गुरुवार, 14 फ़रवरी 2013

मालीखेड़ी में फिर हटाई झुग्गियां-जिला प्रशासन व नगर निगम ने की कार्रवाई

-तन गई थी 70 झुग्गियां, रमेश गौर का बताया जा रहा संरक्षण 
भोपाल।
रमेश गौर नाम के व्यक्ति के संरक्षण में मालीखेड़ी की सरकारी जमीन फिर झुग्गियां तन गई थी। पूर्व जिनकी संख्या ४० थी, वह अब की बार ७० थी। गुरुवार को जिला प्रशासन और नगर निगम ने संयुक्त कार्रवाई कर इन्हें हटाया। 
दूसरी ओर अब तक रमेश गौर पर सरकारी मिलाजिमों ने एफआईआर दर्ज नहीं कराई है। यह झुग्गियां मालीखेड़ी में शासकीय स्कूल के पास
तानी गई थीं। हर बार की तरह यहां भी कार्रवाई के दौरान अधिकारियों को हलके विरोध का सामना करना पड़ा, लेकिन पुलिस दल की मदद से विरोधी शांत हो गए। एसडीएम गोविंदपुरा एएस पंवार ने बताया, मालीखेड़ी की खसरा क्र.-115/2 की जमीन पर रमेश गौर नाम के व्यक्ति ने रातो रात झुग्गियां तनवा दी थी। कुछ लोगों ने तो पक्का निर्माण ही कर लिया था। इन्हें हटा दिया है। यह भूमि करीब 46.47 एकड़ है। 
उल्लेखनीय है 29 जनवरी को भी अतिक्रमण अमले ने कार्रवाई करते हुए ४० झुग्गियों को हटवाया था। 

-समाने आई थी कहानी 
पूर्व की कार्रवाई के बाद जांच में सामने आया था कि यहां रमेश गौर ने ही नहीं तनवाई, बल्कि इसमें नगर निगम के वार्ड क्रमांक -67 के कर्मचारी शाह हुसैन नक्वी भी शामिल थे। इस कर्मचारी ने श्री गौर के साथ मिलकर शासकीय जमीन पर झुग्गी तनने से पहले ही उनके संपत्तिकर की रसीद काटवा डाली और जमीन पर स्वघोषित बांट डाले। जिससे लगे कि यह जमीन नगर निगम ने ही झुग्गीवासियों को बसाने के  लिए दी हो। मामले के खुलासे के बाद वार्ड कर्मचारी शाह हुसैन नक्वी पर तो कार्रवाई कर दी गई, लेकिन रमेश गौर पर अब तक  एफआईआर तक दर्ज नहीं हो सकी है। 

-नोईयत की है भूमि 
मालीखेड़ी स्थित खसरा क्रमांक -115/2/1/1 रकबा 40.15 एकड़ नोईयत गोवर्धन परियोजना, खसरा क्रमांक-115/2/1/2 चरोखर नजूल भूमि तथा खसरा क्रमांक 115/2/2 आबादी की भूमि है।

यहीं भी कराई जमीन मुक्त 
जिला प्रशासन व नगर निगम के अमले ने करोंद के खसरा क्रमांक 150/2/1 स्थित अर्बन सीलिंग की करीब साढ़े तीन एकड़ जमीन पर पसरे अतिक्रमण को भी हटवाया। यहां पर इकराम व गोपाल जाट नामक व्यक्ति फर्जी तरीके से कालोनी काट रहे थे। अतिक्रमण अमले ने इस जमीन पर बंधे एक टेन्ट तथा एक आफिस को हटवाया तथा जमीन पर मकान के प्लाटों को  दर्शाने के लिए बनाई गई क्रास रोड को मिटवाया गया। इस जमीन की कीमत 10 करोड़ रुपए से अधिक आंकी जा रही है।

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