-लोकायुक्त की टीम को मिले दो दर्जन से अधिक खाते, लाखों रुपए की एफडी
भोपाल।
एजेंसी के एक अधिकारी ने बताया, यह सब केवल प्रारंभिक पड़ताल में सामने आया। जब्ती में लिए गए दस्तावजों का परीक्षण के बाद कई अन्य संपत्तियों का खुलासा भी हो सकता है। टीम जब यहां पहुंची तो भव्य मकान को देख हतप्रभत रह गई। आलीशान मकान में रहने वाले मध्यप्रदेश मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के गोविंदपुरा स्थित सेंट्रल जोन कार्यालय में वर्षों से पदस्थ हैं। जानकारी के हिसाब से शासकीय सेवा में रहते हुए अर्जुनदा ने भ्रष्टाचार कर करोड़ों रुपए की संपत्ति जुटाई है। इस बारे में बीते कुछ दिनों से लोकायुक्त लगातार शिकायतें मिल रही थीं। जांच एजेंसी ने इसी आधार पर छापामार कार्रवाई की। जब टीम उनके घर पहुंची तब घर के सदस्य नींद में थे। दरवाजे खुलने पर टीम ने बताया कि वे लोकायुक्त से हैं, तो लालवानी और उनके परिजनों के हाथ पैर फूल गए। घर के सदस्यों को एक ओर कर लोकायुक्त की टीम ने घर की तलाशी ली। अब तक की पड़ताल में संपत्ति का आंकलन 25 करोड़ बताया जा रहा है। जांच में मिला कि लालवानी ने प्रॉपर्टी में काफी राशि निवेश की है। उनके घर से 4 लेट, 4 प्लॉट, 2 गैरिज, 2 जमीन के दस्तावेज, 100 ग्राम सोने के जेबर मिले हैं। जांच अधिकारियों के अनुसार, फिलहाल दस्तावेजों का निरीक्षण किया जा रहा है, इस हिसाब से पूर्णत: राशि नहीं बताई जा सकती है। संपत्ति बढऩे का अनुमान है। जांच अधिकारी अर्जुनदास के बैंक लॉकरों का पता लगाने में जुटे हैं।
यह मिला
बाबू के ठिकानों से लोकायुक्त पुलिस ने 4 लेट जिनमें से एक एमपी नगर क्षेत्र में स्थित है, 4 प्लॉट, 2 गैरिज, भौरी में 1.41 एकड़ जमीन, 53 लाख की एफडीआर, 51 हजार नगद, चार पहिया वाहन, महंगा घरेलू सामान।
26 बैंक खाते
प्रारंभिक जांच में बाबू के घर से 25 बैंक के खाते पता चले हैं। वहीं एक खाता डाकघर में होना मिला है। विभागीय टीम जांच में चुटी है कि इन खातों में कितना पैसा जमा है। साथ ही 100 चांदी सिक्के, सोने के जेबर और चांदी के आभूषणों की जानकारी भी मिली है।
कभी तबादला ही नहीं
अब की जानकारी में सामने आया कि विद्युत विभाग भी सहायक ग्रेड दो अर्जुनदास लालवानी पर मेहरबान रहा। उनका कभी तबादला ही नहीं किया गया। अर्जुनदास एक ही शाखा में पदस्थ है। वर्तमान में उसके पास कॉमर्शियल बिजली कनेक्शन देने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। दूसरी ओर विद्युत विभाग अब उन्हें निलंबित करने की तैयारी कर रहा है।
ये थे टीम में
छापामार कार्रवाई में लोकायुक्त विभाग के डीएसपी विनोद शर्मा, साधना सिंह, सज्जन सिंह चौहान, हर प्रताप सिंह सिद्दधू, निरीक्षक अबरेश बोहरे, सुनील लाटा आदि थे।
वर्जन
दस्तावेजों का परीक्षण चल रहा है। प्रारंभिक जांच में अनुमानित ४० करोड़ रुपए की संपत्ति का आंकलन है। बैंक खातों और एक अन्य खाते की जांच में यह संपत्ति बढ़ सकती है। जांच फिलहाल चल रही है।
सिद्धार्थ चौधरी, एसपी, लोकायुक्त पुलिस
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