गुरुवार, 7 फ़रवरी 2013

वैज्ञानिक तथ्य सामने, काजल का कातिल चढ़ेगा फांसी

हेमन्त पटेल, भोपाल। 
गृहमंत्री उमाशंकर गुप्ता के घर के पास घटी इस वीभत्स घटना के बाद शहरवासियों में आक्रोश साफ दिखाई दे रहा था। अच्छी बात यह रही कि घटनाक्रम ने दिल्ली जैसा उग्र रूप नहीं लिया। पुलिस ने सक्रियता दिखाई और आठ वर्षीय मासूम काजल की हत्या का खुलासा बुधवार को कर दिया। दूसरी ओर पुलिस मुख्यालय में उच्च पदस्थ अधिकारियों की मानें तो वैज्ञानिक तथ्यों के आधार पर काजल के कातिल का फांसी पर चढऩा निश्चित है। 
जांच के तमाम अन्य बिन्दुओं के आधार पर बात की जाए तो यह वीभत्स और जघन्य घटना गंभीर अपराध श्रेणी में आती है। ४ फरवरी, सोमवार को मिले मासूम के क्षत-विक्षत शव के बाद पुलिस मुख्यालय के वरिष्ठ अफसरों ने जांच के निर्देश दिए थे। दबी जुबान से पुलिस अधिकारियों ने भी स्वीकारा मामला बेहद संवेदनशील था, इस लिहाज से मैदानी अमले को हर स्तर पर चौकन्ना रहने के निर्देश दिए गए थे। 
मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार आरोपी को सोमवार-मंगलवार की दरमियानी रात ही हिरासत में ले लिया गया था। पर गंभीरता से पड़ताल जरूरी थी, जांच से जुड़े पुलिस अधिकारियों ने बताया कि शव के कई टुकड़े थे। इस वजह से बलात्कार की पुष्टि होने में समय लगा। खुलासे से पूर्व भी अफसरों ने बलात्कार की आशंका जताई थी। घटना स्थल से मिले साक्ष्यों की फॉरेंसिक एक्पट्र्स ने जांच की। इन्हीं मौजूदा साक्ष्यों के आधार पर उनसे आरोपी द्वारा बलात्कार और हत्या किए जाने की पुष्टि होती है। वैज्ञानिक साक्ष्य जुटाने राजधनी पुलिस ने नाखून, बाल, खून से सने कपड़े को एफएसएल भेजा। पूरे घटनाक्रम में कोई गवाह नहीं है, लेकिन वैज्ञानिक साक्ष्यों को आधार मान आरोपी को फांसी की सजा हो सकती है। गौर करने वाली बात यह है कि पुलिस ने तीन दिन में घटना का खुलासा अपनी पीठ जरूर थपथपाई, लेकिन मीरा आहूजा हत्याकांड पर सवाल अब भी खड़े हुए हैं। दो माह बीत जाने के बाद भी पुलिस इस हत्याकांड का खुलासा नहीं कर पाई है। 

वर्जन 
भोपाल में हुई यह घटना क्रूरतम और जघन्य अपराध है। बच्ची के साथ पहले आरोपी ने बलात्कार किया, फिर शव को क्षत-विक्षत कर दिया। यह गंभीर अपराध बनता है। न्यायालय इसमें आरोपी को फांसी की सजा सुना सकती है। 
डॉ. दीपक गुप्ता, अधिवक्ता, हाईकोर्ट, ग्वालियर

मानसिक विकृति के कारण आरोपी ने इस निकृष्टतम घटना को अंजाम दिया। हत्या के मामले में अधिक से अधिक वैज्ञानिक साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं, जिससे आरोपी को सख्त से सख्त सजा मिल सके। ऐसे प्रकरणों में फांसी की सजा का प्रावधान है। वैज्ञानिक साक्ष्य भी इस ओर इशारा कर रहे हैं। 
नंदन दुबे, पुलिस महानिदेशक, मप्र 

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