साईंबाबा नगर टंकी हादसे के पीढि़तों की मदद करने के उद्देश्य से महापौर, परिषद अध्यक्ष और पार्षदों से एक-एक माह एकत्र कर लिया है। वहीं नगर निगम के कर्मचारियों ने वेतन देने को लेकर हाथ पीछे खींच लिए हैं।
नगर निगम किसी भी कर्मचारी ने पीडि़तों को वेतन के जरिए मदद देने पर हामी नहीं भरी है। वहीं जनप्रतिनिधियों ने अपना वादा निभाते हुए एक-एक माह का वेतन इक_ा किया है। उल्लेखनीय है कि साईंबाबा नगर में 18-19 नवंबर, 12 की दरमियानी रात 13 लाख लीटर की क्षमता वाली पेयजल की टंकी ढह गई थी। इसमें मौके पर 8 लोगों की जान चली गई थी। बाद में नगर निगम परिषद की 23 और 24 नवंबर, १२ को हुई बैठक में जमकर हंगामा मचा। नतीजनत में हादसे की जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने और पीढि़तों की मदद के लिए सारे पार्षदों, अध्यक्ष, महापौर ने एक माह वेतन देने का निर्णय लिया। इसमें निगम के कर्मचारी-अधिकारियों का एक दिन का वेतन देने का निर्णय लिया गया था। बाद में निगम की सामान्य प्रशासन शाखा से वेतन कटौती का आदेश भी निकला था, लेकिन इसी दौरान नगर निगम कर्मचारी कांग्रेस ने इसका विरोध शुरु कर दिया। इसके नतीजे में तत्कालीन कमिश्नर रजनीश श्रीवास्तव ने वेतन कटौती को स्वैच्छिक करार देते हुए कर्मचारियों के लिखित में असहमति जताने पर कटौती नहीं करने के निर्देश जारी कर दिए थे। कर्मचारी कांग्रेस अध्यक्ष तजीन अहमद ने कर्मचारियों से वेतन कटौती नहीं करने संबंधी आवेदन जमा करवाकर कमिश्नर को ज्ञापन के साथ सौंप दिया था। इसके बाद कर्मचारियों के वेतन से कटौती नहीं हो सकी।
-पार्षदों से नगद वसूली
प्रभावितों को मदद के लिए पार्षदों से एक महीने का मानदेय नगद लिया जा रहा है। बकायदा पार्षद हस्ताक्षर करके अपना मानदेय लेते ही परिषद अध्यक्ष को एक माह की राशि जमा करवा रहे हैं। अब तक 60 पार्षदों का मानदेय जमा हो चुका है। कुछ पार्षद दो से चार माह में मानदेय लेते हैं, जिसके चलते बाकी पार्षदों का मानदेय जमा नहीं हो सका है। अध्यक्ष और महापौर का मानदेय मिलाकर करीब साढ़े चार लाख रुपए एकत्र हो चुके हैं। जिसे मृतकों के परिवार और बेघरों के बीच बांटा जाएगा।
-६० पार्षदों ने दी राशि
सभी पार्षदों ने एक माह का मानदेय देने पर सहमति जताई थी। पार्षदों को मानदेय भुगतान के बाद नगद राशि एकत्रित की जा रही है। अब तक 60 से ज्यादा पार्षद राशि दे चुके हैं, बाकी का मानदेय मिलते ही मृतकों के परिवारों और पीडि़तों को राहत राशि दी जाएगी।
कैलाश मिश्रा, अध्यक्ष, नगर निगम परिषद
नगर निगम किसी भी कर्मचारी ने पीडि़तों को वेतन के जरिए मदद देने पर हामी नहीं भरी है। वहीं जनप्रतिनिधियों ने अपना वादा निभाते हुए एक-एक माह का वेतन इक_ा किया है। उल्लेखनीय है कि साईंबाबा नगर में 18-19 नवंबर, 12 की दरमियानी रात 13 लाख लीटर की क्षमता वाली पेयजल की टंकी ढह गई थी। इसमें मौके पर 8 लोगों की जान चली गई थी। बाद में नगर निगम परिषद की 23 और 24 नवंबर, १२ को हुई बैठक में जमकर हंगामा मचा। नतीजनत में हादसे की जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने और पीढि़तों की मदद के लिए सारे पार्षदों, अध्यक्ष, महापौर ने एक माह वेतन देने का निर्णय लिया। इसमें निगम के कर्मचारी-अधिकारियों का एक दिन का वेतन देने का निर्णय लिया गया था। बाद में निगम की सामान्य प्रशासन शाखा से वेतन कटौती का आदेश भी निकला था, लेकिन इसी दौरान नगर निगम कर्मचारी कांग्रेस ने इसका विरोध शुरु कर दिया। इसके नतीजे में तत्कालीन कमिश्नर रजनीश श्रीवास्तव ने वेतन कटौती को स्वैच्छिक करार देते हुए कर्मचारियों के लिखित में असहमति जताने पर कटौती नहीं करने के निर्देश जारी कर दिए थे। कर्मचारी कांग्रेस अध्यक्ष तजीन अहमद ने कर्मचारियों से वेतन कटौती नहीं करने संबंधी आवेदन जमा करवाकर कमिश्नर को ज्ञापन के साथ सौंप दिया था। इसके बाद कर्मचारियों के वेतन से कटौती नहीं हो सकी।
-पार्षदों से नगद वसूली
प्रभावितों को मदद के लिए पार्षदों से एक महीने का मानदेय नगद लिया जा रहा है। बकायदा पार्षद हस्ताक्षर करके अपना मानदेय लेते ही परिषद अध्यक्ष को एक माह की राशि जमा करवा रहे हैं। अब तक 60 पार्षदों का मानदेय जमा हो चुका है। कुछ पार्षद दो से चार माह में मानदेय लेते हैं, जिसके चलते बाकी पार्षदों का मानदेय जमा नहीं हो सका है। अध्यक्ष और महापौर का मानदेय मिलाकर करीब साढ़े चार लाख रुपए एकत्र हो चुके हैं। जिसे मृतकों के परिवार और बेघरों के बीच बांटा जाएगा।
-६० पार्षदों ने दी राशि
सभी पार्षदों ने एक माह का मानदेय देने पर सहमति जताई थी। पार्षदों को मानदेय भुगतान के बाद नगद राशि एकत्रित की जा रही है। अब तक 60 से ज्यादा पार्षद राशि दे चुके हैं, बाकी का मानदेय मिलते ही मृतकों के परिवारों और पीडि़तों को राहत राशि दी जाएगी।
कैलाश मिश्रा, अध्यक्ष, नगर निगम परिषद
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