-उच्च न्यायालय ने समिति सदस्यों को दिए निर्देश
भोपाल।
उच्च न्यायालय ने विंध्य नगर गृह निर्माण सोसायटी के भूखंडों की रजिस्ट्री पर रोक लगा दी है।
सोसायटी के अध्यक्ष हेमन्त सिंह और संचालक मंडल के सदस्यों ने पंजीयक न्यायालय के आदेश की अवहेलना कर 60 नए लोगों को सदस्य बनाया था। इसके बाद नवीन सदस्यों के नाम रजिस्ट्रियां भी करवा दी थीं। ऐसे करीब 40 संस्थापक सदस्य हैं। उच्च न्यायालन ने इस मामले में दायर याचिका की सुनवाई करते हुए सोसायटी की जमीन की खरीदी बिक्री व रजिस्ट्री पर रोक लगा दी है। यह निर्देश बीते दिनों दिए गए। यह जानकारी सोसायटी के संस्थापक सदस्य एनपी पटेल ने दी। श्री पटेल ने बताया, विध्यनगर समिति के वर्ष 2009-10 में हुए निर्वाचन में भारी अनियमितताएं हुई थीं। इस पर कई सदस्यों ने एलेक्शनडिस्प्यूट का प्रकरण न्यायालय पंजीयन सहकारी संस्थाएं में वर्ष 2009 में ही पंजीबद्ध कराया था। सुनवाई करते हुए संयुक्त संचालक जेपी गुप्ता ने २१/०२/२०१२ को संस्था के नवनिर्वाचित संचालक मंडल पर नीतिगत निर्णय लेने पर रोक लगा दी थी। बावजूद इसके संस्था के अध्यक्ष हेमंत सिंह व संचालक मंडल के अन्य सदस्यों ने न्यायालय पंजीयन सहकारी संस्थाएं के आदेश को दरकिनार करते हुए 60 नए सदस्य बना लिए। वहीं 40 संस्थापक सदस्यों को हटा दिया। नए सदस्यों के नाम से प्लाट आंवटन कर रजिस्ट्रियां भी करा दी। आपत्ति लेने के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकला, उच्च न्यायालय जबलपुर में एक याचिका लगाई गई। इसमें उच्च न्यायालय व्यवस्था देते हुए संस्था के प्लाटों की खरीदी-बिक्री तथा रजिस्ट्री पर रोक लगा दी है।
भोपाल।
उच्च न्यायालय ने विंध्य नगर गृह निर्माण सोसायटी के भूखंडों की रजिस्ट्री पर रोक लगा दी है।
सोसायटी के अध्यक्ष हेमन्त सिंह और संचालक मंडल के सदस्यों ने पंजीयक न्यायालय के आदेश की अवहेलना कर 60 नए लोगों को सदस्य बनाया था। इसके बाद नवीन सदस्यों के नाम रजिस्ट्रियां भी करवा दी थीं। ऐसे करीब 40 संस्थापक सदस्य हैं। उच्च न्यायालन ने इस मामले में दायर याचिका की सुनवाई करते हुए सोसायटी की जमीन की खरीदी बिक्री व रजिस्ट्री पर रोक लगा दी है। यह निर्देश बीते दिनों दिए गए। यह जानकारी सोसायटी के संस्थापक सदस्य एनपी पटेल ने दी। श्री पटेल ने बताया, विध्यनगर समिति के वर्ष 2009-10 में हुए निर्वाचन में भारी अनियमितताएं हुई थीं। इस पर कई सदस्यों ने एलेक्शनडिस्प्यूट का प्रकरण न्यायालय पंजीयन सहकारी संस्थाएं में वर्ष 2009 में ही पंजीबद्ध कराया था। सुनवाई करते हुए संयुक्त संचालक जेपी गुप्ता ने २१/०२/२०१२ को संस्था के नवनिर्वाचित संचालक मंडल पर नीतिगत निर्णय लेने पर रोक लगा दी थी। बावजूद इसके संस्था के अध्यक्ष हेमंत सिंह व संचालक मंडल के अन्य सदस्यों ने न्यायालय पंजीयन सहकारी संस्थाएं के आदेश को दरकिनार करते हुए 60 नए सदस्य बना लिए। वहीं 40 संस्थापक सदस्यों को हटा दिया। नए सदस्यों के नाम से प्लाट आंवटन कर रजिस्ट्रियां भी करा दी। आपत्ति लेने के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकला, उच्च न्यायालय जबलपुर में एक याचिका लगाई गई। इसमें उच्च न्यायालय व्यवस्था देते हुए संस्था के प्लाटों की खरीदी-बिक्री तथा रजिस्ट्री पर रोक लगा दी है।
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