयन इकाई देवेंद्र तिवारी, उपायुक्त उर्मिला शुक्ला सहित भोपाल संभाग के लोक निर्माण विभाग और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के साथ ही संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
सांसदों ने रेल महाप्रबंधक से कहा जल्द पूरा करें विकास कार्य , भोपाल
मध्य प्रदेश के सांसदों ने रेलवे के विकास कार्यों की धीमी रफ्तार पर चिंता जताते हुए वित्तीय वर्ष की समाप्ति से पहले ही पूरा करवाने और यात्री सुविधाएं बढ़ाने की मांग की है। सांसदों ने एकमत होकर रामगंजमण्डी-झालावाड एवं रामगंजमण्डी-भोपाल परियोजना को शीघ्र पूरा करने की मांग रखी।
दरअसल, पश्चिम मध्य रेल महाप्रबंधक सुनील वी आर्य के साथ सोमवार को सांसदों की बैठक थी, जिसमें भोपाल रेल मंडल के साथ ही जबलपुर और कोटा रेल मंडल के क्षेत्राधिकार में आने वाले क्षेत्र के सांसद शामिल हुए। बैठक कोटा के होटल उम्मेद भवन पैलेस में हुई, जिसमें मध्य सांसद कैलाश जोशी, कप्तान सिंह सोलंकी, रघुनंदन शर्मा, नारायण सिंह आमलाबे, गोविंद मिश्रा ने सुझाव दिए। सांसदों ने कई यात्री ट्रेनों के फेरे बढ़ाने और एक्सप्रेस ट्रेनों के नए स्टेशनों पर ठहराव करने पर जोर दिया है, ताकि प्रदेश की अधिक से अधिक जनता रेल सुविधा का लाभ उठा सके। बैठक में भोपाल मंडल रेल प्रबंधक राजीव चौधरी सहित पमरे के वरिष्ठ रेल अधिकारी शामिल थे। इस मौके पर रेलवे की भावी योजनाओं के साथ यात्री सुविधाओं में बढोतरी की जानकारी भी दी गई।
सांसद यह मांग की
-कैलाश जोशी भोपाल रेल मंडल के अधूरे पडेÞ विकास कार्यों को गति देकर जल्द पूरा करवाया जाए।
-कप्तान सिंह सोलंकी रेलवे समपार फाटकों को बंद करने से पहले सांसद की सहमति हो। कोटा-भोपाल, कोटा-बीना रेल लाईन का दोहरीकरण जल्द पूरा हो।
-रघुनंदन शर्मा शामगढ़ स्टेटशन के प्लेटफार्म- 2/3 का कार्य पूरा हो, कोटा-बीना ट्रेन उज्जैन तक बढाई जाए।
-नारायणसिंह आमलाबे मालवा एक्सप्रेस हफ्ते में तीन दिन वाया ब्यावरा से चले, रामगंजमण्डी-झालावाड-भोपाल रेल लाईन पूरी की जाए।
-गोविंदप्रसाद मिश्रा राजस्व बढ़ाने मप्र का 15 किलोमीटर एरिया हाजीपुर जोन से हटाकर पमरे में शामिल करें। इण्टरसिटी एक्सप्रेस का विजयसोता स्टेशन पर ठहराव।
दरअसल, पश्चिम मध्य रेल महाप्रबंधक सुनील वी आर्य के साथ सोमवार को सांसदों की बैठक थी, जिसमें भोपाल रेल मंडल के साथ ही जबलपुर और कोटा रेल मंडल के क्षेत्राधिकार में आने वाले क्षेत्र के सांसद शामिल हुए। बैठक कोटा के होटल उम्मेद भवन पैलेस में हुई, जिसमें मध्य सांसद कैलाश जोशी, कप्तान सिंह सोलंकी, रघुनंदन शर्मा, नारायण सिंह आमलाबे, गोविंद मिश्रा ने सुझाव दिए। सांसदों ने कई यात्री ट्रेनों के फेरे बढ़ाने और एक्सप्रेस ट्रेनों के नए स्टेशनों पर ठहराव करने पर जोर दिया है, ताकि प्रदेश की अधिक से अधिक जनता रेल सुविधा का लाभ उठा सके। बैठक में भोपाल मंडल रेल प्रबंधक राजीव चौधरी सहित पमरे के वरिष्ठ रेल अधिकारी शामिल थे। इस मौके पर रेलवे की भावी योजनाओं के साथ यात्री सुविधाओं में बढोतरी की जानकारी भी दी गई।
सांसद यह मांग की
-कैलाश जोशी भोपाल रेल मंडल के अधूरे पडेÞ विकास कार्यों को गति देकर जल्द पूरा करवाया जाए।
-कप्तान सिंह सोलंकी रेलवे समपार फाटकों को बंद करने से पहले सांसद की सहमति हो। कोटा-भोपाल, कोटा-बीना रेल लाईन का दोहरीकरण जल्द पूरा हो।
-रघुनंदन शर्मा शामगढ़ स्टेटशन के प्लेटफार्म- 2/3 का कार्य पूरा हो, कोटा-बीना ट्रेन उज्जैन तक बढाई जाए।
-नारायणसिंह आमलाबे मालवा एक्सप्रेस हफ्ते में तीन दिन वाया ब्यावरा से चले, रामगंजमण्डी-झालावाड-भोपाल रेल लाईन पूरी की जाए।
-गोविंदप्रसाद मिश्रा राजस्व बढ़ाने मप्र का 15 किलोमीटर एरिया हाजीपुर जोन से हटाकर पमरे में शामिल करें। इण्टरसिटी एक्सप्रेस का विजयसोता स्टेशन पर ठहराव।
आखिर कब होगी ट्रांसपोटर्स व आरा मशीनों की शिप्टिंग
-पिछले तीन साल से चल रही है कवायद
-घटना-दुर्घटना पर ही उठता है मामला
भोपाल। भारी वाहनों को रोजाना शहर में होते प्रवेश तथा टाल के पीठों पर गाहे-बगाहे लगती आग से घटना-दुर्घटना होती ही रहती है। कभी जनहानि होती है तो कभी धनहानि। कुल मिलाकर नुकसान होना तय है। बावजूद इसके शहर में स्थापित ट्रांसपोटर्स व आरा मशीनों को शि ट करने की प्रक्रिया अब तक पूरी नहीं हो सकी है। तीन साल से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन न तो जिला प्रशासन इस ओर कोई विशेष कदम उठा पा रहा है
और न ही अन्य विभाग। अब सवाल यह उठता है कि आखिर इनकी शि िटंग होगी भी या नहीं? यदि होती तो कब? सूत्रों की माने तो जिला प्रशासन की बेरूखी इनकी शि िटंग में रोड़ा बन रही है।
ट्रांसपोर्ट व्यावसायी
नगर निगम व बिजली विभाग की बेरूखी पड़ रही भारी
यह है स्थिति - कोकता स्थित रानी अवंतीबाई ट्रांसपोर्ट नगर में ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों के लिए 824 भूखंड काटे गए थे, इसमें 541 भूखंड ट्रांसपोर्टरों और 283 ाूखंड मैकेनिकों के लिए निर्धारित थे। प्रथम आओ प्रथम पाओ स्कीम के तहत इन भखंडों का वितरण किया गया। बावजूद इसके ट्रांसपोर्टर्स के लिए 194 और मैकेनिकों के लिए केवल 28 भूखंड खाली है,जिनका आवंटन होना है। यहीं नहीं जिनको प्लाट आवंटित कर दिए गए हैं। उनमें से भी करीब 60 या 70 ट्रासपोर्टरों ने ही कंस्ट्रक्शन किया है, जबकि अन्य ने बिल्डिंग परमीशन लेकर रख ली है। हालांकि जिला प्रशासन
पिछले तीन साल में ट्रांसपोर्टर्स व मैकेनिकों के साथ कई बार बैठकें कर चुके हैं, लेकिन नगर निगम व बिजली विभाग की अनदेखी की वजह से प्रक्रिया लटकी पड़ी हुई है। ट्रांसपोर्ट व्यावसायियों का कहना है कि नगर निगम व विद्युत विभाग पानी और बिजली सहित अन्य बुनियादी व्यवस्थाएं नहीं कर पा रहा है। इसके चलते शि िटंग अटकी पड़ी हुई है। ट्रांसपोर्टरों का तो यहां तक कहना है कि नगर निगम व बिजली विभाग के अधिकारी-कर्मचारी मीटिंग होने तक ही सक्रिय रहते हैं। इसके बाद मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है। कलेक्टर निकुंज कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में गत डेढ़ माह पहले हुई बैठक में तय किया गया था कि बिजली विभाग जल्द से जल्द ट्रांसफार्मर लगा देगा तथा नगर निगम नल कनेक्शन प्रदान कर देगा। हालात यह है कि दोनों व्यवस्थाएं अधूरी ही हैं।
यहां अटका मामला -
- जिन व्यावसायियों को प्लाट आवंटित हुए हैं, उनमें से अधिक प्लाट पर कंस्ट्रक्शन ही नहीं करना चाहते हैं।
- ट्रासपोर्टरों को लीज दी गई है, जबकि वह जमीन की एनओसी चाहते हैं। इसके चलते ट्रांसपोर्टरों को खटका बना हुआ है कि आज शहर के भीतर से हटाया जा रहा है, कल कोकता से भी हटवा दिया जाएगा।
- कुछ ट्रांसपोटर्स ने प्लाट पर निर्माण के लिए बिल्डिंग परमीशन नहीं ली है।
- मैकेनिकों के प्लाट आवंटन का मसला भी अटका हुआ है।
- पुराने शहर के ट्रांसपोटर्स शि िटंग में आनाकानी कर रहे हैं।
- बिजली विभाग अब तक न तो ट्रांसफार्मर लगवा सका है और न ही नगर निगम पानी के लिए नल कनेक्शन। अन्य व्यवस्थाएं भी जस की तस पड़ी हुई हैं।
आरा मशीन : लगातार लग रही आग से नहीं ले रहे सबक
यह है स्थिति - टिंबर मार्केट को शहर से बाहर ले जाने के प्रयास लगातार किए जा रहे हैं। 2007 में रविवार-सोमवार की दरमियानी रात बोगदापुल स्थित आरा मशीन में आग लगने के बाद ठंडे बस्ते में पड़े आरा मशीनों के शि िटंग के प्रोजेक्ट पर जिला प्रशासन ने काम करना शुरू किया। तीन चार जगह तलाशने के बाद चांदपुर की जगह चिन्हित की गई। इसके लिए बकायदा सीमांकन कर दिया गया, लेकिन मसला जमीन को लेकर अड़ गया। चिन्हित किए गए स्थान पर टिंबर मार्केट स्थिापित करने के लिए वन विभाग ने अधिसूचना जारी करने से मना कर दिया। वन विभाग के अधिकारियों का कहना था कि चिन्हित की गई जमीन के आठ किमी दूरी तक वन व आबादी नहीं होनी चाहिए तभी उस स्थान पर अनुमति दी जा सकती है। वर्तमान में शासन ने भी डी-नोटिफिकेशन जारी कर टिंबर मार्केेट की शि िटंग में आ रही बाधाओं को समाप्त कर दिया है। बावजूद इसके मामला अटका पड़ा हुआ है।
यहां अटका मामला
-नजूल वि ााग ने चंादपुर में इन आरा मशीनों की शि िटंग का एक प्रस्ताव बना कर आवास एवं पर्यावास वि ााग के पास अनुमति के लिए ोज दिया है। अनुमति अभी तक नहीं मिली है।
-घटना-दुर्घटना पर ही उठता है मामला
भोपाल। भारी वाहनों को रोजाना शहर में होते प्रवेश तथा टाल के पीठों पर गाहे-बगाहे लगती आग से घटना-दुर्घटना होती ही रहती है। कभी जनहानि होती है तो कभी धनहानि। कुल मिलाकर नुकसान होना तय है। बावजूद इसके शहर में स्थापित ट्रांसपोटर्स व आरा मशीनों को शि ट करने की प्रक्रिया अब तक पूरी नहीं हो सकी है। तीन साल से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन न तो जिला प्रशासन इस ओर कोई विशेष कदम उठा पा रहा है
और न ही अन्य विभाग। अब सवाल यह उठता है कि आखिर इनकी शि िटंग होगी भी या नहीं? यदि होती तो कब? सूत्रों की माने तो जिला प्रशासन की बेरूखी इनकी शि िटंग में रोड़ा बन रही है।
ट्रांसपोर्ट व्यावसायी
नगर निगम व बिजली विभाग की बेरूखी पड़ रही भारी
यह है स्थिति - कोकता स्थित रानी अवंतीबाई ट्रांसपोर्ट नगर में ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों के लिए 824 भूखंड काटे गए थे, इसमें 541 भूखंड ट्रांसपोर्टरों और 283 ाूखंड मैकेनिकों के लिए निर्धारित थे। प्रथम आओ प्रथम पाओ स्कीम के तहत इन भखंडों का वितरण किया गया। बावजूद इसके ट्रांसपोर्टर्स के लिए 194 और मैकेनिकों के लिए केवल 28 भूखंड खाली है,जिनका आवंटन होना है। यहीं नहीं जिनको प्लाट आवंटित कर दिए गए हैं। उनमें से भी करीब 60 या 70 ट्रासपोर्टरों ने ही कंस्ट्रक्शन किया है, जबकि अन्य ने बिल्डिंग परमीशन लेकर रख ली है। हालांकि जिला प्रशासन
पिछले तीन साल में ट्रांसपोर्टर्स व मैकेनिकों के साथ कई बार बैठकें कर चुके हैं, लेकिन नगर निगम व बिजली विभाग की अनदेखी की वजह से प्रक्रिया लटकी पड़ी हुई है। ट्रांसपोर्ट व्यावसायियों का कहना है कि नगर निगम व विद्युत विभाग पानी और बिजली सहित अन्य बुनियादी व्यवस्थाएं नहीं कर पा रहा है। इसके चलते शि िटंग अटकी पड़ी हुई है। ट्रांसपोर्टरों का तो यहां तक कहना है कि नगर निगम व बिजली विभाग के अधिकारी-कर्मचारी मीटिंग होने तक ही सक्रिय रहते हैं। इसके बाद मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है। कलेक्टर निकुंज कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में गत डेढ़ माह पहले हुई बैठक में तय किया गया था कि बिजली विभाग जल्द से जल्द ट्रांसफार्मर लगा देगा तथा नगर निगम नल कनेक्शन प्रदान कर देगा। हालात यह है कि दोनों व्यवस्थाएं अधूरी ही हैं।
यहां अटका मामला -
- जिन व्यावसायियों को प्लाट आवंटित हुए हैं, उनमें से अधिक प्लाट पर कंस्ट्रक्शन ही नहीं करना चाहते हैं।
- ट्रासपोर्टरों को लीज दी गई है, जबकि वह जमीन की एनओसी चाहते हैं। इसके चलते ट्रांसपोर्टरों को खटका बना हुआ है कि आज शहर के भीतर से हटाया जा रहा है, कल कोकता से भी हटवा दिया जाएगा।
- कुछ ट्रांसपोटर्स ने प्लाट पर निर्माण के लिए बिल्डिंग परमीशन नहीं ली है।
- मैकेनिकों के प्लाट आवंटन का मसला भी अटका हुआ है।
- पुराने शहर के ट्रांसपोटर्स शि िटंग में आनाकानी कर रहे हैं।
- बिजली विभाग अब तक न तो ट्रांसफार्मर लगवा सका है और न ही नगर निगम पानी के लिए नल कनेक्शन। अन्य व्यवस्थाएं भी जस की तस पड़ी हुई हैं।
आरा मशीन : लगातार लग रही आग से नहीं ले रहे सबक
यह है स्थिति - टिंबर मार्केट को शहर से बाहर ले जाने के प्रयास लगातार किए जा रहे हैं। 2007 में रविवार-सोमवार की दरमियानी रात बोगदापुल स्थित आरा मशीन में आग लगने के बाद ठंडे बस्ते में पड़े आरा मशीनों के शि िटंग के प्रोजेक्ट पर जिला प्रशासन ने काम करना शुरू किया। तीन चार जगह तलाशने के बाद चांदपुर की जगह चिन्हित की गई। इसके लिए बकायदा सीमांकन कर दिया गया, लेकिन मसला जमीन को लेकर अड़ गया। चिन्हित किए गए स्थान पर टिंबर मार्केट स्थिापित करने के लिए वन विभाग ने अधिसूचना जारी करने से मना कर दिया। वन विभाग के अधिकारियों का कहना था कि चिन्हित की गई जमीन के आठ किमी दूरी तक वन व आबादी नहीं होनी चाहिए तभी उस स्थान पर अनुमति दी जा सकती है। वर्तमान में शासन ने भी डी-नोटिफिकेशन जारी कर टिंबर मार्केेट की शि िटंग में आ रही बाधाओं को समाप्त कर दिया है। बावजूद इसके मामला अटका पड़ा हुआ है।
यहां अटका मामला
-नजूल वि ााग ने चंादपुर में इन आरा मशीनों की शि िटंग का एक प्रस्ताव बना कर आवास एवं पर्यावास वि ााग के पास अनुमति के लिए ोज दिया है। अनुमति अभी तक नहीं मिली है।
राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए भू-अर्जन के कार्य में तेजी लाएं: कमिश्नर , भोपाल
कमिश्नर भोपाल संभाग प्रवीण गर्ग ने आज राष्ट्रीय राजमार्गों के लिये भू-अर्जन के संबंध में भोपाल संभाग के अधिकारियों की बैठक में निर्देश दिए कि राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए भू-अर्जन की कार्रवाई में तेजी लाई जाये और इस संबंध में सभी तैयारी 15 दिनों के भीतर पूरी करना सुनिश्चित करें। गर्ग ने अधिकारियों से 31 मार्च तक सभी सड़कों के कार्य पूर्ण करने की ताकीद की । बैठक में सुंभागीय पर्् ाबंधक म.प्र.सड़क विकास कारपोरेशन डी.एस.मीना, अधीक्षण यंत्री परियोजना क्रियान्वयन इकाई श्री देवेन्द्र तिवारी, उपायुक्त श्रीमती उर्मिला शुक्ला सहित भोपाल संभाग के लोक निर्माण विभाग और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों सहित संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। बैठक में श्री गर्ग ने निर्देश दिए कि राष्ट्रीय राजमार्ग और राज्य राजमार्ग के कार्यों में तेजी लाई जाये । सड़क निर्माण या मरम्मत के कार्य में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाये । मध्यप्रदेश सड़क विकास कारपोरेशन और राष्ट्रीय राज्य मार्ग की सड़के जो प्रदेश से होकर गुजरती हैं उनके चौड़ीकरण के कार्य किया जाना है जिसके लिये भू- अर्जन की कार्यवाही की जाना है । भू- अर्जन की कार्यवाही में कोई विलम्ब नहीं हो और संबंधित को भूमि का मुआवजा समय पर प्राप्त हो इसका विशेष ध्यान रखा जाये । इस कार्य में किसी प्रकार की शिकायत प्राप्त नहीं होना चाहिए। बैठक में कमिश्नर श्री गर्ग ने कहा कि सड़कों का चौड़ीकरण, निर्माण और मरम्मत का कार्य अति आवश्यक है इसके लिए इससे संबंधित सभी एजेंसियां मिलकर तेजी से कार्य करें और 31 मार्च तक सड़कों के कार्य पूर्ण करना सुनिश्चित करें।
नंदी के बयान पर दलित-पिछड़े लामबंद -धरना प्रदर्शन आज ,भोपाल
जयपुर साहित्य समारोह में साहित्याकार आशीष नंदी द्वारा दिए बयान पर दलित और पिछड़े संगठन लामबंद हो गए हैं। साहित्य समारोह में नंदी 'विचारों का गणराज' विषय पर बोलते हुए कहा था, दलित और पिछड़े सबसे ज्यादा भ्रष्ट हैं। संगठनों ने इसे अभद्र और असंस्कृत बयान करार देते हुए मंगलवार को धरना-प्रदर्शन करने की बात कही है। संगठनों ने कहा उनकी यह टिप्णी भारतीय दण्ड संहिता की धारा 506 और अनुसूचित जाति जनजाति अधिकार संरक्षण अधिनियम की धारा 3-1-10 के तहत अपराध की श्रेणी में आती है। इस असंसदीय बयान से पूरे देश के दलित/पिछड़ों में भारी असंतोष है। संगठनों ने साहित्यकार पर कानूनी कार्रवाई की मांग की है। दलित-पिछड़े संगठन बोर्ड ऑफिस चौराहा पर एकत्र हो रैली के रूप में प्रदर्शन करते हुए अनुसूचित जाति कल्याण थाना पहुंचेंगे और विरोध दर्ज कराएंगे। इसमें अजाक्स, अपाक्स, राष्ट्रीय मूल निवासी चेतना मिशन, अखिल भारतीय अनुसूचित जाति परिषद्, दलित मुक्ति सेना, आरपीआई पार्टी एवं बहुजन शक्ति सेना शामिल हैं।
मिली भगत से निजी हो गया सरकारी खसरा, बिल्डरों के कब्जे में ७० करोड़ की सरकारी जमीन ,बिल्डरों ने बनाई कालोनी और शॉपिंग कॉम्पलेक्स

-अवार्ड और अनुमोदन आदेश में नहीं दर्शाए बोर्ड के अधिपत्य वाले खसरे
-१९८९ को जारी हुई अधिसूचना में शामिल थे ये खसरे
हेमन्त पटेल, भोपाल।
०९८९३७१११४७.
मेन अयोध्या बाईपास रोड से लगी शासन की करीब साढ़े पांच एकड़ जमीन पर श्रीराम कालोनाईजर व कम्फर्ट हेरिटेज ने कब्जा कर कालोनी और शॉपिंग काम्पलेक्स बना दिए हैं। वर्तमान में ७० करोड़ की ये जमीन निजी हाथों में चली गई है। शातिर बिल्डरों ने अधिकारियों से मिली भगत कर शासकीय दर्शाने वाले खसरों को 'भू-अर्जन' (अवार्ड) और 'आयुक्त अनुमोदन' आदेश से हटावा दिया, जबकि अधिसूचना में यह खसरे शामिल हैं। इन खसरों को अभी भी अधिसूचना देखा जा सकता है।
शासकीय भूमि को कब्जाने का काम १९९१ में ही हो गया था। इसके बाद कालोनी सहित अन्य निर्माण किए गए। वर्तमान में मल्टी स्टोरी का निर्माण चल रहा है, जो खसरा न. १४१ के हिस्से में है। यह भूमि मप्र हाउसिंग बोर्ड के कब्जे की है। मामला नरेला शंकरी के विस्थापित किसानों के लिए लड़ रहे योगेन्द्र कुमार पाठक और सुरेश कुमार अग्रवाल द्वारा अधिसूचना के अध्ययन के बाद सामने आया। श्री पाठक ने अधिकारियों की साठ-गाठ की शिकायत राज्यपाल, मुख्यमंत्री से लेकर अनुविभागीय अधिकारी गोविन्दपुरा को की है। खास बात यह है कि १९९१ में अधिगृहित की गई उक्त भूमि के साथ पास ही लगी अन्य भूमि पर विवाद चल रहा है। श्री पाठक के अनुसार मप्र गृह निर्माण मंडल द्वारा नरेलाशंकरी के किसानों की कृषि भूमि १९९१ अवैध रूप से अधिग्रहित (कब्जा) की गई थी।
-किस खसरे पर क्या निर्माण
खसरा क्र.- १४६
टनाटन ढाबा, मैरिज गार्डन, पीडब्ल्यूडी की सड़क (वर्तमान बाई पास अध्योध्या रोड), श्रीराम कालोनी बनी हुई है।
खसरा क्र.- २९५/१४१
खसरा क्र.-१४१ के कुछ हिस्से पर श्रीराम ने बनाई अवैध श्रीराम कैंपस (कालोनी) बनाया है। इसी तरह खसरा क्र.- १४४ की साढ़े तीन एकड़ में कम्फर्ट हेरीटेज का कब्जा। वहीं खसरा क्र.-१४५ जो हाउसिंग बोर्ड के नाम है। इसके कुछ हिस्से पर भी कम्फर्ट हेरीटेज ने अवैध निर्माण किया है।
-ऐसे समझे अधिसूचना, अवार्ड और अनुमोदन
अधिसूचना:-
राज्य शासन अपनी किसी एजेंसी जैसे, हाउसिंग बोर्ड, बीडीए और पीडब्ल्यूडी सहित अन्य के लिए भूमि अधिग्रहित करने से पहले भूमि अधिग्रहण कानून १८९४ की धारा-४(1) तथा धारा-६ अधिसूचना जारी करती है। इसका प्रकाशन राजपत्र सहित समाचार पत्रों किया जाता है। राजपत्र में शासन द्वारा ली जा रही भूमियों के खसरे व रकबा का शामिल किया जाता है। राजपत्र में प्रकाशन के साथ भूमियों के खसरों-रकबों में फेर-फार नहीं की जा सकती। इस प्रकाशन को ही अधिसूचना कहते हैं।
अवार्ड:-
अधिसूचना के बाद, सार्वजनिक प्रयोजन हेतु शासन द्वारा ली जारी निजी भूमियों की कीमत भूमि मालिकों को देने के लिए भू-अर्जन अधिकारी द्वारा भूमि की कीमत तय की जाती है। तथा भूमि अधिग्रहण (कब्जा) के पहले भूमि की कीमत मुआवजा के रूप में भू-स्वामियों को दी जाती है। इसके लिए जारी आदेश को ही अवार्ड कहा जाता है।
आयुक्त द्वारा अनुमोदन:-
मप्र शासन द्वारा ऐसा निर्देशित है कि अवार्ड यदि दस लाख रुपए से अधिक है तो यह अवार्ड संभाग आयुक्त द्वारा अनुमोदित होने के बाद ही पारित किया जाए। संभाग आयुक्त द्वारा किए जाने वाले अनुमोदन को 'आयुक्त द्वारा अनुमोदनÓ कहा जाता है। १० लाख से अधिक के अवार्ड के लिए सीधे-सीधे भू-अर्जन अधिकारी को अधिकार नहीं दिया गया है।
-अधिसूचना से पहले ये
अधिसूचना से पहले संबंधित विभाग अपनी आवश्यकता अनुसार भूमि चयन कर, उसकी उपयोगिता की जांच कर एक रिपोर्ट अपने ही विभाग मुख्यालय को सौंपती है। इसे जांच कर विभाग अधिग्रहण के लिए राजस्व विभाग को भेजा जाता है। राजस्व विभाग इस पर जांच के बाद विभाग को अनुमति देता है। विभाग इस अनुमति के आधार पर एक पत्र कलेक्टर भू-अर्जन अधिकारी को देता है। भू-अर्जन अधिकारी उक्त आवेदन पर कार्रवाई करते हुए तहसीलदार द्वारा प्रश्नाधिन भूमि का क्षेत्रिय परीक्षण करा, किसी विवाद में न होने पर अधिसूचना की कार्रवाई करता है। इसी के साथ भू-अर्जन अधिकारी विभाग को भूमि अधिग्रहित का अधिकार देता है।
-ऐसे समझे शासकीय और निजी घालमेल
अधिसूचना में अधिग्रहित की जा रही भूमियों में खसरा न.-144 और १४६ की लगभग साढ़े पांच एकड़ भूमि शामिल थी। जिसे अवार्ड में शामिल ही नहीं किया गया। इस तरह भू-अर्जन अधिकारी ने बिल्डरों को उक्त भूमि दे डाली। गौर करने वाली बात यह है कि कमिश्नर, कलेक्टर और हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों ने इस पर कोई आपत्ति ही नहीं दर्ज कराई। जबकि तीनों स्तर के अधिकारियों के समक्ष ही अधिसूचना और अवार्ड होता है। इस तरह शासकीय कब्जे वाली भूमि निजी हाथों में चली गई।
-हटाया जाएगा कब्जा
प्रकरण मिला है, इसकी जांच भी शुरू करा दी गई है। शासन की जमीन पर जिन बिल्डरों ने कब्जा जमाया है, उसे हटाया जाएगा।
अमरजीत सिंह पंवार, एसडीएम, गोविन्दपुरा
-बिल्डर-अधिकारियों की मिली भगत
अधिकारियों की मिली-भगत से ही शासन की जमीन पर बिल्डरों ने कालोनी और कॉॅम्प्लेक्स बनाए हैं। अधिकारियों की मिली भगत से इन जमीनों के खसरे अवार्ड और अनुमोदन कागजों से हटवा दिए।
योगेन्द्र कुमार पाठक, संस्थापक, नरेलाशंकरी विस्थापित पुनर्वास अभियान
-जांच नहीं करते अधिकारी
हम सालों किसानों की लड़ाई लड़ रहे हैं, लेकिन विभागीय अधिकार इस तरफ ध्यान नहीं दे रहे हैं। पूर्व के जिन अधिकारियों ने मिली भगत कर जो किया है, उसकी जांच भी विभागीय अधिकारी नहीं करना चाहते। इसी के चलते किसानों को न्याय नहीं मिल पा रहा है।
सुरेश कुमार अग्रवाल, पदाधिकारी, नरेलाशंकरी विस्थापित पुनर्वास अभियान
विधायक सहित 200 आचरणकर्ताओंं ने किया अग्निहोत्र भोपाल
देश भर से जुटे आचरणकर्ताओं और विधायक ने सामूहिक रूप से सीहोर रोड बैरागढ़ स्थित माधव आश्रम में सोमवार को अग्निहोत्र किया। विधायक विश्वास सारंग तथा पार्षद ममता तिवारी सहित इसमें 200 से अधिक आचरणकर्ता शामिल थे। दो दिवसीय आचरणकर्ता सम्मेलन का मंगलवार को समापन हुआ। इस अवसर पर आश्रम की संचालिका नलिनी माधव ने प्रचारकों से आह्वान किया कि वे मानव धर्म और प्राणीमात्र सेवा के लिए वैदिक जीवन पद्धति यानी अग्निहोत्र आचरण का संदेश जन-जन तक पहुंचाएं। इसके लिए प्रचार के आधुनिक माध्यमों जैसे मोबाइल, टेलीफोन, इंटरनेट से लेकर प्रदर्शनी और अन्य माध्यमों का सहारा लिया जा सकता है। दूसरी ओर प्रचारकों ने अपनी साल भर की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए नए शुरू कराए गए अग्निहोत्र की जानकारी दी।
चार सत्रों में आयोजित इस सम्मेलन में नरेंद्र जायसवाल कानपुर, डॉ. हर्षद परमार जबलपुर, कैलाश गंगवाल जयपुर, अरविंद बिड़वई और मदुरै से आए दीपक परमार ने अग्निहोत्र आचरण को वैश्विक स्तर पर प्रचारित करने के सुगम और आसान तरीके अपनाने पर जोर दिया। अंतिम दिन वरिष्ठ प्रचारक रमेश तोलंबिया के दिशानिर्देशन में शाम 6:01 बजे आश्रम परिसर में हुए सामूहिक अग्निहोत्र में विधायक श्री सारंग और पार्षद श्रीमती तिवारी के अलावा युवा भाजपा नेता सुमित पचौरी सहित राकेश कोटा, मनीष पांडे, शीतलप्रसाद मिश्रा, हर ाजन मीना अग्निहोत्री, बदनसिंह ठाकुर, जीपी मालवीय सहित अन्य ने आहुति दी।
चार सत्रों में आयोजित इस सम्मेलन में नरेंद्र जायसवाल कानपुर, डॉ. हर्षद परमार जबलपुर, कैलाश गंगवाल जयपुर, अरविंद बिड़वई और मदुरै से आए दीपक परमार ने अग्निहोत्र आचरण को वैश्विक स्तर पर प्रचारित करने के सुगम और आसान तरीके अपनाने पर जोर दिया। अंतिम दिन वरिष्ठ प्रचारक रमेश तोलंबिया के दिशानिर्देशन में शाम 6:01 बजे आश्रम परिसर में हुए सामूहिक अग्निहोत्र में विधायक श्री सारंग और पार्षद श्रीमती तिवारी के अलावा युवा भाजपा नेता सुमित पचौरी सहित राकेश कोटा, मनीष पांडे, शीतलप्रसाद मिश्रा, हर ाजन मीना अग्निहोत्री, बदनसिंह ठाकुर, जीपी मालवीय सहित अन्य ने आहुति दी।
सोमवार, 28 जनवरी 2013
अग्निहोत्र करता है प्राणियों और पर्यावरण की रक्षा : नलिनी
-देश भर से जुटे सीहोर रोड स्थित माधव आश्रम में आचरणकर्ता-प्रचारक
भोपाल।
अग्निहोत्र महयज्ञ न केवल एक यज्ञ है, बल्कि पर्यावरण और मानव के लिए सुरक्षा कवच भी है। प्रतिदिन सुबह और शाम को संधिकाल के दौरान मात्र दो आहुतियां छोड़कर हम जहां ईश्वर के समीप पहुंचने का मार्ग प्रशस्त करते हैं, वहीं तेजी से पैर पसार रहे प्रदूषण से वायुमंडल को मुक्ति दिलाने में भी सहायक होते हैं। ये विचार बैरागढ़ स्थित माधव आश्रम में रविवार को प्रारंभ हुई दो दिवसीय वार्षिक प्रचारक सभा के प्रथम सत्र में आश्रम की संचालिका पूज्य नलिनी माधव ने व्यक्त किए। उन्होंने अग्निहोत्र आचरणकर्ताओं से आव्हान किया कि इस महायज्ञ को निश्चित रूप से अपने दैनिक जीवन में आत्मसात करते हुए इस ईश्वरीय संदेश को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प लें। इस अवसर पर वरिष्ठ आचरणकर्ता भैया जयंत पोतदार ने कहा कि अग्निहोत्र आचरण का संदेश ईश्वरीय कार्य और मानव सेवा है। उन्होंने कहा कि आज विश्व के हर देश में अग्निहोत्र का आचरण होता है, हालांकि पाश्चात्य देशों में होम थैरेपी अथवा अग्निहोत्र थैरेपीआदि विभिन्न नामों से जाना जाता है। प्रचारक सभा के शुभरंभ में नन्हें प्रचारक विनय पोतदार ने राष्ट्रभक्ति गीत भारत माता तेरे रक्षक हैं हम की प्रस्तुति दी।
प्रस्तुत की प्रगति रिपोर्ट
इस अवसर पर आश्रम के वरिष्ठ सहायक विवेक पोतदार ने स्वागत वक्तव्य देते हुए वार्षिक प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। इसी तरह मप्र सहित उत्तरप्रदेश, राजस्थान, गुजरात, तमिलनाडु, बिहार आदि प्रदेशों से आए सैकड़ों प्रचारकों ने अपनी प्रचार प्रगति से अवगत कराया।
भोपाल।
अग्निहोत्र महयज्ञ न केवल एक यज्ञ है, बल्कि पर्यावरण और मानव के लिए सुरक्षा कवच भी है। प्रतिदिन सुबह और शाम को संधिकाल के दौरान मात्र दो आहुतियां छोड़कर हम जहां ईश्वर के समीप पहुंचने का मार्ग प्रशस्त करते हैं, वहीं तेजी से पैर पसार रहे प्रदूषण से वायुमंडल को मुक्ति दिलाने में भी सहायक होते हैं। ये विचार बैरागढ़ स्थित माधव आश्रम में रविवार को प्रारंभ हुई दो दिवसीय वार्षिक प्रचारक सभा के प्रथम सत्र में आश्रम की संचालिका पूज्य नलिनी माधव ने व्यक्त किए। उन्होंने अग्निहोत्र आचरणकर्ताओं से आव्हान किया कि इस महायज्ञ को निश्चित रूप से अपने दैनिक जीवन में आत्मसात करते हुए इस ईश्वरीय संदेश को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प लें। इस अवसर पर वरिष्ठ आचरणकर्ता भैया जयंत पोतदार ने कहा कि अग्निहोत्र आचरण का संदेश ईश्वरीय कार्य और मानव सेवा है। उन्होंने कहा कि आज विश्व के हर देश में अग्निहोत्र का आचरण होता है, हालांकि पाश्चात्य देशों में होम थैरेपी अथवा अग्निहोत्र थैरेपीआदि विभिन्न नामों से जाना जाता है। प्रचारक सभा के शुभरंभ में नन्हें प्रचारक विनय पोतदार ने राष्ट्रभक्ति गीत भारत माता तेरे रक्षक हैं हम की प्रस्तुति दी।
प्रस्तुत की प्रगति रिपोर्ट
इस अवसर पर आश्रम के वरिष्ठ सहायक विवेक पोतदार ने स्वागत वक्तव्य देते हुए वार्षिक प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। इसी तरह मप्र सहित उत्तरप्रदेश, राजस्थान, गुजरात, तमिलनाडु, बिहार आदि प्रदेशों से आए सैकड़ों प्रचारकों ने अपनी प्रचार प्रगति से अवगत कराया।
सरपंचों ने कहा दान नहीं अधिकार चाहिए
-लांमबंद होने की तैयारी, किया मानदेय का विरोध
भोपाल। प्रदेश के सरपंच सरकार को आड़े हाथ लेते हुए लामबंद होने की तैयारी कर रहे हैं। ग्राम पंचायत लांबाखेड़ा के सरपंच ममता नारायणसिंह गौर ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने ग्राम पंचायतों में पंच, सरपंचों का मानदेय तीन गुना किए जाने की घोषणा की है। यह सरकार द्वारा दी गई सौगात नहीं, बल्कि उनका अधिकार है। इसे पहले ही किया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि एक तरफ जहां भाजपा सरकार ने सरपंचों और जनपद व जिला पंचायत अध्यक्षों को वित्तीय अधिकारों से वंचित कर रखा। इससे प्रदेश के ग्राम जीवन में विकास पर अवरोध पैदा हुआ है। वहीं अब चुनावी वातावरण में जनप्रतिनिधियों के मानदेय में वृद्धि कर राज्य सरकार ग्रामीणों की वाहवाही लूटने का प्रयास कर रहे हैं। पिछड़ा वर्ग कांग्रेस के प्रदेश सचिव नारायणसिंह गौर ने कहा कि पूर्व में कांग्रेस शासन के दौरान पंच-सरपंचों को जो मौलिक और वित्तीय अधिकार प्राप्त थे, उन्हें बहाल किए जाए। उन्होंने कहा कि पंचायत सचिवों की सीआर लिखने का अधिकार सरपंचों को मिले, ताकि सचिवों की मनमानी कार्यशैली पर अंकुश लगाया जा सके। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि ग्रामीण जनजीवन को खुशहाल बनाने के लिए ग्रामीण अंचल में संचालित विकास योजनाओं के क्रियान्वयन का अधिकार सरपंचों के अधिकार क्षेत्र में दिया जाए।
भोपाल। प्रदेश के सरपंच सरकार को आड़े हाथ लेते हुए लामबंद होने की तैयारी कर रहे हैं। ग्राम पंचायत लांबाखेड़ा के सरपंच ममता नारायणसिंह गौर ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने ग्राम पंचायतों में पंच, सरपंचों का मानदेय तीन गुना किए जाने की घोषणा की है। यह सरकार द्वारा दी गई सौगात नहीं, बल्कि उनका अधिकार है। इसे पहले ही किया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि एक तरफ जहां भाजपा सरकार ने सरपंचों और जनपद व जिला पंचायत अध्यक्षों को वित्तीय अधिकारों से वंचित कर रखा। इससे प्रदेश के ग्राम जीवन में विकास पर अवरोध पैदा हुआ है। वहीं अब चुनावी वातावरण में जनप्रतिनिधियों के मानदेय में वृद्धि कर राज्य सरकार ग्रामीणों की वाहवाही लूटने का प्रयास कर रहे हैं। पिछड़ा वर्ग कांग्रेस के प्रदेश सचिव नारायणसिंह गौर ने कहा कि पूर्व में कांग्रेस शासन के दौरान पंच-सरपंचों को जो मौलिक और वित्तीय अधिकार प्राप्त थे, उन्हें बहाल किए जाए। उन्होंने कहा कि पंचायत सचिवों की सीआर लिखने का अधिकार सरपंचों को मिले, ताकि सचिवों की मनमानी कार्यशैली पर अंकुश लगाया जा सके। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि ग्रामीण जनजीवन को खुशहाल बनाने के लिए ग्रामीण अंचल में संचालित विकास योजनाओं के क्रियान्वयन का अधिकार सरपंचों के अधिकार क्षेत्र में दिया जाए।
कमिश्नर-कलेक्टर ने फहराया तिरंगा ,भोपाल
कमिश्नर और कलेक्टर कार्यालय में गणतंत्र दिवस पर क्रमश: कमिश्नर प्रवीण गर्ग व कलेक्टर निकुंज कुमार श्रीवास्तव ने ध्वजारोहण किया। इस अवसर पर कमिश्नर कार्यालय के प्रांगण में अपर आयुक्त श्रीमती उर्मिल मिश्र, उपायुक्त श्रीमती उर्मिला शुक्ला, सीएल डोडियार, कलेक्टर श्री श्रीवास्तव सहित वरिष्ठ अधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे। कमिश्नर श्री गर्ग ने इस दौरान अधिकारी-कर्मचारियों से कहा, हमारे संविधान के अनुसार हम काम करें। अपने अधिकारों के साथ कर्तव्यों को ठीक से पहचाने और उनका निर्वहन करें। वहीं कलेक्ट्रेट में कलेक्टर के साथ अपर कलेक्टर बसंत कुर्रे सहित वरिष्ठ अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।
ऑफिसर्स मैस में शोकसभा आज ,भोपाल
मप्र कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा 1955 बैच के सेवानिवृत अधिकारी एनवी कृष्णन का बीते दिनों दिल्ली में निधन हो गया था। मप्र आईएएस एसोसिएशन सोमवार शाम 7 बजे आईएएस ऑफिसर्स मैस चार इमली शोकसभा के जरिए उन्हें श्रद्धांजलि देगा। एसोसिएशन के सचिव निकुंज कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि इस दौरान एसोसिएशन से जुड़े सभी ऑफिसर्स उपस्थित रहेंगे।
सिग्नल पकडऩे से पहले वीडियोकॉन हुआ सायलेंट
-किसी भी अधिकारी के पास कोई जवाब नहीं
-कवरेज क्षेत्र से बाहर हुईं मप्र-छग की २५ लाख घंटियां
-नहीं हो रहे छोटे-बेड़े रीचार्ज, रिटेलर से लेकर ग्राहक परेशान
हेमन्त पटेल, भोपाल।
९८९३७१११४७.
१८ जनवरी, २०१३ को ही मप्र-छत्तीसगढ़ के बाजार में दोबारा उतरी निजी संचार सेवा कंपनी वीडियोकॉन का नेटवर्क अचानक गायब होने लगा है। बीते दो दिनों से रीटेलर्स से लेकर उपभोक्ता परेशान हैं। कंपनी का एक्टीवेशन और रीचार्ज नहीं हो रहे हैं। कंपनी प्रबंधन इस बारे में कुछ भी बोलने से बच रहा है।
मप्र-छग में कंपनी अपने २५ लाख से अधिक यूजर्स होने का दावा करती है। इस हिसाब से इन उपभोक्ताओं का नेटवर्क अचानक टूट रहा है। २५ जनवरी की आधी रात से नेटवर्क संबंधित परेशानियां शुरू हुईं। शनिवार, २६ जनवरी दोपहर के बाद से रीटलर्स के पास से रीचार्ज भी होना बंद हो गए। हालांकि कुछ शहरों में रीटलर्स की लापू (बैलेंस डालने वाली सिम) २५ को ही बंद हो गई। सबसे ज्यादा मुसीबत उन सेवाधारकों की हुई जो छोटे बैलेंस कराते हैं। प्रबंधन में उच्च पदस्थ एक अधिकारी की माने तो कंपनी मप्र-छग में ४जी लांच करने जा रही है। इससे पूर्व नेटवर्क टेस्ट का काम चल रहा है, जिसके चलते कंपनी की संचार सेवाएं बांधित हुई हैं। नाम न देने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया सोमवार दोपहर २ बजे से नेटवर्क सुधर जाएगा, लेकिन पूर्णत: दुरुस्त होने में ३० जनवरी तक का वक्त लग सकता है। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में वीडियोकॉन ३जी मोड पर काम कर रहा है। इसकी फिक्वेंशी १८०० बैंड है। टूजी घोटाला उजागर होने के बाद वीडियोकॉन का भी लायसेंस रद्द किया गया था। इसके चलते सवा माह तक वीडियोकॉन ने सेवाएं बंद रखी। बीते साल दिसंबर में मप्र-छग सर्किल के साथ ५ अन्य सर्किलों के लिए इसने लायसेंस प्राप्त किया। फिर १८ जनवरी को विधिवत बाजार में उतारा।
-इसलिए परेशानी
आइडिया की तरह ही वीडियोकॉन मप्र-छग में अपना नेटवर्क और तगढ़ा करना चाह रही है। इसी के चलते नेटवर्किंग संबंधित दिक्कतें यूजर्स को हो रही हैं। कंपनी ने ३जी बीटीएस बंद कर दिया है। अब तक कंपनी इस नेटवर्क के जरिए संचार सेवाएं दे रही थी। जब कंपनी नए नेटवर्क पर सेवाएं देने की तैयारी करती है, उससे पहले कुछ दिनों के लिए पुराना नेटवर्क बंद किया जाता है। ट्राइ ने मप्र-छग को निजी संचार सेवा प्रदाता कंपनियों को ५ जोन में बांट रखा है। इसी क्राइट एरिया के अनुसार इन्हें काम करना होता है। कंपनियां इन्हीं जोनों के हिसाब से नेटवर्क अपडेट करती हैं।
-यह भी हुआ बंद
इंदौर, भोपाल, ग्वालियर और रायपुर में नेट सर्विस पूरी तरह बंद हो गई है। भोपाल-इंदौर के रिटेलर्स की माने तो वीडियोकॉन का नेट शुरू से बताई जा रही गति से धीमा चल रहा है। २५ जनवरी से यह भी पूरी तरह बंद हो गया। नवीन नम्बर भी बंद हो गए हैं। साथ ही कंपनी ने अपने कस्टूमर केयर नम्बर-121 से सेवाएं देना भी शुरू नहीं की हैं।
-यह भी दिक्कत
दूसरी ओर वीडियोकॉन कस्टूमर के मैसेज बीएसएनएल यूजर्स को नहीं पहुंच रहे हैं, जबकि इसका पैसा वीडियो कॉन से कट रहा है। इस बारे में वीडियोकॉन प्रबंधन का कहना है, बीएसएनएल ने आधिकारिक रूप से हमारी सेवाएं स्वीकारी नहीं है, जल्द ही इसकी औपचारिकता पूरी होगी।
उल्लेखनीय है कि भोपाल-इंदौर के डिस्ट्रीब्यूटर्स ने कंपनी को इस बारे में शिकायत की है पर समाधान अब नहीं हुआ है।
-मैं अधिकृत नहीं
मैं इस बारे में कुछ नहीं कह सकता। कंपनी की तरफ से इस बारे में बोलने के लिए मैं अधिकृत नहीं हूं।
संजय खरे, डिस्ट्रीब्यूटर हैड, वीडियोकॉन
-मैं दिखवाता हूं
हम नेटवर्क ३जी से ४जी कर रहे हैं। नेटवर्क में किसी प्रकार की कोई परेशानी आ रही है तो मैं इसे दिखवाता हूं।
रोहित शर्मा, सर्कल हैड, इंदौर
-सर्वर डाउन
ग्राहका को बैलेंस नहीं कर पा रहा हूं। २५ जनवरी से सर्वर डाउन चल रहा है। कंपनीवालों से बात की थी, वह नेटवर्क एक-दो दिन में सुधरने का कह रहे हैं।
रोहित पंथी, संचालक, भारत एसटीडी स्टेशन रोड
-कवरेज क्षेत्र से बाहर हुईं मप्र-छग की २५ लाख घंटियां
-नहीं हो रहे छोटे-बेड़े रीचार्ज, रिटेलर से लेकर ग्राहक परेशान
हेमन्त पटेल, भोपाल।
९८९३७१११४७.
१८ जनवरी, २०१३ को ही मप्र-छत्तीसगढ़ के बाजार में दोबारा उतरी निजी संचार सेवा कंपनी वीडियोकॉन का नेटवर्क अचानक गायब होने लगा है। बीते दो दिनों से रीटेलर्स से लेकर उपभोक्ता परेशान हैं। कंपनी का एक्टीवेशन और रीचार्ज नहीं हो रहे हैं। कंपनी प्रबंधन इस बारे में कुछ भी बोलने से बच रहा है।
मप्र-छग में कंपनी अपने २५ लाख से अधिक यूजर्स होने का दावा करती है। इस हिसाब से इन उपभोक्ताओं का नेटवर्क अचानक टूट रहा है। २५ जनवरी की आधी रात से नेटवर्क संबंधित परेशानियां शुरू हुईं। शनिवार, २६ जनवरी दोपहर के बाद से रीटलर्स के पास से रीचार्ज भी होना बंद हो गए। हालांकि कुछ शहरों में रीटलर्स की लापू (बैलेंस डालने वाली सिम) २५ को ही बंद हो गई। सबसे ज्यादा मुसीबत उन सेवाधारकों की हुई जो छोटे बैलेंस कराते हैं। प्रबंधन में उच्च पदस्थ एक अधिकारी की माने तो कंपनी मप्र-छग में ४जी लांच करने जा रही है। इससे पूर्व नेटवर्क टेस्ट का काम चल रहा है, जिसके चलते कंपनी की संचार सेवाएं बांधित हुई हैं। नाम न देने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया सोमवार दोपहर २ बजे से नेटवर्क सुधर जाएगा, लेकिन पूर्णत: दुरुस्त होने में ३० जनवरी तक का वक्त लग सकता है। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में वीडियोकॉन ३जी मोड पर काम कर रहा है। इसकी फिक्वेंशी १८०० बैंड है। टूजी घोटाला उजागर होने के बाद वीडियोकॉन का भी लायसेंस रद्द किया गया था। इसके चलते सवा माह तक वीडियोकॉन ने सेवाएं बंद रखी। बीते साल दिसंबर में मप्र-छग सर्किल के साथ ५ अन्य सर्किलों के लिए इसने लायसेंस प्राप्त किया। फिर १८ जनवरी को विधिवत बाजार में उतारा।
-इसलिए परेशानी
आइडिया की तरह ही वीडियोकॉन मप्र-छग में अपना नेटवर्क और तगढ़ा करना चाह रही है। इसी के चलते नेटवर्किंग संबंधित दिक्कतें यूजर्स को हो रही हैं। कंपनी ने ३जी बीटीएस बंद कर दिया है। अब तक कंपनी इस नेटवर्क के जरिए संचार सेवाएं दे रही थी। जब कंपनी नए नेटवर्क पर सेवाएं देने की तैयारी करती है, उससे पहले कुछ दिनों के लिए पुराना नेटवर्क बंद किया जाता है। ट्राइ ने मप्र-छग को निजी संचार सेवा प्रदाता कंपनियों को ५ जोन में बांट रखा है। इसी क्राइट एरिया के अनुसार इन्हें काम करना होता है। कंपनियां इन्हीं जोनों के हिसाब से नेटवर्क अपडेट करती हैं।
-यह भी हुआ बंद
इंदौर, भोपाल, ग्वालियर और रायपुर में नेट सर्विस पूरी तरह बंद हो गई है। भोपाल-इंदौर के रिटेलर्स की माने तो वीडियोकॉन का नेट शुरू से बताई जा रही गति से धीमा चल रहा है। २५ जनवरी से यह भी पूरी तरह बंद हो गया। नवीन नम्बर भी बंद हो गए हैं। साथ ही कंपनी ने अपने कस्टूमर केयर नम्बर-121 से सेवाएं देना भी शुरू नहीं की हैं।
-यह भी दिक्कत
दूसरी ओर वीडियोकॉन कस्टूमर के मैसेज बीएसएनएल यूजर्स को नहीं पहुंच रहे हैं, जबकि इसका पैसा वीडियो कॉन से कट रहा है। इस बारे में वीडियोकॉन प्रबंधन का कहना है, बीएसएनएल ने आधिकारिक रूप से हमारी सेवाएं स्वीकारी नहीं है, जल्द ही इसकी औपचारिकता पूरी होगी।
उल्लेखनीय है कि भोपाल-इंदौर के डिस्ट्रीब्यूटर्स ने कंपनी को इस बारे में शिकायत की है पर समाधान अब नहीं हुआ है।
-मैं अधिकृत नहीं
मैं इस बारे में कुछ नहीं कह सकता। कंपनी की तरफ से इस बारे में बोलने के लिए मैं अधिकृत नहीं हूं।
संजय खरे, डिस्ट्रीब्यूटर हैड, वीडियोकॉन
-मैं दिखवाता हूं
हम नेटवर्क ३जी से ४जी कर रहे हैं। नेटवर्क में किसी प्रकार की कोई परेशानी आ रही है तो मैं इसे दिखवाता हूं।
रोहित शर्मा, सर्कल हैड, इंदौर
-सर्वर डाउन
ग्राहका को बैलेंस नहीं कर पा रहा हूं। २५ जनवरी से सर्वर डाउन चल रहा है। कंपनीवालों से बात की थी, वह नेटवर्क एक-दो दिन में सुधरने का कह रहे हैं।
रोहित पंथी, संचालक, भारत एसटीडी स्टेशन रोड
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