-विरोध में खड़े हुए राजस्व अधिवक्ता
भोपाल।
पुराना शहरवासियों को अब विभिन्न प्रमाण-पत्र बनवाने लंबी दूरी तय करनी होगी। जिला कलेक्टर कार्यालय परिसर में चल रहे शहर वृत्त को राजभवन के सामने गैस राहत शेड में शिफ्ट किया जा रहा है। शिफ्टिंग के विरोध में राजस्व अधिवक्ता आ गए हैं।
अधिवक्ताओं ने विरोध स्वरूप कलेक्टर निकुंज कुमार श्रीवास्तव को एक ज्ञापन भी सौंपा है। इसमें अधिवक्ताओं ने शहर वृत्त के स्थानानंतरण होने पर पुराने शहरवासियों को होने वाली परेशानियों से अवगत कराया है। अधिवक्ताओं के अनुसार कलेक्टर ने उन्हें आश्वस्त किया है कि शिफ्टिंग के बारे में विचार भर चल रहा है, लेकिन इस पर पूर्ण निर्णय नहीं लिया गया है। राजस्व अधिवक्ता संघ के सचिव सैयद खालिद कैस ने बताया कि हमने ज्ञापन के जरिए सुझाव भी दिया है, वर्तमान में कलेक्टर परिसर में कृषि उप संचालक का कार्यालय चल रहा है। इसका सीधे तौर पर आम आदमी से वास्ता नहीं पड़ता। लिहाजा इसे शिफ्ट किया जा सकता है। इस बिल्डिंग में शहर सर्किल के दफ्तर को संचालित किया जा सकता है। शहर में सर्किल में राजस्व से संबंधित प्रकरण, जाति और स्थानीय निवासी प्रमाण-पत्र बनाए जाते हैं। वर्तमान में शहर सर्किल कलेक्टोरेट के परिसर में स्थित एक बिल्डिंग में चल रहा है। इसी बिल्डिंग में जिला महिला एवं बाल विकास विभाग का दफ्तर भी संचालित है।
बजट प्रतिक्रियाएं-कर्मचारी
बजट कर्मचारी विरोधी है, जिसमें छठवें वेतनमान के हिसाब से ग्रेड पे सुधार के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया है। महंगाई से परेशानी कर्मचारियों के हाथ खाली के खाली ही रहे हैं। वित्तमंत्री ने कर्मचारियों के साथ विश्वासघात किया है। अब मांगों को पूरा करवाने के लिए प्रदेशव्यापी आंदोलन किया जाएगा।
अरुण द्विवेदी, अध्यक्ष, तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ
बजट कर्मचारी हितैषी नहीं है, इसको लेकर आक्रोश ही पनपेगा। महंगाई बेलगाम बढ़ती जा रही है, जिससे राशन, बच्चों की पढ़ाई और रोजमर्रा के खर्चों की भरपाई मुश्किल हो रही है। मुख्यमंत्री और वित्तमंत्री ने बार-बार भरोसा दिलाया था, लेकिन बजट ने कर्मचारी जगत को निराश किया है।
सत्यभान सिंह, अध्यक्ष, स्वास्थ्य कर्मचारी संघ
समूचे कर्मचारी जगत के लिए बेहद निराशाजनक बजट है, जिसमें कर्मचारियों से किए गए ग्रेड पे सुधार सहित तमाम वायदों को पूरा नहीं किया गया। बढ़ती महंगाई में घर चलाना दूभर हो रहा है, ऐसे में सरकार ने कोई राहत नहीं देकर शहरी क्षेत्र के कर्मचारियों को लेकर दुबले पर दो आषाढ़ को चरितार्थ किया है।
डीएस राजपूत, अध्यक्ष, लोकायुक्त विभागीय समिति
चुनावी वर्ष में घोर निराशाजनक बजट है, जिसमें भाजपा के चुनाव घोषणा पत्र के अनुसार वृत्तिकर को समाप्त करना तो दूर रहा, थोड़ी छूट तक नहीं दी गई। भीषण महंगाई में भी केंद्रीय तिथि से महंगाई भत्ता और ग्रेड पे नहीं दिया गया। कर्मचारियों की लंबित मांगों को लेकर अब प्रदेशव्यापी हड़ताल की जाएगी।
सुधीर नायक, अध्यक्ष, मंत्रालयीन कर्मचारी संघ
बड़ी उम्मीद थी कि चुनाव से पहले केंद्रीय तिथि से महंगाई भत्ता और एरियर्स मिलेगा, लेकिन वित्तमंत्री ने धोखा दे दिया। एक तरफ तो महंगाई बढ़ती जा रही है, दूसरी ओर सरकार ने एक भी राहत नहीं देकर कर्मचारियों के गुस्से को भड़का दिया है। अब तो घर की जिम्मेदारियों को पूरा करना मुश्किल होगा।
रामनाथसिंह सोलंकी, अध्यक्ष, पटवारी संघ
बजट से निराशा और नाराजगी है, क्योंकि दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के नियमितीकरण, समान काम के बदले समान वेतनमान, अनुकंपा नियुक्ति
और जोखिम भत्ता आदि का प्रावधान नहीं है। भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र में वादा किया गया था, लेकिन आखिरी बजट तक में एक भी वायदे को पूरा नहीं किया गया।
आमोद तिवारी, अध्यक्ष, वन दैवेभो कर्मचारी संघ
एक ओर तो मुख्यमंत्री बार बार अपने को कर्मचारी हितैषी बताते हैं, लेकिन बजट में भुला दिया गया। महंगाई से राहत के लिए ग्रेड पे सुधार जरुरी है, लेकिन ध्यान नहीं दिया गया। महिला कर्मचारियों के लिए विशेष प्रावधान करने का भरोसा दिलाया जाता रहा है, लेकिन बजट ने हर तरह से निराश ही किया है।
मंजू मेश्राम, अध्यक्ष, नर्सेस एसोसिएशन
बजट कर्मचारी विरोधी है, जिसमें एक भी प्रावधान ऐसा नहीं है, जिससे कोई राहत मिले। कर्मचारियों और पेंशनर्स से वार्ता के दौरान मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया था, लेकिन बजट ने सारी संवेदनशीलता की कलई खोलकर रख दी है। ऐसे में विधानसभा चुनाव में कर्मचारी इस धोखे का हिसाब बराबर करेंगे।
उदयनारायण त्रिवेदी, अध्यक्ष, राजधानी कर्मचारी संघ
भोपाल।
पुराना शहरवासियों को अब विभिन्न प्रमाण-पत्र बनवाने लंबी दूरी तय करनी होगी। जिला कलेक्टर कार्यालय परिसर में चल रहे शहर वृत्त को राजभवन के सामने गैस राहत शेड में शिफ्ट किया जा रहा है। शिफ्टिंग के विरोध में राजस्व अधिवक्ता आ गए हैं।
अधिवक्ताओं ने विरोध स्वरूप कलेक्टर निकुंज कुमार श्रीवास्तव को एक ज्ञापन भी सौंपा है। इसमें अधिवक्ताओं ने शहर वृत्त के स्थानानंतरण होने पर पुराने शहरवासियों को होने वाली परेशानियों से अवगत कराया है। अधिवक्ताओं के अनुसार कलेक्टर ने उन्हें आश्वस्त किया है कि शिफ्टिंग के बारे में विचार भर चल रहा है, लेकिन इस पर पूर्ण निर्णय नहीं लिया गया है। राजस्व अधिवक्ता संघ के सचिव सैयद खालिद कैस ने बताया कि हमने ज्ञापन के जरिए सुझाव भी दिया है, वर्तमान में कलेक्टर परिसर में कृषि उप संचालक का कार्यालय चल रहा है। इसका सीधे तौर पर आम आदमी से वास्ता नहीं पड़ता। लिहाजा इसे शिफ्ट किया जा सकता है। इस बिल्डिंग में शहर सर्किल के दफ्तर को संचालित किया जा सकता है। शहर में सर्किल में राजस्व से संबंधित प्रकरण, जाति और स्थानीय निवासी प्रमाण-पत्र बनाए जाते हैं। वर्तमान में शहर सर्किल कलेक्टोरेट के परिसर में स्थित एक बिल्डिंग में चल रहा है। इसी बिल्डिंग में जिला महिला एवं बाल विकास विभाग का दफ्तर भी संचालित है।
बजट प्रतिक्रियाएं-कर्मचारी
बजट कर्मचारी विरोधी है, जिसमें छठवें वेतनमान के हिसाब से ग्रेड पे सुधार के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया है। महंगाई से परेशानी कर्मचारियों के हाथ खाली के खाली ही रहे हैं। वित्तमंत्री ने कर्मचारियों के साथ विश्वासघात किया है। अब मांगों को पूरा करवाने के लिए प्रदेशव्यापी आंदोलन किया जाएगा।
अरुण द्विवेदी, अध्यक्ष, तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ
बजट कर्मचारी हितैषी नहीं है, इसको लेकर आक्रोश ही पनपेगा। महंगाई बेलगाम बढ़ती जा रही है, जिससे राशन, बच्चों की पढ़ाई और रोजमर्रा के खर्चों की भरपाई मुश्किल हो रही है। मुख्यमंत्री और वित्तमंत्री ने बार-बार भरोसा दिलाया था, लेकिन बजट ने कर्मचारी जगत को निराश किया है।
सत्यभान सिंह, अध्यक्ष, स्वास्थ्य कर्मचारी संघ
समूचे कर्मचारी जगत के लिए बेहद निराशाजनक बजट है, जिसमें कर्मचारियों से किए गए ग्रेड पे सुधार सहित तमाम वायदों को पूरा नहीं किया गया। बढ़ती महंगाई में घर चलाना दूभर हो रहा है, ऐसे में सरकार ने कोई राहत नहीं देकर शहरी क्षेत्र के कर्मचारियों को लेकर दुबले पर दो आषाढ़ को चरितार्थ किया है।
डीएस राजपूत, अध्यक्ष, लोकायुक्त विभागीय समिति
चुनावी वर्ष में घोर निराशाजनक बजट है, जिसमें भाजपा के चुनाव घोषणा पत्र के अनुसार वृत्तिकर को समाप्त करना तो दूर रहा, थोड़ी छूट तक नहीं दी गई। भीषण महंगाई में भी केंद्रीय तिथि से महंगाई भत्ता और ग्रेड पे नहीं दिया गया। कर्मचारियों की लंबित मांगों को लेकर अब प्रदेशव्यापी हड़ताल की जाएगी।
सुधीर नायक, अध्यक्ष, मंत्रालयीन कर्मचारी संघ
बड़ी उम्मीद थी कि चुनाव से पहले केंद्रीय तिथि से महंगाई भत्ता और एरियर्स मिलेगा, लेकिन वित्तमंत्री ने धोखा दे दिया। एक तरफ तो महंगाई बढ़ती जा रही है, दूसरी ओर सरकार ने एक भी राहत नहीं देकर कर्मचारियों के गुस्से को भड़का दिया है। अब तो घर की जिम्मेदारियों को पूरा करना मुश्किल होगा।
रामनाथसिंह सोलंकी, अध्यक्ष, पटवारी संघ
बजट से निराशा और नाराजगी है, क्योंकि दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के नियमितीकरण, समान काम के बदले समान वेतनमान, अनुकंपा नियुक्ति
और जोखिम भत्ता आदि का प्रावधान नहीं है। भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र में वादा किया गया था, लेकिन आखिरी बजट तक में एक भी वायदे को पूरा नहीं किया गया।
आमोद तिवारी, अध्यक्ष, वन दैवेभो कर्मचारी संघ
एक ओर तो मुख्यमंत्री बार बार अपने को कर्मचारी हितैषी बताते हैं, लेकिन बजट में भुला दिया गया। महंगाई से राहत के लिए ग्रेड पे सुधार जरुरी है, लेकिन ध्यान नहीं दिया गया। महिला कर्मचारियों के लिए विशेष प्रावधान करने का भरोसा दिलाया जाता रहा है, लेकिन बजट ने हर तरह से निराश ही किया है।
मंजू मेश्राम, अध्यक्ष, नर्सेस एसोसिएशन
बजट कर्मचारी विरोधी है, जिसमें एक भी प्रावधान ऐसा नहीं है, जिससे कोई राहत मिले। कर्मचारियों और पेंशनर्स से वार्ता के दौरान मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया था, लेकिन बजट ने सारी संवेदनशीलता की कलई खोलकर रख दी है। ऐसे में विधानसभा चुनाव में कर्मचारी इस धोखे का हिसाब बराबर करेंगे।
उदयनारायण त्रिवेदी, अध्यक्ष, राजधानी कर्मचारी संघ
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