शिकायतों के बावजूद कार्रवाई नहीं
बैरागढ़।
नगर निगम वार्ड-एक के अंतर्गत गांधीनगर का अर्जुन वार्ड क्षेत्र लंबे समय से अतिक्रमण की चपेट में हैं। विडंबना यह है कि क्षेत्रीय पार्षद सहित अनेक जनप्रतिनिधियों द्वारा बार-बार शिकायत करने के बावजूद नगर निगम और जिला प्रशासन के अधिकारियों ने यहां सरकारी ाूमि को बचाने की दिशा में अब तक कोई सक्रियता नहीं दि ााई। यूं तो गांधीनगर की वि िान्न बस्तियों में सरकारी जमीनों पर व्यापक पैमाने पर अतिक्रमणकारियों का शिकंजा कसा है, लेकिन कुछ दबंग लोगों ने रहवासी क्षेत्रों में ही डेयरी और मुर्गी फार्म जैसे व्यावसायिक गतिविधियों के लिए पक्के मकानों का निर्माण कर पूरे वार्ड को अपनी चपेट में ले लिया है। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि नगर निगम और जिला प्रशासन के अधिकारियों से गहरी सांठगांठ करके अतिक्रमणकारी शासन की करोड़ों की जमीनें हड़प गए हैं। बताया जाता है अतिक्रमणकारी जमीन पर पहले किसी न किसी धार्मिक स्थल का स्थायी-अस्थायी निर्माण करते हैं, ताकि जनता के आक्रोश और प्रशासन की कार्रवाई से बच सकें। बाद में उसी स्थान को अपने निजी उपयोग हेतु कब्जे में लेकर उस पर आलीशान मकान बना लेते हैं और प्रशासनिक अधिकारी उसे केवल नोटिस देकर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर लेते हैं। इस संबंध में क्षेत्रीय पार्षद शमीम नासिर ने आपत्ति जताते हुए बताया कि अतिक्रमण को लेकर उन्होंने ाी कई बार निगम के अधिकारियों को आगाह किया, लेकिन प्र ाावी कार्रवाई अब तक नहीं हुई। उन्होंने कहा कि शहर के अन्य क्षेत्रों की तर्ज पर गांधीनगर में ाी अतिक्रमण विरोधी सक्रिय कार्रवाई की जरूरत है।
बैरागढ़।
नगर निगम वार्ड-एक के अंतर्गत गांधीनगर का अर्जुन वार्ड क्षेत्र लंबे समय से अतिक्रमण की चपेट में हैं। विडंबना यह है कि क्षेत्रीय पार्षद सहित अनेक जनप्रतिनिधियों द्वारा बार-बार शिकायत करने के बावजूद नगर निगम और जिला प्रशासन के अधिकारियों ने यहां सरकारी ाूमि को बचाने की दिशा में अब तक कोई सक्रियता नहीं दि ााई। यूं तो गांधीनगर की वि िान्न बस्तियों में सरकारी जमीनों पर व्यापक पैमाने पर अतिक्रमणकारियों का शिकंजा कसा है, लेकिन कुछ दबंग लोगों ने रहवासी क्षेत्रों में ही डेयरी और मुर्गी फार्म जैसे व्यावसायिक गतिविधियों के लिए पक्के मकानों का निर्माण कर पूरे वार्ड को अपनी चपेट में ले लिया है। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि नगर निगम और जिला प्रशासन के अधिकारियों से गहरी सांठगांठ करके अतिक्रमणकारी शासन की करोड़ों की जमीनें हड़प गए हैं। बताया जाता है अतिक्रमणकारी जमीन पर पहले किसी न किसी धार्मिक स्थल का स्थायी-अस्थायी निर्माण करते हैं, ताकि जनता के आक्रोश और प्रशासन की कार्रवाई से बच सकें। बाद में उसी स्थान को अपने निजी उपयोग हेतु कब्जे में लेकर उस पर आलीशान मकान बना लेते हैं और प्रशासनिक अधिकारी उसे केवल नोटिस देकर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर लेते हैं। इस संबंध में क्षेत्रीय पार्षद शमीम नासिर ने आपत्ति जताते हुए बताया कि अतिक्रमण को लेकर उन्होंने ाी कई बार निगम के अधिकारियों को आगाह किया, लेकिन प्र ाावी कार्रवाई अब तक नहीं हुई। उन्होंने कहा कि शहर के अन्य क्षेत्रों की तर्ज पर गांधीनगर में ाी अतिक्रमण विरोधी सक्रिय कार्रवाई की जरूरत है।
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