शनिवार, 19 जनवरी 2013

ग्रामीणों को न मीठा मिला रहा न भात

-बस राशन दुकानों के चक्कार लगा रहे हैं गरीब 
भोपाल। 
ग्रामीण क्षेत्र के बीपीएल कार्ड धारकों को न शक्कर मिल रही है और न ही चावल। दरअसल, इन क्षेत्रों की राशन दुकानों पर यह सामान पहुंचा ही नहीं है। इसको लेकर अधिकारी भी कुछ नहीं कहना चाहते। ग्रामीण क्षेत्र के गरीब दुकानों के चक्कर लगाकर परेशान हो रहे हैं। 
इससे पहले सड़ा और खराब गेहूं वितरित करने का मामला सामने आया था। जिले में राशन की करीब 263 राशन दुकानें हैं। इन दुकानों से करीब 2 लाख 60 हजार राशनकार्ड धारकों को खाद्यन्न वितरित किया जाता है। यहां से हर माह करीब 4 हजार 270 क्विंटल शक्कर आवंटित की जाती है। वहीं चावल का स्टॉक भी 120 एमटी प्रत्येक माह रहता है, यह गरीबों को बांटा जाता है। विभागीय सूत्रों के अनुसार खाद्य विभाग ने शहर की राशन दुकानों में शक्कर का आवंटन तो कर दिया, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों की राशन दुकानों में अभी में शक्कर-चावल का स्टॉक नहीं पहुंचा है। दूसरी ओर ग्रामीण प्रतिनिधियों की माने तो खाद्य आपूर्ति निगम से ही समय पर स्टॉक नहीं मिल पा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार रीवा से रैक नहीं आने के कारण जिले में चावल का वितरण अटका हुआ है। 

संक्रांति रही फीकी 
इस बार गरीबों की संक्रांति फीकी रही। राशन दुकानों से न शक्कर का वितरण हुआ और न ही चावल का। 
प्रदीप विश्वकर्मा, मुगालिया छाप

-अफसरों की लापरवाही 
ग्रामीण क्षेत्र में शक्कर और चावल का वितरण अभी तक नहीं हुआ है। अब केवल माह को दस दिन ही बचे हैं। यह सब अफसरों की लापरवाही का नतीजा है। खाद्य अधिकारियों की मन मर्जी से ही ग्रामीण क्षेत्रों में राशन वितरण होता है। 
अनोखी मानसिंह पटेल, अध्यक्ष जनपद पंचायत फंदा

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें