सोमवार, 7 जनवरी 2013

सिंचाई और खेत में धुंआ कर बचाएं फसल


  कलेक्टर निकुंज कुमार श्रीवास्तव ने शनिवार को एक बैठक कहा, जिले में बीते दो दिनों से शीतलहर चल रही है। शीत लहर के चलते फसलें खराब हो सकती हैं। लिहाजा खेत में हलकी सिंचाई करें, इससे मिट्टी का तापमान बढ़ जाता है। किसान खेत की मेढ़ पर 6-8 जगह आग से धुआं भी कर सकते हैं। यह खेत के आसपास जमा घास फूंस अथवा पत्तियों को जलाकर किया जा सकता है। शीतलहर के कारण फसल पर जमीं ओस नष्ट हो जाएगी। खेत के आसपास तापमान में बढ़ोतरी होगी। इससे फसल बर्बाद नहीं होगी। किसान चाहे तो ऐसे ही अन्य उपाय उपयोग में ला सकते हैं। कलेक्टर ने इस दौरान कृषि विभाग के अमले को हिदायत दी कि वह जिले में लगातार भ्रमण करें और किसानों को शीतलहर के प्रकोप से फसलों को बचाने के उपायों की विस्तृत जानकारी दें। ऐसे ग्राम जो शीत लहर की चपेट में आ रहे हैं या आ सकते हैं वहां विशेष नजर रखें और तत्काल किसानों से मिलें। 

यह भी दिए सुझाव 
-कम और मध्यम सिंचाई करें खेते में। पूरी तरह नहीं, लेकिन नुकसान को रोका जा सकता है। सिंचाई ज्यादा न करें, इतनी ही, जिससे खेत गीला भर हो जाए। मिट्टी का तापमान बढ़ते ही शीत लहर का प्रभाव कम हो जाएगा। 
-शीत लहर के प्रकोप से फसल को बचाने के लिए सूरज की पहली किरण के साथ किसान एक ल बी रस्सी को दो छोर पर पकड़ कर खेत में एक कोने से दूसरे कोने तक हिलायें। इससे फसल पर रात का जमा पानी गिर जाता है तथा पाले से फसल की सुरक्षा होती है। यहां यह ध्यान रखना जरूरी है कि यह विधि फसल की फूल की अवस्था पर नहीं की जाती।

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