बीआरटीएस कॉरीडोर में बन रहे बस स्टॉप को जांचने महापौर सहित एमआईसी सदस्य दिनभर दौड़धूप करते रहे। इस दौरान बस स्टॉप पर एक बस खड़ी कर दूसरी बस की क्रासिंग की गई। हालांकि बस तो गुजर गई लेकिन दों बसों के बीच कम दूरी को देख महापौर ने बस स्टॉप की चौड़ाई कम करने और तकनीकि खामियां दूर करने के निर्देश दिए। गौरतलब है कि 27 जनवरी के अंक में पीपुल्स समाचार ने कॉरीडोर में बने बस स्टॉप की चौड़ाई और डिजाइन को लेकर सवाल उठाए थे।
सोमवार को महापौर और एमआईसी के सदस्यों ने मिसरोद से आरआरएल तिराहे तक बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (बीआरटीएस) कॉरीडोर का जायजा लिया। उन्होंने बीआरटीएस पर सवालिया निशान लगाते हुए ढेरों कमियां गिनाईं। वहीं एमआईसी मेंबर्स के सवालों के जवाब में निगम अफसर गोल मोल जवाब ही देते रहे। एमआईसी सदस्यों ने मिसरोद से आरआरएल तिराहे तक बीआरटीएस का जायजा लो फ्लोर बस में सवार होकर लिया।
बस स्टॉप बनेंगे मुसीबत का कारण
एमआईसी सदस्य कृष्ण मोहन सोनी ने कहा कि कॉरीडोर के बगल में बनी फास्ट मूविंग व्हीकल लेन (मिक्स लेन) की चौड़ाई कम है। कॉरीडोर में यात्रियों को उतारने के लिए 42 बस स्टॉप तैयार किए जाएंगे। जहां जहां इनको तैयार किया गया है वहां कॉरीडोर की चौड़ाई बढ़ाई गई है। ऐसे में बस स्टॉप के पास की मिक्स लेन संकरी हो जाएगी। इस समांनांतर रोड के संकरे होने से कॉरीडोर के आसपास चलने वाले वाहनों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। इससे यहां जाम की स्थित भी बन सकती है। इसके साथ ही जब आईएसबीटी से सागर रूट पर जाने वाली बसें मिक्स लेन से गुजरेंगी तो, तब क्या होगा।
करें अलग रंग
निरीक्षण के दौरान एमआईसी सदस्यों ने अधिकारियों को बस स्टॉप को अलग रंग से दर्शाने का सुझाव दिया। उन्होंने बताया कि साथ ही जहां-जहां भी बस स्टॉप बनाए गए हैं, वहां मिक्स्ड लेन की चौड़ाई और भी कम कर दी गई है, जो हादसे की वजह बन सकता है। ऐसे में इस जगह को अलग से प्रदर्शित करने के लिए इसका रंग अलग करना चाहिए ताकि लोगों को दूर से ही नजर आए और वह संभल जाएं। यही नहीं उन्होंने साफ कहा कि कॉरीडोर तो ठीक है, लेकिन मिक्स्ड लेन की चौड़ाई और होनी चाहिए थी। अगर सड़क चौड़ी होती और ट्रैफिक बेहतर तरीके से गुजरता। इस पर निगम अधिकारियों ने जवाब दिया की एफएमवी की चौड़ाई डेडीकेटेड कॉरीडोर से 4 इंच ज्यादा है।
बनाएं फुट ओवर ब्रिज
इस दौरान सदस्यों ने पूछा कि अगर किसी यात्री को दूसरी तरफ के फुटपाथ पर जाना है तो वह कैसे जाएगा? इस पर निगम अधिकारियों ने अत्याधुनिक सेंसर ट्रैफिक सिग्नल लगाने की बात महापौर को बताई। जिस पर एमआईसी सदस्य पंकज चौकसे ने सलाह दी सेंसर लगाने से ज्यादा फायदा नहीं होगा। लोग सिग्नल को मानते ही कहां हैं। इसलिए जरूरी है कि कॉरीडोर में एफओबी भी बनवाएं, जिसकी ज्यादा जरूरत है।
मजाक बना निरीक्षण
पूरे निरीक्षण के दौरान एमआईसर सदस्य हंसी मजाक करते नजर आए। गौरतलब है कि निरीक्षण के दौरान दस में से सात एमआईसी सदस्य पहुंचे थे। इसमें से कुछ ही सदस्य निरीक्षण के लिए गंभीर नजर आए, जबकि ज्यादातर सदस्य सिर्फ मजाक मस्ती के मूड में दिखे।
एक बार फिर करेंगे निरीक्षण
एमआईसी सदस्य आशाराम शर्मा ने बताया कि निरीक्षण का पहला चरण था। इसमें मिसरोद से आरएलएल तिराहे तक ही जायजा लिया है। अभी कुछ तकनीकी खामियां जरूर हैं, जिन्हें जल्द दूर किया जाएगा। वहीं निरीक्षण के दूसरे चरण में बोर्ड ऑफिस से बैरागढ़ तक कॉरीडोर का जायजा लिया जाएगा।
इन पर की चर्चा
मिक्स लेन की चौड़ाई बढ़ाई जाए
बस स्टॉप की चौड़ाई कम करने
कॉरीडोर की तकनीकि खामियां दूर करने
बस स्टॉप को अलग रंगों से प्रदर्शित करने
एफओबी बनाने को लेकर
फैक्ट फाइल
बीआरटीएस की डीपीआर बनी - 2006
बीआरटीएस को केंद्र से मंजूरी - 2007
निर्माण के लिए नगर निगम एजेंसी तय - 2008
टेंडर - 2009
वर्कआर्डर- फरवरी, 2009
कब तक पूरा होना था - फरवरी, 2011
कब - कब बढ़ी डेडलाइन - अगस्त-2011, दिसंबर-2011, दिसंबर 2012
अब नई डेडलाइन -अप्रैल 2013
अभी क्या स्थिति - चार साल में भी 70 फीसदी काम
बीआरटीएस की लागत - 247 करोड़ रुपए
अब तक खर्च राशि - 140 करोड़ रुपए
केंद्र से अब तक मिली राशि - 80 करोड़ रुपए
कुल लंबाई - 24 किलोमीटर
कॉरीडोर की चौड़ाई 30 मीटर
बसों की लेन की चौड़ाई 6.9 मीटर
लो फ्लोर बसों की चौड़ाई 2.5 मीटर
बस स्टॉप की चौड़ाई 2.5 मीटर
सोमवार को महापौर और एमआईसी के सदस्यों ने मिसरोद से आरआरएल तिराहे तक बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (बीआरटीएस) कॉरीडोर का जायजा लिया। उन्होंने बीआरटीएस पर सवालिया निशान लगाते हुए ढेरों कमियां गिनाईं। वहीं एमआईसी मेंबर्स के सवालों के जवाब में निगम अफसर गोल मोल जवाब ही देते रहे। एमआईसी सदस्यों ने मिसरोद से आरआरएल तिराहे तक बीआरटीएस का जायजा लो फ्लोर बस में सवार होकर लिया।
बस स्टॉप बनेंगे मुसीबत का कारण
एमआईसी सदस्य कृष्ण मोहन सोनी ने कहा कि कॉरीडोर के बगल में बनी फास्ट मूविंग व्हीकल लेन (मिक्स लेन) की चौड़ाई कम है। कॉरीडोर में यात्रियों को उतारने के लिए 42 बस स्टॉप तैयार किए जाएंगे। जहां जहां इनको तैयार किया गया है वहां कॉरीडोर की चौड़ाई बढ़ाई गई है। ऐसे में बस स्टॉप के पास की मिक्स लेन संकरी हो जाएगी। इस समांनांतर रोड के संकरे होने से कॉरीडोर के आसपास चलने वाले वाहनों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। इससे यहां जाम की स्थित भी बन सकती है। इसके साथ ही जब आईएसबीटी से सागर रूट पर जाने वाली बसें मिक्स लेन से गुजरेंगी तो, तब क्या होगा।
करें अलग रंग
निरीक्षण के दौरान एमआईसी सदस्यों ने अधिकारियों को बस स्टॉप को अलग रंग से दर्शाने का सुझाव दिया। उन्होंने बताया कि साथ ही जहां-जहां भी बस स्टॉप बनाए गए हैं, वहां मिक्स्ड लेन की चौड़ाई और भी कम कर दी गई है, जो हादसे की वजह बन सकता है। ऐसे में इस जगह को अलग से प्रदर्शित करने के लिए इसका रंग अलग करना चाहिए ताकि लोगों को दूर से ही नजर आए और वह संभल जाएं। यही नहीं उन्होंने साफ कहा कि कॉरीडोर तो ठीक है, लेकिन मिक्स्ड लेन की चौड़ाई और होनी चाहिए थी। अगर सड़क चौड़ी होती और ट्रैफिक बेहतर तरीके से गुजरता। इस पर निगम अधिकारियों ने जवाब दिया की एफएमवी की चौड़ाई डेडीकेटेड कॉरीडोर से 4 इंच ज्यादा है।
बनाएं फुट ओवर ब्रिज
इस दौरान सदस्यों ने पूछा कि अगर किसी यात्री को दूसरी तरफ के फुटपाथ पर जाना है तो वह कैसे जाएगा? इस पर निगम अधिकारियों ने अत्याधुनिक सेंसर ट्रैफिक सिग्नल लगाने की बात महापौर को बताई। जिस पर एमआईसी सदस्य पंकज चौकसे ने सलाह दी सेंसर लगाने से ज्यादा फायदा नहीं होगा। लोग सिग्नल को मानते ही कहां हैं। इसलिए जरूरी है कि कॉरीडोर में एफओबी भी बनवाएं, जिसकी ज्यादा जरूरत है।
मजाक बना निरीक्षण
पूरे निरीक्षण के दौरान एमआईसर सदस्य हंसी मजाक करते नजर आए। गौरतलब है कि निरीक्षण के दौरान दस में से सात एमआईसी सदस्य पहुंचे थे। इसमें से कुछ ही सदस्य निरीक्षण के लिए गंभीर नजर आए, जबकि ज्यादातर सदस्य सिर्फ मजाक मस्ती के मूड में दिखे।
एक बार फिर करेंगे निरीक्षण
एमआईसी सदस्य आशाराम शर्मा ने बताया कि निरीक्षण का पहला चरण था। इसमें मिसरोद से आरएलएल तिराहे तक ही जायजा लिया है। अभी कुछ तकनीकी खामियां जरूर हैं, जिन्हें जल्द दूर किया जाएगा। वहीं निरीक्षण के दूसरे चरण में बोर्ड ऑफिस से बैरागढ़ तक कॉरीडोर का जायजा लिया जाएगा।
इन पर की चर्चा
मिक्स लेन की चौड़ाई बढ़ाई जाए
बस स्टॉप की चौड़ाई कम करने
कॉरीडोर की तकनीकि खामियां दूर करने
बस स्टॉप को अलग रंगों से प्रदर्शित करने
एफओबी बनाने को लेकर
फैक्ट फाइल
बीआरटीएस की डीपीआर बनी - 2006
बीआरटीएस को केंद्र से मंजूरी - 2007
निर्माण के लिए नगर निगम एजेंसी तय - 2008
टेंडर - 2009
वर्कआर्डर- फरवरी, 2009
कब तक पूरा होना था - फरवरी, 2011
कब - कब बढ़ी डेडलाइन - अगस्त-2011, दिसंबर-2011, दिसंबर 2012
अब नई डेडलाइन -अप्रैल 2013
अभी क्या स्थिति - चार साल में भी 70 फीसदी काम
बीआरटीएस की लागत - 247 करोड़ रुपए
अब तक खर्च राशि - 140 करोड़ रुपए
केंद्र से अब तक मिली राशि - 80 करोड़ रुपए
कुल लंबाई - 24 किलोमीटर
कॉरीडोर की चौड़ाई 30 मीटर
बसों की लेन की चौड़ाई 6.9 मीटर
लो फ्लोर बसों की चौड़ाई 2.5 मीटर
बस स्टॉप की चौड़ाई 2.5 मीटर
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