-प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा कंसोटिया बोले स्त्रोतों व संसाधनों का बेहतर उपयोग किया जाना जरूरी
मंडीदीप।
उच्च शिक्षा के मामले में हमारे देश का दुनिया में कोई स्थान नहीं है। जरूरी है कि उच्च शिक्षा में गुणवत्ता पर ध्यान दिया जाए। इसके लिए प्राप्त स्त्रोतों व संसाधनों का बेहतर तरीके से उपयोग किया जाए। यह बात उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव जेएन कंसोटिया ने कही। वे शुक्रवार को मंडीदीप के राजा भोज कालेज में गुणवत्ता विस्तार कह कार्य योजनाओं का क्रियान्वयन समस्याओं और संभावनाओं पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमीनार के उद्घाटन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे।
श्री कंसोटिया ने उच्च शिक्षा की चिंताजनक स्थिति का उल्लेख करते हुए कहा कि अनुसूचित जाति व जन जाति वर्ग के ३९ प्रतिशत में से एसटी वर्ग के चार एवं एससी वर्ग के आठ फीसदी बच्चे ही उच्च शिक्षा हासिल करते हैं। उच्च शिक्षा देने में हम क्वालिटी और क्वांटिटि दोनों में पीछे हैं। उन्होंने इंजीनियरिंग व मेडिकल के युवाओं में गिरते चारित्रिक, नैतिक पतन और मानवीय संवेदनाएं न होने पर चिंता जाहिर की। दूरस्त ग्रामीण महाविद्यालयों के विशेष संदर्भ में बातचीत करते हुए कहा कि यहां पिछड़े क्षेत्रों में कालेज खोलकर संसाधन जुटाना चुनौती पूर्ण काम है।
पांच सौ करोड़ का बंटेगा एरियर्स
प्रोफे सरों द्वारा लंबे समय से एरियर्स की मांग की जा रही है। प्रदेश सरकार जल्दी ही पांच सौ करोड़ रू का एरियर्स बांटेगी। इसके लिए आधी राशि २५० करोड़ केंद्र से मिलना बाकी है। कालेजों में खाली पड़े करीब १५ सौ पदों पर जल्दी ही प्रोफेसरों की नियुक्ति की जाएगी। परीक्षा से पूर्व विद्यार्थियों से पुस्तकें वापस नहीं ली जाएंगी। बल्कि एससी वर्ग के बच्चों को पांच सौ के बजाए दो हजार रू कीमत की किताबें दी नि:शुल्क दी जाएंगी। गांव की बेटी और प्रतिभा किरण योजना के तहत बालिकाओं को दिए जाने वाले आवागमन भत्तों को पांच से बढ़ाकर दस रुपए किया जाएगा। युवाओं को कालेज में काम कराने के लिए परेशान न होना पड़े इसके लिए विभाग में लोक सेवा गारंटी कानून को लागू किया जाएगा। उन्होंने दो दिनों तक विभिन्न मुद्दों पर विचार मंथन कर सुझावों को विभाग को भेजने को कहा। ताकि अच्छे सुझावों को अमल में लाया जा सके।
युवाओं को समझाएंगे सामाजिक दायित्व
सेमीनार को बरकतउल्ला विवि की कुलपति डॉ. निशा दुबे ने युवाओं में नैतिक शिक्षा की वकालत करते हुए कहा कि आधार पाठ्यक्रमों में नैतिक मूल्यों का पाठ शामिल किया जाए ताकि युवाओं में नैतिकमूल्यों के साथ सामाजिक दायित्वों की समझ विकसित की जा सके। उन्होंने यह भी जोड़ा कि सिर्फ इससे ही काम नहीं चलने वाला शिक्षकों को बड़ी जिम्मेदारी निभानी होगी। सेमीनार को मप्र निजी विवि नियामक आयोग के चेयरमेन डॉ. अखिलेश पांडे एवं उच्च शिक्षा विभाग के अतिरिक्त संचालक डॉ. यूसी जैन ने भी संबोधित किया। उद्घाटन सत्र के बाद ११५ समरी एवं १५० शोध पत्रों पर चर्चा की गई। सेमीनार में भोपाल नर्मदापुरम संभाग के ६५ कालेजों के प्रिंसीपल एवं गुणवत्ता प्रकोष्ठों के प्रभारी शामिल हुए हैं। शनिवार को भी सेमीनार विभिन्न सत्रों में संपन्न होगा।
मंडीदीप।
उच्च शिक्षा के मामले में हमारे देश का दुनिया में कोई स्थान नहीं है। जरूरी है कि उच्च शिक्षा में गुणवत्ता पर ध्यान दिया जाए। इसके लिए प्राप्त स्त्रोतों व संसाधनों का बेहतर तरीके से उपयोग किया जाए। यह बात उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव जेएन कंसोटिया ने कही। वे शुक्रवार को मंडीदीप के राजा भोज कालेज में गुणवत्ता विस्तार कह कार्य योजनाओं का क्रियान्वयन समस्याओं और संभावनाओं पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमीनार के उद्घाटन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे।
श्री कंसोटिया ने उच्च शिक्षा की चिंताजनक स्थिति का उल्लेख करते हुए कहा कि अनुसूचित जाति व जन जाति वर्ग के ३९ प्रतिशत में से एसटी वर्ग के चार एवं एससी वर्ग के आठ फीसदी बच्चे ही उच्च शिक्षा हासिल करते हैं। उच्च शिक्षा देने में हम क्वालिटी और क्वांटिटि दोनों में पीछे हैं। उन्होंने इंजीनियरिंग व मेडिकल के युवाओं में गिरते चारित्रिक, नैतिक पतन और मानवीय संवेदनाएं न होने पर चिंता जाहिर की। दूरस्त ग्रामीण महाविद्यालयों के विशेष संदर्भ में बातचीत करते हुए कहा कि यहां पिछड़े क्षेत्रों में कालेज खोलकर संसाधन जुटाना चुनौती पूर्ण काम है।
पांच सौ करोड़ का बंटेगा एरियर्स
प्रोफे सरों द्वारा लंबे समय से एरियर्स की मांग की जा रही है। प्रदेश सरकार जल्दी ही पांच सौ करोड़ रू का एरियर्स बांटेगी। इसके लिए आधी राशि २५० करोड़ केंद्र से मिलना बाकी है। कालेजों में खाली पड़े करीब १५ सौ पदों पर जल्दी ही प्रोफेसरों की नियुक्ति की जाएगी। परीक्षा से पूर्व विद्यार्थियों से पुस्तकें वापस नहीं ली जाएंगी। बल्कि एससी वर्ग के बच्चों को पांच सौ के बजाए दो हजार रू कीमत की किताबें दी नि:शुल्क दी जाएंगी। गांव की बेटी और प्रतिभा किरण योजना के तहत बालिकाओं को दिए जाने वाले आवागमन भत्तों को पांच से बढ़ाकर दस रुपए किया जाएगा। युवाओं को कालेज में काम कराने के लिए परेशान न होना पड़े इसके लिए विभाग में लोक सेवा गारंटी कानून को लागू किया जाएगा। उन्होंने दो दिनों तक विभिन्न मुद्दों पर विचार मंथन कर सुझावों को विभाग को भेजने को कहा। ताकि अच्छे सुझावों को अमल में लाया जा सके।
युवाओं को समझाएंगे सामाजिक दायित्व
सेमीनार को बरकतउल्ला विवि की कुलपति डॉ. निशा दुबे ने युवाओं में नैतिक शिक्षा की वकालत करते हुए कहा कि आधार पाठ्यक्रमों में नैतिक मूल्यों का पाठ शामिल किया जाए ताकि युवाओं में नैतिकमूल्यों के साथ सामाजिक दायित्वों की समझ विकसित की जा सके। उन्होंने यह भी जोड़ा कि सिर्फ इससे ही काम नहीं चलने वाला शिक्षकों को बड़ी जिम्मेदारी निभानी होगी। सेमीनार को मप्र निजी विवि नियामक आयोग के चेयरमेन डॉ. अखिलेश पांडे एवं उच्च शिक्षा विभाग के अतिरिक्त संचालक डॉ. यूसी जैन ने भी संबोधित किया। उद्घाटन सत्र के बाद ११५ समरी एवं १५० शोध पत्रों पर चर्चा की गई। सेमीनार में भोपाल नर्मदापुरम संभाग के ६५ कालेजों के प्रिंसीपल एवं गुणवत्ता प्रकोष्ठों के प्रभारी शामिल हुए हैं। शनिवार को भी सेमीनार विभिन्न सत्रों में संपन्न होगा।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें