-गैस सिलेंडर में मामूली राहत, नई घोषणाएं नहीं
-डीजल-पेट्रोल में वैट कम करने से इनकार
-1 लाख 2447 करोड़ के बजट में 94 हजार करोड़ का कर्ज
भोपाल
चुनावी साल को देखते हुए आम जनता को उम्मीद थी कि प्रदेश सरकार बजट में कुछ लोक लुभावन घोषणाएं करेगी और महंगाई से राहत देगी, लेकिन शुक्रवार को विधानसभा में वित्तमंत्री राघवजी के बजट पेश करते ही तस्वीर साफ हो गई। प्रदेश सरकार बजट के अनुरूप उम्मीदों पर खरी नहीं उतर सकी और आम जनता को रसोई गैस सिलेंडर में राहत के नाम पर झुनझुना थमा दिया। कहने को सरकार इसे हेल्दी बजट कह रही है, लेकिन इसमें कोई भी नई घोषणा शामिल नहीं है, कमोबेश सभी घोषणाएं ऐसी हैं, जिनकी घोषणा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पहले ही सार्वजनिक तौर पर कर चुके हैं।
उधर, वित्तमंत्री राघवजी ने वर्ष 2013-14 का बजट पेश कर दिया। यह बजट कारीब 1 लाख 2 हजार 447 करोड़ रुपए अनुमानित है, यह पिछले वर्ष की तुलना में करीब 20 हजार करोड़ रुपए अधिक है। सरकार ने गैस सिलेंडर पर मामूली वैट जरूर कम किया है, लेकिन वित्तमंत्री चुनावी साल में बड़ी उम्मीदें लगाए बैठे आम आदमी को कोई बड़ी राहत नहीं दे सके। हालांकि, व्यापारियों के हित में कुछ राहतें जरूरत दी हैं, इसमें जहां कुछ वस्तुओं में प्रवेश कर कम किया गया है, वहीं अन्य प्रावधान कर उन्हें राहत देने की कोशिश की गई है। सरकार ने कुछ कम प्रयोग वाली वस्तुओं पर वैट की दर 13 से 5 फीसदी घटाकर टैक्स नहीं बढ़ाने का संदेश देने का प्रयास किया है, लेकिन इससे आम आदमी को कोई फायदा होता नहीं दिख रहा। हालांकि, सरकार बिल्डरों पर जरूर मेहरबान रही। सरकार ने उन्हें बड़ी राहत देते हुए रिबेट का प्रावधान किया है। वहीं ऑटोमोबाइल और टैक्सटाइल निर्माण में रिबेट रिटेंशन में 2 प्रतिशत की कमी की है और रेत गिट्टी पर रिबेट की सुविधा दी है।
विधानसभा में पेश बजट भाषण में वित्तमंत्री राघवजी ने कहा कि बजट में चार गुना की वृद्धि प्रस्तावित है, जबकि राज्य के स्वयं के करों में पांच गुना की वृद्धि दर्शाई गई है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2013-14 में आयोजना व्यय में 6 गुना की वृद्धि प्रस्तावित है, जबकि पूंजीगत व्यय में 6 गुना बढ़ोतरी प्रस्तावित है। वित्तमंत्री ने कहा कि प्रदेश की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हुई है। हालांकि, राज्य सरकार ने एक बार फिर ठीकरा केंद्र के सिर फोड़ा। वित्तमंत्री ने बजट भाषण में कहा कि केंद्र सरकार ने राज्य के हिस्से में कमी की है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जनता पर कोई नया कर नहीं थोप रही है, लेकिन कोई बड़ी राहत भी नहीं देने की स्थिति में है। इसका कारण वित्तीय संतुलन बिगडऩा है। हालांकि, वित्तमंत्री ने कुछ वस्तुओं में मामूली राहत की दूसरे विकल्पों से भरपाई भी की है। कुल मिलाकर बजट संतुलन बनाए रखा है। सरकार ने रसोई गैस सिलेंडर में 6.47 प्रतिशत प्रवेश कर 2 प्रतिशत करने से 80 करोड़ रुपए की राजस्व हानि को पाटने के लिए देशी-विदेशी शराब में 5 प्रतिशत वैट लगाकर 120 करोड़ वसूलने का प्रावधान किया है।
-चावल हो जाएगा महंगा
गेहूं की तरह धान के क्रय पर सरकार ने कर लगाकर चावल महंगा कर दिया है। इससे सरकार के खजाने में 50 करोड़ रुपए आएंगे। वित्तमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा विभिन्न वस्तुओं में करों की दर में दी गई छूट या कमी से 170 करोड़ रुपए की हानि होगी, जिसके लिए उसने शराब, धान क्रय कर से भरपाई की कोशिश की है।
-सामाजिक सेवाओं पर सर्वाधिक खर्च
वित्तमंत्री राघवजी ने कहा कि प्रदेश सरकार सबसे अधिक राशि सामाजिक योजनाओं पर खर्च कर रही है। इसमें वर्ष 2013-14 में सर्वाधिक 48 प्रतिशत आयोजन मद में राशि व्यय की जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार इसके साथ ही ग्रामीण विकास, सिंचाई, कृषि और ऊर्जा क्षेत्र में भी भरपूर राशि खर्च कर रही है। इनमें क्रमश: 14 प्रतिशत, 10 प्रतिशत, 10 प्रतिशत, 9 प्रतिशत राशि के व्यय का प्रावधान रखा गया है, जबकि परिवहन में 7 फीसदी, उद्योग में 3 फीसदी और अन्य सेवाओं पर 3 फीसदी राशि खर्च कर रही है। वित्तमंत्री ने कहा कि आर्थिक एवं सामाजिक सेवाओं पर सरकार भरपूर पूंजीगत राशि व्यय कर रही है। यह सर्वाधिक 85 प्रतिशत है, जबकि सामान्य सेवाओं पर 15 प्रतिशत राशि खर्च करने का प्रावधान किया गया है।
-शेर से शुरू और कविता पर खत्म
वित्तमंत्री राघवजी ने बजट भाषण की शुरुआत शेर-ओ-शायरी से की, वहीं इसे खत्म अटलबिहारी वाजपेयी की कविता के साथ किया। उन्होंने इस दौरान खूब तालियां व वाहवाही भी बटोरी।
राघवजी ने शुरुआत करते हुए कहा कि
'चांदनी उस रुपए सी है, जिसमें चमक है, पर खनक गायब है'।
इसके बाद उन्होंने कैफी आजमी के
'हाथ ढलते गए सांचे में तो थकते कैसे,
नक्श के बाद नए नक्श निखारे हमन।
की ये दीवार बलंद, और बलंद, और बलंद, बामोदर और जरा और संवारे हमने।
राघवजी यहीं नहीं रूके, उन्होंने प्रसिद्ध कवि रामधारी सिंह दिनकर की कविता सुनाकर भी सभी का दिल जीता। उन्होंने कहा-
'है कौन विघ्न ऐसा जग में, टिक सके वीर नर के मग में।
खम ठोक ठेलता है जब नर, पर्वत के जाते पांव उखड़,
मानव जब जोर लगाता है, पत्थर पानी बन जाता है।
वित्तमंत्री ने इस दौरान स्वामी विवेकानंद के वाक्य भी पढ़े। उन्होंने कहा-
भगवान पोथी पुराणों में नहीं, धार्मिक पुस्तकों में नहीं, गरीबों में है। क्या सभी कमजोर, सभी पीडि़त भगवान नहीं हैं? तुम उनकी पूजा पहले क्यों नहीं करते?
उन्होंने अगला शेर पढ़ते हुए कहा-
अब मेरे इरादों पर, आंधियों को हैरत है,
एक चिराग बुझता है, सौ चिराग जलते हैं।
उन्होंने यह भी पढ़ा-
आरजू जीने की है तो जी चट्टान की तरह,
वर्ना पत्ते की तरह तुझको हवा ले जाएगी।
मंजिल पर पहुंचने तक चरैवेति, चरैवेति।
उन्होंने अपने बजट भाषण का समापन राष्ट्रनायक व पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कविता पढ़कर किया-
है ध्येय दूर, संसार क्रूर, मदमत्त चूर,
पथ भरा शूल, जीवन दुकूल,
जननी के पग की तनिक धूल,
माथे पर लेकर चल दिए मदमाते।
देखो हम बढ़ते जाते।
जय भारत, जय मप्र।
किस विभाग को कितना
पंचायत एवं ग्रामीण विकास
-विभाग को 7444 करोड़
-मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन को 100 करोड़
-मुख्यमंत्री अंन्त्योदय आवास योजना के लिए 35 करोड़
-ग्रामीण एवं शहरी निकायों को 1325 करोड़
पेयजल
-जल प्रदाय के लिए 1743 करोड़ गत वर्ष से 20 फीसदी ज्यादा
-ग्रामीण बसाहट में नलकूप के लिए 13200 करोड़
-नर्मदा शिप्रा सिंहस्थ लिंक परियोजना के लिए 432 करोड़
-आंगनवाडिय़ों में पेयजल के लिए 5794 करोड़
-जल निगम को पूंजी निवेश के लिए 15 करोड़
नगरीय निकाय
-विभाग को 5186 करोड़
-शहरी पेयजल योजना के लिए 258 करोड़
-झील-तालाब संरक्षण की योजना शुरू, 1 करोड़
-ई-गर्वर्नेंस के लिए 1 करोड़
-साफ-सफाई के प्रोत्साहन के लिए वाल्मीकि पुरस्कार
-1 करोड़, 50 लाख, 25 लाख का इनाम
-सफाई कर्मियों को एकमाह के वेतन का 10 प्रतिशत राशि पुरस्कार स्वरूप
-सिंहस्थ 2016 के लिए 150 करोड़
-गरीबोन्मुखी शहरी सेवा कार्यक्रम के लिए 220 करोड़
-शहरी सुधार कार्यक्रम योजना
-राष्ट्रीय अभिशासन एवं नगरीय प्रबंध संस्थान, भोपाल का गठन
-हेरीटेज स्मारकों, स्थलों एवं भवनों के संरक्षण के लिए नई योजना
-केश शिल्पियों के कल्याण की योजना
-इंदौर-भोपाल में मेट्रो रेल प्रारंभ करने परियोजना प्रतिवेदन के लिए 2 करोड़
उद्योग
-उद्योग क्षेत्र के लिए 907 करोड़
-उद्योग निवेश संवर्धन सहायता के लिए 340 करोड़
-एमएसएमई सेंटर में रोजगार सृजन पर 5, 3 व 2 लाख के दत्तोपंत ठेंगड़ी पुरस्कार
-मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना
-50 हजार युवाओं को स्वरोजगार का लक्ष्य, 54 करोड़
-12 जिलों में जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्रों के भवन बनेंगे
शिक्षा
- शिक्षा के लिए १३७६३ हजार करोड़ का बजट
-१०० हाईस्कूल और 300 हायर सेकंडरी खुलेंगे।
- प्रदेश में नए आईटीआई कॉलेज शुरू होंगे।
- पॉलीटेक्निक में शुरू होंगी स्मार्ट क्लास।
-नौगांव, छतरपुर में नए इंजीनियरिंग कॉलेज
-अजा-जजा के बच्चों के लिए पुस्तकों हेतु
-1500 व स्टेशनरी के लिए 500 रुपए
-अजा-जजा के विद्यार्थियों को शोध के लिए छात्रवृत्ति दोगुनी
-सिंगरौली के देवसर, कसरावद, पाटन, मझगवां में आईटीआई की स्थापना
-गांव की बेटी व प्रतिभा किरण का लाभ निजी कॉलेजों की छात्राओं को भी
-इंजीनियरिंग व पॉलिटेक्निक कॉलेजो में बनेंगे स्मार्ट क्लास रूम
स्वास्थ्य
- स्वास्थ्य के लिए ४१४७ करोड़ का प्रावधान।
-देवास, मंदसौर, विदिशा, रायसेन, झाबुआ, सीधी, राजगढ़, नरसिंहपुर, सतना एवं सिवनी में नर्सिंग स्कूल खुलेंगे
-१४१६ नए डॉक्टरों की भर्ती
-454 नि:शुल्क दवाओं का वितरण
- ५० नए अस्पताल खोले जाएंगे।
-150 अतिरिक्त एंबुलेंस का संचालन
-एएनएम की 2500, जीएनएम की 3000 एवं बीएससी नर्सिंग प्रशिक्षणार्थियों को 3500 स्टायपेंड
-मरीजों को भोजन के लिए 30 से बढ़ाकर 40 रुपए
- संजीवनी १०८ का विस्तार १०० वाहन जुड़ेंगे।
-५० नए पशु औषधालय
- सरकारी अस्पतालों मेें अल्ट्रा मॉर्डन मशीनें लगेंगी।
महिला एवं बाल विकास
-सर्वांगीण विकास के लिए 5106 करोड़
-लाड़ली लक्ष्मी के लिए 850 करोड़
-आंगनवाड़ी भवनों के लिए 111 करोड़
महिलाओं के सम्मान की रक्षा के लिए पुरुषों को पुरस्कृत करने की योजना
सामाजिक न्याय
-विभाग के लिए 1397 करोड़
-मुख्यमंत्री कन्यादान योजना व निकाह योजना के लिए 17 करोड़
-नि:शक्त वर्ग के लिए नियोक्ता पुरस्कार योजना
-राज्य वरिष्ठ नागरिक आयोग गठित
परिवहन
- 90 हजार किमी सड़कों के लिए २९०७ करोड़ रुपए का प्राधान
- बारहमासी सड़क के लिए १२०१ करोड़ खर्च होंगे।
- मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना पर ५०१ करोड़ खर्च होंगे।
-5593 किमी सड़कें, 56 वृहद व मध्यम पुल एवं 20 रेलवे ओवरब्रिज
खेल
- खेल के लिए १२६ करोड़ रुपए खर्च होंगे।
- ओलिंपिंक की तैयारी के लिए २ करोड़ दिए जाएंगे।
-ओलंपिक योजना-2020 शुरू
-15 शहरों में हॉकी एस्ट्रोटर्फ के लिए 3 करोड़
खेती
- सिंचाई सुविधा के लिए 4765 करोड़
- 2 वृहद व 10 मध्यम सिंचाई परियोजनाएं
- सिंचाई के लिए बिजली के लिए 1700 करोड़
- 8 घंटे बिजली के लिए 3000 करोड़
- अजा-अजा निशुल्क बिजली के लिए 400 करोड़
- शून्य प्रतिशत ब्याज पर कर्ज के लिए 500 करोड़
- गेहूं उपार्जन पर 150 रुपए बोनस के लिए 1050 करोड़
- कतार खेती के प्रोत्साहन के लिए अनुसाद
- मुख्यमंत्री किसान विदेश अध्ययन यात्रा योजना
- एरिगेशन मिशन के लिए 9 करोड़
- युवा उद्यमियों एवं कृषि स्नातकों के लिए 250 कस्टम हायरिंग केंद्र एवं 32 करोड़
- जैविक खेती के प्रोत्साहन के लिए 12 करोड़
- जैविक खेती पर ब्लॉक स्तर पर किसानों को पुरस्कार योजना
- उच्च उत्पादन के बछड़े एवं बछडिय़ों के लिए भूण प्रत्यारोपण प्रयोगशाला के लिए 4 करोड़
- घर पहुंच पशु चिकित्सा सुविधा के लिए 89 आदिवासी ब्लाक का विस्तार
- 50 नए पशु औषधालय एवं 123 पशु औषधालय का उन्नयन के लिए 18 करोड़
- एकीकृत सहकारी विकास के लिए 55 करोड़
- सहकारी केंद्रीय बैंकों में कोर बैंकिंग सुविधा
- फसल को नीलगाय नुकसान पर सहायता
- खाद वितरण व भंडारण के 35 करोड़
- अन्नपूर्णा योजना के लिए 350 करोड़
- मत्स्य पालन के लिए 27 करोड़
- मछुआरों के लिए अल्पकालीन कर्ज शून्य प्रतिशत ब्याज पर
-कृषि उपज भंडारण के लिए 12 करोड़
- १ लाख ८० हजार हेक्टेयर पर बढ़ेगा खेती का रकबा
-सभी किसानों को क्रेडिट कार्ड
- मछुआरा कल्याण बोर्ड का गठन
बिजली
- ऊर्जा के लिए ८८५६ करोड़
- फीडर सेपरेशन के लिए 2681 करोड़
-बिजली उत्पादन बढ़ाने 405 करोड़
-अपरंपरागत ऊर्जा के लिए 29 करोड़
-सड़क निर्माण एवं संधारण के लिए 4970 करोड़
-एससी/एसटी के लिए ५ हॉर्स पॉवर का बिजली का प्रावधान
- मई 13 तक २४ घंटे बिजली।
पर्यटन एवं संस्कृति
-पर्यटन गतिविधियों के लिए 158 करोड़
-पर्यटक केंद्रों के विकास को 11 करोड़
-संस्कृति विभाग को 141 करोड़
-सांची बौद्ध एवं भारतीय ज्ञान अध्ययन विवि को 10 करोड़
-मुरैना में अटलबिहारी वाजपेयी संस्कृति एवं कला केंद्र खुलेगा
-स्वामी विवेकानंद के 150वें जन्मवर्ष के लिए 1 करोड़
कानून व्यवस्था
-पुलिस बल के लिए 3962 करोड़
-5000 पद भरे जाएंगे
-महिला अपराध शाखा के लिए 500 पद व 23 करोड़
-पुलिस स्वास्थ्य सहित कल्याण योजनाएं प्रारंभ
-52 नए जिला एवं सत्र न्यायालय
-86 व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2 के लिए न्यायालय स्थापना, स्टॉफ सहित कुल 1208 पदों के लिए 29 करोड़
-अधिवक्ता कल्याण निधि गठित व 5 करोड़
- माध्यस्थम अधिकरण में पैनल फीस 5000 से बढ़ाकर 20 हजार
प्रशासनिक सुधार
-क्रय पर किसी प्रकार का प्रतिबंध नहीं
-सड़क दुर्घटना सहायता राशि 50 फीसदी की वृद्धि
-50 जिला पंचायतों, 313 जनपद एवं 23006 ग्राम पंचायतों के निर्वाचित प्रतिनिधियों को मानदेय में वृद्धि
कर्मचारी कल्याण
-केंद्र के समान 72 प्रतिशत महंगाई भत्ता
-पुलिस आरक्षकों को 725 रुपए किट एलाउंस
-अशंकालिक सफाई कर्मचारी, भृत्य, अंशकालिक लिपिक के पारिश्रमिक में हर माह बढ़ोतरी
योजना
- नर्मदा शिप्रा परियोजना के लिए ४३२ करोड़ रुपए का प्रावधान।
- लाड़ली लक्ष्मी योजना के लिए ८५० करोड़ का प्रावधान।
- मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के लिए ५४ करोड़ खर्च होंगे।
ये भी होगा
-आवासहीन परिवारों के लिए १५०० करोड़
-शिल्पियों को विश्वकर्मा पुरस्कार
-कौशल विकास के लिए 1 करोड़ का प्रावधान
-महिला रक्षा के लिए अहिल्या देवी सम्मान
-जबलपुर में एकलव्य तीरअंदाजी एकेडमी
-अधिवक्ता कल्याण 5 करोड़
-महिला सुरक्षा पर २३ करोड़
-सरकारी बैंकों में कोर बैकिंग की शुरुआत
-पहली बार पंचों को मानदेय
-मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में १०० करोड़ होंगे खर्च
-अनुसूचित जाति की योजनाओं के लिए ११८९७ करोड़
-राज्य सरकार के कर्मचारियों को केंद्र के बराबर मिलेगा सरकारी भत्ता
-नगरीय निकाय के लिए ८१८६ करोड़ का प्रावधान
-अन्नपूर्णा योजना के लिए ३५० करोड़ रुपए।
महंगा
- देशी-विदेशी शराब महंगी
- धान की खरीदी, चावल
- न्यायालय फीस
सस्ता
रसोई गैस सिलेंडर (सब्सिडी वाला 20 एवं गैर सब्सिडी 45 रुपए सस्ता)
ऑटोमोबाइल कंपोनेंटस
रोटावेटर कर मुक्त
बिजली खपत मीटर वैट मुक्त
प्रि-फेबीकेटेड स्टील स्ट्रक्चर
मिल्किंग मशीन
ऑक्सीजन
नेफ्था, बॉर्बेड वायर, वायर वेल्डेड मेस, चेन लिंक
इमल्सीफाइड बिटुमिन
टॉफी, लाजेंजेस, कैंडी और पिपरमेंट डा्रप्स
नमकीन
सरसो खली
नेचुरल गैस
रेत, गिट्टी
मनोरंजन सस्ता
-पुरातत्व व ऐतिहासिक स्थल, भवन व संग्रहालय की गतिविधियां
-प्राणी व वनस्पति उद्यान वन्य प्राणी के लिए संरक्षित क्षेत्रों में गतिविधियां
-50 रुपए से कम की सिनेमा टिकट
राहत
बिल्डर को रजिस्ट्रेशन से रिबेट सुविधा
प्लांट एवं मशीनरी पर प्रवेश कर 2 से घटाकर 1 प्रतिशत
स्पोटर््स क्बल, थीम पार्क की गतिविधियों पर कर 20 से 10 किया
अनुबंध पत्र में एक लाख तक 100 रुपए स्टॉम्प
कब्जा रहित अनुबंध पत्र पर स्टॉप शुल्क घटाकर 1000 रुपए
नहीं घटेंगे दाम
-डीजल-पेट्रोल
०००००००००
किसको गत वर्ष से कितना ज्यादा
कृषि चार गुना
ऊर्जा 146 करोड़
शिक्षा 16644 करोड़
स्वास्थ्य 551 करोड़
-महिला बाल विकास 31 प्रतिशत
-सामाजिक न्याय 31 प्रतिशत
-नगरीय निकाय 22 प्रतिशत
-खेलकूद 21 प्रतिशत
-पर्यटन 31 प्रतिशत
-संस्कृति 22 प्रतिशत
-उद्योग 40 प्रतिशत
-अजा-अजा 1447 करोड़ अधिक
-पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक 37 प्रतिशत
वित्तीय स्थिति
संकेतक वर्ष 2003-04 2013-14 वृद्धि
कुल व्यय 21,647 करोड़ 91,946 करोड़ चार गुना
स्वयं के कर से अय 6805 करोड़ 33381 करोड़ पांच गुना
राज्य आयोजना व्यय 5684 करोड़ 37608 करोड़ छह गुना
पूंजीगत व्यय 2883 करोड़ 17558 करोड़ छह गुना
ब्याज भुगतान 3206 करोड़ 6518 करोड़ दो गुना
राजस्व घाटा 4475 करोड़ 5215 करोड़ आधिक्य
राजस्व से ब्याज देय 22.44 प्रतिशत 8.19 प्रतिशत ढाई गुना
आयोजना का कुल व्यय 26.26 प्रतिशत 41.0 प्रतिशत डेढ़ गुना
जीडीपी से पूंजी व्यय 2.80 प्रतिशत 4.28 प्रतिशत डेढ़ गुना
जीडीपी से घाटा 7.12 प्रतिशत 2.98 प्रतिशत सीमा के अंदर
जीडीपी में कुल ऋण 33.71 प्रतिशत 22.25 प्रतिशत एक तिहाई
जीडीपी में शुद्ध ऋण 31.18 प्रतिशत 14.30 प्रतिशत दो गुना
वर्तमान में जीडीपी 102839 करोड़ 409877 करोड़ चार गुना
०००००००००००००
किसको क्या मिला
युवा- मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना शुरू, ५० हजार युवाओं लाभान्वित करने ५४ करोड़ का प्रावधान।
उच्च तकनीक क्षेत्र में प्रशिक्षण देने के लिए मल्टीस्किल डेवलपमेंट सेंटर की स्थापना। चयन कर उच्चस्तरीय प्रशिक्षण दिया जाएगा। २ करोड़ का प्रावधान।
महिला- सब्सिडी वाला कुकिंग गैस सिलेंडर अब २० रुपए सस्ता मिलेगा। गैर-सब्सिडी वाला सिलेंडर ४५ रुपए कम में।
वृद्ध- १,३९७ करोड़, वर्ष बीते साल से ३१ प्रतिशत अधिक। वरिष्ठ नागरिक आयोग का गठन किया गया है।
बच्चे- 'ओलंपिक-२०२०' योजना के तहत ९ साल की प्रतिभाओं का
कृषक- बिजली पंपों का बिजली बिल साल में दो बार देना होगा। फसल उत्पादन के बाद। गेहूं प्रति क्विंटल पर १०० की जगह १५० रुपए मिलेगा। प्रदेश के हर जिले में कस्टम हायरिंग सेंटर स्थापित होंगे। यहां से कृषक व कृषि में स्नातक करने वाले युवाओं को किराए पर कृषि यंत्र मिलेंगे। प्रदेश के हर किसान के पास किसान के्रडिट कार्ड होगा।
अधिकारी-कर्मचारी - आक कर्मचारियों एवं पेंशनरों को केन्द्र के समान ७२ प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ता। पुलिस बल के प्रधान आरक्षकों एवं आरक्षकों को प्रतिवर्ष ७२५ रुपए किट एलाउन्स दिया जाएगा।
व्यापारी -रिटर्न भरने के लिए डिजीटल हस्ताक्षरों को मान्य किया। अब सत्यापन की आवश्यकता नहीं।
उद्योगपति- आटोमोबाइल तथा टेक्सटाईल निर्माणकर्ताओं को अब कच्चे माल की स्थानीय खरीदी पर ४ के स्थान पर २ प्रतिशत आगत कर देना होगा।
दैनिक वेतन भोगी-
१० से अधिक व २० साल की सेवा वालों को वर्तमान में ५०० रुपए प्रतिमाह विशेष भत्ता दिया जा रहा है। अब क्रमश: १ हजार व २ हजार रुपए दिए जाएंगे।
नेशनल पेंशन सिस्टम की सदस्यता लेने पर दैनिक मजदूरी के १० प्रतिशत के अंशदान के बराबर राशि राज्य सरकार दी जाएगी।
बजट पर उद्यमियों का दवाब
ऐसा लगता है बजट पर उद्यमियों का दवाब रहा है। कहीं से कहीं तक बजट के जरिए आम आदमी को राहत देने की मंशा सरकार की नहीं दिखी। उद्योगपतियों के लिए करों में छूट ये साबित करता है। कालोनाइजर्स पर जहां पैनाल्टी लगाई जानी चाहिए थी उल्टा उसे छूट दी जा रही है। कृषि, घरेलू सामान और लघु उद्योगों के लिए सस्ते ऋण की सुविधाएं दी जानी चाहिए थी। जिसे वित्तमंत्रीजी ने बढ़ी चतुराई से गायब कर दिया।
चौधरी राकेश सिंह, उपनेता प्रतिपक्ष, मप्र विधानसभा
सरकार ने कान घुमाके पकड़ाया
प्रदेश में शिशु मृत्युदर १ हजार ६२ प्रति वर्ष है। जबकि देश में सबसे ज्यादा मप्र में ही मृत्यु हो रही है। इसके लिए किसी प्रकार का कोई बजट है ही नहीं। महिला पोषण और महिला सुरक्षा के लिए जितनी उम्मीद सरकार से थी। अपैक्षा अनुरूप वैसा नहीं है। धान पर कर लगाया, किसानों को छला गया है। आटो मोबाइल सेक्टर, कालोनाइजर्स को फायदा पहुंचाया गया है। चुनावी साल भी सरकार ने जनता को कान घुमाके पकड़ाया है।
पारस सक्लेचा, निर्दलिय विधायक
भोपाल- पशु भ्रूण प्रत्यारोपण प्रयोगशाला बनाई जा रही है। इसके लिए ४ करोड़ का बजट। यहां अल्प उत्पादन वाली मादा पशुओं से उच्च उत्पादन वंशावली के बछड़े-बछडिय़ां तैयार की जाएंगी।