सोमवार, 14 जनवरी 2013

जांच और रजिस्ट्री करनी होगी एक दिन में-प्रदेश भर के रजिस्ट्रार कार्यालयों को निर्देश जारी,भोपाल

सब रजिस्ट्रार स्पॉट वेरीफिकेशन, जमीन की कीमत कम आंकने और मूल दस्तावेजों की कमी की बात कह रजिस्ट्रियां रोक नहीं सकते। अब इन्हें एक दिन में ही सभी प्रकार की जांच पूरी कर रजिस्ट्री करनी होगी। प्रदेश भर के रजिस्ट्रारों को महानिरीक्षक पंजीयक दीपाली रस्तोगी ने यह निर्देश जारी किए हैं। 
ऐसा होने के साथ अब एक ही दिन में रजिस्ट्री संबंधित सारी प्रक्रिया सब रजिस्ट्रार को पूरी करनी होगी। इसके पीछे सरकार का रेवेन्यू बढऩे और जनता को बार-बार पंजीयक कार्यालय के चक्कर से बचना कारण बताया रहा है। हालांकि यह पहले से ही नियम में है, लेकिन महानिरीक्षक पंजीयन ने इसे सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए हैं। वहीं पक्षकार को भी पंजीयन के बाद दस्तावेज या रजिस्ट्री तुरंत लौटानी भी होगी। चाहे तो सब रजिस्ट्रार रजिस्ट्री पर हस्ताक्षर कर तत्काल आवेदक को दे सकता है। यदि सब रजिस्ट्रार को रजिस्ट्री दस्तावेजों में स्टॉम्प कम लगे होने या जमीन की कीमत कम आंकी जाने की आशंका होती है तो उसे वह रजिस्ट्री को जब्त कर जिला पंजीयक को भेज सकता है। इसके बाद जिला पंजीयक रजिस्ट्री की जांच करेगा। इस जांच में किसी प्रकार की कोई कोई गड़बड़ी सामने आती है तो े10 गुना तक जुर्माना लगेगा। 

-आदेश में यह 
महानिरीक्षक पंजीयन दीपाली रस्तोगी ने आदेश में कहा, यदि पक्षकार तत्काल स्टॉम्प शुल्क चुकाने के लिए भारतीय स्टॉम्प अधिनियम की धारा 35 'चÓ के तहत सहमत नहीं होता है, तो तत्काल दस्तावेज को कलेक्टर ऑफ स्टॉम्प की धारा 33 अथवा 47 के तहत अग्रिम विधिक कार्यवाही के लिए भेजा जाए। किसी भी प्रकार से दस्तावेजों को पंजीयन के लिए लंबित न रखा जाए। प्रदेश भर के उप पंजीयकों-रजिस्ट्रारों को कार्यालय के नाम यह पत्र जारी किया गया है। आदेश में यह भी कहा, दस्तावेज प्रस्तुत होने पर रजिस्ट्रीकरण अधिनियम तथा मप्र रजिस्ट्रीकरण नियम के विहित प्रावधानों के तहत प्रस्तुतिकरण दिनांक को ही पंजीयन उपरांत दस्तोवज पक्षकार को वापस लौटाएं। 

-यह होता रहा 
प्रदेश भर में सब रजिस्ट्रार दस्तावेजों का पंजीयन करने से पहले जमीन की रजिस्ट्री का स्पॉट निरीक्षण या कम लगे स्टॉम्पों अथवा जमीन की कम आंकी गई कीमत की बात कहकर रजिस्ट्रियां रोक लेते थे। कई दिनों तक यह रजिस्ट्रीयां पड़ी रहती थीं। वहीं पक्षकारों द्वारा भी वाद-विवाद की स्थिति निर्मित होती थी। कारण स्टॉम्पों की कमी का हवाला होता था। वहीं मूल मालिक के न अपाने की वजह से भी रजिस्ट्रीयां लेट होती रहीं हैं। जिला पंजीयक व वरिष्ठ जिला पंजीयकों ने कम स्टॉम्प या जमीन की कम
कीमत का आंकलन कर रजिस्ट्री करवाने वालों से मय जुर्माने के साथ स्टॉम्प शुल्क वसूला है। वर्तमान में भी कई प्रकरणों में यह कार्रवाई चल रही है। 

-लाभ जो होगा 
-दस्तावेज प्रस्तुत करते साथ ही रजिस्ट्री होगी, लोगों की मश्क्कत और परेशानी कम होगी। 
-अब सब रजिस्ट्रार बहाने या किसी बात को कह रजिस्ट्री टाल नहीं सकेंगे। 

-सरकार को कम स्टॉम्प लगे या कम कीमत आंकने की बात कह सरकार के राजस्व की चपत लगती थी, जो नहीं लगेगी। 
-जिस रजिस्ट्री पर जमीन भाव के हिसाब से स्टॉम्प नहीं लगे होंगे उसे जब्त कर लिया जाएगा। 

-हानि जो होगी
पहले जमीन भाव के हिसाब से रजिस्ट्री पर लगने वाले स्टॉम्पों के साथ रजिस्ट्री का वेरीफिकेशन होता था। यदि दस्तावेज पेश होने के दिन ही उसे वापस लौटाना होगी तो स्पॉट वेरीफिकेशन का मामला खटाई में पड़ जाएगा। यदि कोई सब रजिस्ट्रार रजिस्ट्री से पहले जमीन का स्पॉट वेरीफिकेशन करता है तो वह एक दिन में एक से दो रजिस्ट्रियां ही कर सकेगा।

वर्जन 
नियम नए नहीं हैं, लेकिन सख्ती से पालन नहीं हो रहा था। रजिस्ट्री कराने वाले को इसका सबसे ज्यादा फायदा होगा। वहीं रजिस्ट्रार कार्यालयों के काम में सुधार होगा। 
दीपाली रस्तोगी, महानिरीक्षक पंजीयक 

महानिरीक्षक पंजीयक के निर्देशों से रजिस्ट्री कराने वाले पक्षकार को फायदा होगा। एक ही दिन में रजिस्ट्री होगी। वहीं राज्य शासन का राजस्व तत्काल तथा पूरा मिलेगा। 
एनएस तोमर, वरिष्ठ जिला पंजीयक, भोपाल
 

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