सोमवार, 28 जनवरी 2013

सरपंचों ने कहा दान नहीं अधिकार चाहिए

-लांमबंद होने की तैयारी, किया मानदेय का विरोध
भोपाल। प्रदेश के सरपंच सरकार को आड़े हाथ लेते हुए लामबंद होने की तैयारी कर रहे हैं। ग्राम पंचायत लांबाखेड़ा के सरपंच ममता नारायणसिंह गौर ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने ग्राम पंचायतों में पंच, सरपंचों का मानदेय तीन गुना किए जाने की घोषणा की है। यह सरकार द्वारा दी गई सौगात नहीं, बल्कि उनका अधिकार है। इसे पहले ही किया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि एक तरफ जहां भाजपा सरकार ने सरपंचों और जनपद व जिला पंचायत अध्यक्षों को वित्तीय अधिकारों से वंचित कर रखा। इससे प्रदेश के ग्राम जीवन में विकास पर अवरोध पैदा हुआ है। वहीं अब चुनावी वातावरण में जनप्रतिनिधियों के मानदेय में वृद्धि कर राज्य सरकार ग्रामीणों की वाहवाही लूटने का प्रयास कर रहे हैं। पिछड़ा वर्ग कांग्रेस के प्रदेश सचिव नारायणसिंह गौर ने कहा कि पूर्व में कांग्रेस शासन के दौरान पंच-सरपंचों को जो मौलिक और वित्तीय अधिकार प्राप्त थे, उन्हें बहाल किए जाए। उन्होंने कहा कि पंचायत सचिवों की सीआर लिखने का अधिकार सरपंचों को मिले, ताकि सचिवों की मनमानी कार्यशैली पर अंकुश लगाया जा सके। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि ग्रामीण जनजीवन को खुशहाल बनाने के लिए ग्रामीण अंचल में संचालित विकास योजनाओं के क्रियान्वयन का अधिकार सरपंचों के अधिकार क्षेत्र में दिया जाए।

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