-तीन दर्जन से अधिक मूर्तिकारों से की वसूली
-गोविंदपुरा एसडीएम ने एफआईआर दर्ज कराने एसएसपी कार्यालय को भेजा पत्र
भोपाल।
भूमाफिया और झुग्गी माफियाओं द्वारा कब्जा और फर्जी रजिस्ट्री के मामले तो सामने आते रहते हैं। लेकिन अमित कुमार पाण्डे ने पट्टे देने के नाम पर तीन दर्जन से अधिक मूर्तिकारों से २५-२५ हजार वसूल लिए। ताज्जुब वाली बात ये है- आईटीआई कॉलेज की पास वाली सड़क किनारे जमे इन लोगों का विस्थापन के लिए सर्वे हो चुका है। कड़ाके की ठंड को देखते हुए जिला प्रशासन ने विस्थापन टाल दिया, इसी का फायदा अमित कुमार पाण्डे नाम के व्यक्ति ने उठाया।
इस बात का खुलासा तब हुआ जब गोविन्दपुरा एसडीएम अमरजीत सिंह पंवार मौका मुआयना करने पहुंचे। निरीक्षण के दौरान मुर्तिकारों ने अपनी परेशानी बताते हुए अमित कुमार पाण्डे द्वारा पट दिलाने के लिए २५-२५ हजार लेने की बात कही। पैसे का लेन-देने बकायदा स्टॉम्प पर किया और पट्टा दिए जाने के लिए एफीडेविड भी बनवाया। अधिकारियों के साथ एसडीएम यह देख चौक पड़े। इसके बाद श्री पंवार ऑफिस पहुंचे और थाना अशोका गार्डन में अमित कुमार पाण्डे के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने प्रकरण तैयार कर एसएसपी कार्यालय भेज दिया।
-सर्वे हो चुका है
जिला प्रशासन, गोविंदपुरा वृत्त के कर्मचारियों ने आईटीआई कॉलेज के पास सड़क किनारे रहने वाले 35 मूर्ति बनाने वालों का सर्वे किया है। विस्थापन की सर्वे सूची में इनका नाम भी दर्ज है। इन मूर्तिकारों को यहा से कान्हासैया में विस्थापित किए जाने की योजना है। कड़ाके की ठंड को देखते हुए कलेक्टर निकुंज कुमार श्रीवास्तव ने जिले में विस्थापन टालने के निर्देश दिए थे। निर्देशों के चलते इस विस्थापन को भी टाल दिया। हालांकि अब विस्थापन कब होगा, इसकी जानकारी अधिकारियों को भी नहीं है। इसी का फायदा अमित कुमार पाण्डे ने उठाया। पाण्डे ने मूर्तिकारों को बताया कि कान्हासैया में भूमि नहीं है। लेकिन मैं पट्टा दिला दूंगा। तुम्हारा कहीं नाम नहीं है मैं नाम भी दर्ज करावा दूंगा। बातों का झांसा दिया। मूर्तिकार भी बातों में आ गए और 25-25 हजार वसूल लिए। कुछ से इससे भी ज्यादा पैसे ले लिए।
-मामला पंजीबद्ध कराया है
आईटीआई के पास वाली सड़क किनारे बसे मूर्तिकारों से पट्टा दिलाने के नाम पर पैसे वसूलने का मामला सामने आया है। एसएसपी कार्यालय के माध्यम से अशोका गार्डन थाने में प्रकरण पंजीबद्ध कराया गया है।
एएस पंवार, एसडीएम गोविंदपुरा वृत्त
-गोविंदपुरा एसडीएम ने एफआईआर दर्ज कराने एसएसपी कार्यालय को भेजा पत्र
भोपाल।
भूमाफिया और झुग्गी माफियाओं द्वारा कब्जा और फर्जी रजिस्ट्री के मामले तो सामने आते रहते हैं। लेकिन अमित कुमार पाण्डे ने पट्टे देने के नाम पर तीन दर्जन से अधिक मूर्तिकारों से २५-२५ हजार वसूल लिए। ताज्जुब वाली बात ये है- आईटीआई कॉलेज की पास वाली सड़क किनारे जमे इन लोगों का विस्थापन के लिए सर्वे हो चुका है। कड़ाके की ठंड को देखते हुए जिला प्रशासन ने विस्थापन टाल दिया, इसी का फायदा अमित कुमार पाण्डे नाम के व्यक्ति ने उठाया।
इस बात का खुलासा तब हुआ जब गोविन्दपुरा एसडीएम अमरजीत सिंह पंवार मौका मुआयना करने पहुंचे। निरीक्षण के दौरान मुर्तिकारों ने अपनी परेशानी बताते हुए अमित कुमार पाण्डे द्वारा पट दिलाने के लिए २५-२५ हजार लेने की बात कही। पैसे का लेन-देने बकायदा स्टॉम्प पर किया और पट्टा दिए जाने के लिए एफीडेविड भी बनवाया। अधिकारियों के साथ एसडीएम यह देख चौक पड़े। इसके बाद श्री पंवार ऑफिस पहुंचे और थाना अशोका गार्डन में अमित कुमार पाण्डे के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने प्रकरण तैयार कर एसएसपी कार्यालय भेज दिया।
-सर्वे हो चुका है
जिला प्रशासन, गोविंदपुरा वृत्त के कर्मचारियों ने आईटीआई कॉलेज के पास सड़क किनारे रहने वाले 35 मूर्ति बनाने वालों का सर्वे किया है। विस्थापन की सर्वे सूची में इनका नाम भी दर्ज है। इन मूर्तिकारों को यहा से कान्हासैया में विस्थापित किए जाने की योजना है। कड़ाके की ठंड को देखते हुए कलेक्टर निकुंज कुमार श्रीवास्तव ने जिले में विस्थापन टालने के निर्देश दिए थे। निर्देशों के चलते इस विस्थापन को भी टाल दिया। हालांकि अब विस्थापन कब होगा, इसकी जानकारी अधिकारियों को भी नहीं है। इसी का फायदा अमित कुमार पाण्डे ने उठाया। पाण्डे ने मूर्तिकारों को बताया कि कान्हासैया में भूमि नहीं है। लेकिन मैं पट्टा दिला दूंगा। तुम्हारा कहीं नाम नहीं है मैं नाम भी दर्ज करावा दूंगा। बातों का झांसा दिया। मूर्तिकार भी बातों में आ गए और 25-25 हजार वसूल लिए। कुछ से इससे भी ज्यादा पैसे ले लिए।
-मामला पंजीबद्ध कराया है
आईटीआई के पास वाली सड़क किनारे बसे मूर्तिकारों से पट्टा दिलाने के नाम पर पैसे वसूलने का मामला सामने आया है। एसएसपी कार्यालय के माध्यम से अशोका गार्डन थाने में प्रकरण पंजीबद्ध कराया गया है।
एएस पंवार, एसडीएम गोविंदपुरा वृत्त
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें