गुरुवार, 14 फ़रवरी 2013

अपराध रोकने पुलिस का हाईटेक होना जरूरी

-मुयमंत्री ने पुलिस ड्यूटी मीट के इंद्रधनुषी कार्यक्रम में कहा
भोपाल। 
अपराध पर नकेल कसने के लिए पुलिस का हाईटेक होना जरूरी हो गया है। पुलिस को चाहिए कि अब हर अपराधिक मामले में अधिक से अधिक  वैज्ञानिक साक्ष्य जुटाएं जाए। जिससे अपराधी को उसके द्वारा किए गए कृत्य के अनुसार सत सजा मिल सके। यह बात मध्यप्रदेश के मुयमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार शाम मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में ऑल इंडिया पुलिस डयूटी मीट के दौरान आयोजित इंद्रधनुषी कार्यक्रम के दौरान विभिन्न राज्यों की पुलिस को संबोधित करते हुए कहा।
    उन्होंने कहा कि आज अपराध की प्रवृत्ति बदल गई है, अपराध के मामले में अपराधी हाईटेक हो चुके हैं। उन्हें पकडऩे के लिए पुलिस को उनसे ज्यादा हाईटेक होने की जरूरत है। उन्हें कहा कि देश में आंतरिक सुरक्षा बनाने में पुलिस एक मात्र माध्यम है। पुलिस का काम चुनौतीपूर्ण है, लेकिन उस हिसाब से समान नहीं मिलता है। उन्होंने अफजल गुरु को फांसी की सजा देने के  मुद्दे पर कहा कि यह काम पहले ही हो जाना चाहिए। आतंकवाद की कोई जाति नहीं होती है, यदि दूसरे मुल्क में होता तो पता ही नहीं चलता कि कहां दफन किया है। आज आधुनिक तकनीक को अपनाने की जरूरत है। इससे पहले उन्होंने ऑल इंडिया पुलिस ड्यूटी मीट में देश के विभिन्न राज्यों से आए पुलिस अधिकारी कर्मचारियों का स्वागत किया। कार्यक्रम के दौरान पुलिस मीट पर आधारित एक स्मारिका का विमोचन भी किया गया। इस दौरान डीजीपी नंदन दुबे, एसीएस गृह आईएस दाणी, एडीजी एसएएफ वीके सिंह समेत आला अधिकारी उपस्थित थे।

-मीडिया को बनाया निशाना
मुयमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पुलिस की हर गतिविधियों पर मीडिया की नजर रहती है। यदि पुलिस अच्छा कार्य करती है तो कुछ नहीं। जब किसी मामले को सुलझाने में देरी होती है तो पुलिस को गैर जिमेदार बताया जाता है। उन्होंने कहा कि पुलिस के सामने कई चुनौती है, फिर भी शांति व्यवस्था बनाने में पूरी मुस्तैद रहती है।  

किसान पुत्र संघ ने की रेट बढ़ाने की मांग - किसान पुत्र कल्याण संघ के अध्यक्ष गणेश सिंह ठाकुर ने गुरुवार को  कलेक्टर को
ज्ञापन सौंपकर बीडीए की मिसरोद फेस-1 की जमीनों के रेट बढ़ाने की मांग की है। उन्होंने बताया कि भोपाल विकास प्राधिकरण ने
पिछले वर्ष मिसरोद फेस-1 के नाम से प्रोजेक्ट के तहत आने वाली जमीनों के रेट अपनी मर्जी से रखवाए। बीडीए द्वारा यहां जमीनों के रेट12 से 15 हजार प्रतिवर्गमीटर मीटर तय कराए थे,  जबकि आसपास की कॉलोनियों में जमीन के  रेट 20 हजार से 45 हजार रुपए प्रतिवर्गमीटर तक निर्धारित है। उन्होंने आसपास की कालोनियों को ध्यान में रखते हुए इस स्कीम की जमीन की कीमतें तय करने की मांग की है। श्री ठाकुर ने बताया कि रेट कम कराते समय बीडीए आम लोगों को कम कीमत में प्लॉट उपलब्ध कराने की बात करता है, लेकिन हकीकत में बाजार मूल्य से अधिक कीमत पर प्लाट बेच रहा है। यदि इस वर्ष भी जमीन के रेट कम रखे गए तो आंदोलन किया जाएगा।

मॉल में  लोरों के भी हो अलग - क्रेडाई के पदाधिकारियों ने अ ाी से ही जमीनों की बढ़ती कीमतों को लेकर विरोध शुरू कर दिया है। उन्होंने एक आपत्ति भी वरिष्ठ जिला पंजीयन कार्यालय को भेज दी है। आपत्ति में उन्होंने  लैट्स की तरह ही मॉल के रेट रखे जाने की बात कही है। उनका कहना है कि गाइडलाइन में  लैट्स के रेट  लोर दर  लोर घटते हैं, जबकि मॉल में ग्राउण्ड  लोर से लेकर उसके उपर के सभी  लोर के रेट एक ही होते हैं। मॉल के  लोर के रेट  ाी  लेट्स की तरह ही लोर दर  लोर घटने चाहिए।

कीमतें बढ़ी तो कांग्रेस करेगी प्रदर्शन - जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष पीसी शर्मा ने नई गाइडलाइन में जमीनों की कीमतें और नहीं
बढ़ाने की मांग की है। उन्होंने बताया कि  भोपाल में जमीनों के रेट पहले ही बड़े शहरों से ज्यादा हैं। कलेक्टर रेट बढऩे से रजिस्ट्री भी
महंगी हो जाती है। इससे गरीब और मध्यमवर्ग के  साथ साथ  कर्मचारियों को मकान लेना मुश्किल हो जाएगा। यदि प्रशासन ने नवीन कलेक्टर गाइडलाइन में जमीन की कीमतें और बढाईं तो कांग्रेस धरना प्रदर्शन कर विरोध करेगी।

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