शनिवार, 16 फ़रवरी 2013

भोपाल

समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदने के लिए जिला प्रशासन ने भोपाल जिले के किसानों का तो पंजीयन तो करा लिया, लेकिन उनके खोतों का सर्वे कार्य अब तक पूर्ण नहीं हो सका है। ऐसे में किसानों को समझ नहीं आ रहा है कि आखिर वह केंद्र परिवर्तन कराएं तो कैसे? दिलचस्प बात तो यह है कि जिला प्रशासन को इस बात की जानकारी होने के बाद भी किसानों को केंद्र परिवर्तन कराने के लिए 7 से 10 फरवरी यानि चार दिन का समय दिया गया। ऐसी स्थिति में कुल दो उपार्जन केंद्रों पर ही किसानों ने आवेदन किए,
जबकि अन्य इस सुविधा को पाने से महरूम ही रह गए।

यह है स्थिति -
समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के लिए जिले के 27 हजार 010 किसानों ने अपना पंजीयन निर्धारित समयाविध 24 जनवरी तक कराया था। पंजीयन के साथ-साथ किसानों की जमीनों का सर्वे कार्य भी शुरू कर दिया गया था, यह कार्य 15 फरवरी यानि शुक्रवार के दिन समाप्त होना था।पंजीयन का कार्य खत्म भी नहीं हुआ था कि राज्य सरकार ने आदेश कर किसानों को 7 से 10 फरवरी के बीच अपने केंद्रों का परिवर्तन कराने संबंधी आदेश जारी कर दिए। मजेदार बात तो यह है कि 10 फरवरी तक 27010 किसानों में से करीब 40 प्रतिशत किसानों की जमीनों का सर्वे हो सका था, जबकि अन्य के पंजीकृत किसानों के अब तक सर्वे पूर्ण नहीं हो सके हैं। कुछ किसान की जमीनें का सर्वे वर्तमान में होना शेष है, यहीं नहीं जिल किसानों की जमीनों का पंजीयन हो गया है, उनके पंजीयन आवेदन भी केंद्र
आपरेटरों द्वारा जाम नहीं किए गए हैं। ऐसे में केंद्र परिवर्तन कराना तो दूर की बात है, इसके लिए आवेदन देना ही मुश्किल है।

इक्का दुक्का आए आवेदन - विभागीय सूत्रों की माने तो जिन किसानों ने अपने केंद्र परिवर्तन कराने संबंधी आवेदन सौंपा है, उनकी
सं या इक्का दुक्का है। सूत्रों का तो यहां तक कहना है कि केंद्र परिवर्तन के आवेदन केवल दो केंद्रों पर ही आए हैं, जबकि अन्य पर एक भी आवेदन नहीं आए। आते भी कैसे, जब तक पंजीकृत किसानों के खेत का सर्वे नहीं हो जाता, तब तक वह केंद्र परिवर्तन के लिए
आवेदन नहीं कर सकता है। ऐसे में किसानों को आवेदन करने में परेशानी हुई। कई किसानों को केंद्र परिवर्तन कराने के लिए इधर उधर भटकना पड़ा, जब सर्वे हुआ तब केंद्र परिवर्तन की समयसीमा ही निकल चुकी थी। कुछ किसानों का कहना है कि जब केंद्र परिवर्तन करवाना ही नहीं था तो ऐसा आदेश निकाला ही क्यों?

अधिकारी कुछ भी बोलने तैयार नहीं - पंजीकृत किसानों केंद्र परिवर्तन के विषय में  जब खाद्य विभाग के अधिकारियों से पूछा गया
कि केंद्र परितर्वन की तारीख 10 दिसंबर तक थी, यह तारीख निकल चुकी है और पंजीकृत किसानों का सर्वे अब तक चल रहा है।ऐसे
में किसान केंद्र परिवर्तन कैसे कराएंगे? इस प्रश्न का जवाब किसी भी अधिकारी ने नहंी दिया वह केंद्र परिवर्तन की जानकारी देने से भी बचते नजर आए। इधर सूत्र बताते हैं कि पंजीकृत किसानों का सर्वे विलंभ से हो रहा है, इसको देखते हुए केंद्र परिवर्तन के लिए
आगे भी समयसीमा दी जा सकती हे।

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