-हाईकोर्ट ने दिए थे आदेश, गृह विभाग ने महीने भर बाद किया पालन
भोपाल।
अब पुरानी दर पर ही बंदूक का लायसेंस रिन्यू होगा। एक माह पहले हाईकोर्ट द्वारा दिए आदेशों के पालन के संबंध गृह विभाग ने आदेश जारी कर दिए हैं। यह प्रदेश के उन लोगों के लिए अच्छी खबर है, जो कामर्शियल या नॉन कामर्शियल बंदूक रखते हैं।
१०/६/२०११ को मप्र शासन के गृह विभाग ने बंदूक के नवीन लायसेंस और रिन्युवल के लिए ५०० के स्थान पर ५००० रुपए फीस निर्धारित कर दी थी। इसके परिपालन में प्रदेश के कलेक्टर्स ने बढ़े हुए शुल्क पर लायसेंस बनाना शुरू किया था। हाईकोर्ट के आदेश मिलने के बाद गृह विभाग ने पूर्व के आदेश को शिथिल करते हुए सभी जिला कलेक्टर्स को निर्देश किया है कि वह पूर्व में निर्धारित शुल्क पर ही बंदूकों के लायसेंसों के रिन्युवल करें। दूसरी ओर आवेदकों से एक शपथ पत्र भी लिया जा रहा है कि यदि उच्चतम न्यायालय का निर्णय राज्य शासन के पक्ष में होता है तो वे बढ़े हुए शुल्क पर शेष राशि जमा करेगा।
-हाईकोर्ट गए थे कुछ लोग
राज्य शासन के आदेश के विरोध में कुछ लोगों उच्च न्यायालय जबलपुर पहुंच गए थे। लगाई गई याचिका में उन्होंने बढ़ाए गए शुल्क को वापस लिए जाने व शुल्क की राशि बढ़ाए जाने का अधिकार केवल केंद्र सरकार को होने की बात कही गई थी। इस पर उच्च न्यायालय ने 13/12/2012 को आदेश देते हुए गृह विभाग को 10/6/2011 के प्रक्रियण शुल्क संबंधी निर्देश को वापस लेने को कहा था। यह आदेश 2 फरवरी को मप्र शासन गृह विभाग के अपर सचिव केदार शर्मा ने जारी किए।
-लेट किया आदेश का पालन
उच्च न्यायालय ने 13/12/2012 को गृह विभाग को निर्देश जारी किए थे। गृह विभाग ने आदेश के 20 दिन इसे अमल में लिया। दूसरी ओर कुछ लोग आदेश की अवमानना को लेकर भी उच्च न्यायालय जाने का मन बना रहे हैं। मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों की माने तो उच्च न्यायालय के आदेश के बाद गृह विभाग की ओर से एक याचिका उच्चतम न्यायालय में लगाई गई थी। हालांकि उस पर निर्णय राज्य शासन के पक्ष में न आने के चलते 2 फरवरी 2013 को प्रक्रियण शुल्क वापस लेने संबंधी आदेश जारी किए गए हैं। वहीं एक अन्य याचिका दोबारा उच्चतम न्यायालय में दायर की जा रही है।
-स्थिति पर एक नजर
ये हो रहा था आदेश के बाद
बंदूक - रिन्युवल - नवीन लायसेंस
12 बोर -60 रुपए के साथ 500 रुपए - 80 रुपए के साथ 500 रुपए
रायफल -90 रुपए के साथ 2000 रुपए - 120 रुपए के साथ 2000 रुपए
पिस्टल -150 रुपए के साथ 5000 रुपए - 200 रुपए के साथ 5000 रुपए
-ये करना होगा अब
बंदूक - रिन्युवल - नवीन लायसेंस
12 बोर - 60 रुपए - 80 रुपए
रायफल - 90 रुपए - 120 रुपए
पिस्टल - 150 रुपए - 200 रुपए
-जारी किया पत्र
सभी जिला कलेक्टर्स को आदेश जारी कर दिए हैं। उन्हें पूर्व निर्धारित दरों पर ही प्रक्रियण शुल्क लिए जाने संबंधी एक विभागीय पत्र जारी किया गया है।
उमाशंकर गुप्ता, गृहमंत्री, मप्र
आदेश पर अमल शुरू
गृह विभाग ने २ फरवरी को बंदूकों के लायसेंस रिन्युवल व नवीन लायसेंस के लिए पूर्व शुल्क लिए जाने के आदेश दिए हैं। अब इसी आधार पर आवेदक से शुल्क लिया जा रहा है। आदेश का पालन 3 फरवरी से शुरू कर दिया गया है।
उमाशंकर भार्गव, एडीएम, भोपाल
भोपाल।
अब पुरानी दर पर ही बंदूक का लायसेंस रिन्यू होगा। एक माह पहले हाईकोर्ट द्वारा दिए आदेशों के पालन के संबंध गृह विभाग ने आदेश जारी कर दिए हैं। यह प्रदेश के उन लोगों के लिए अच्छी खबर है, जो कामर्शियल या नॉन कामर्शियल बंदूक रखते हैं।
१०/६/२०११ को मप्र शासन के गृह विभाग ने बंदूक के नवीन लायसेंस और रिन्युवल के लिए ५०० के स्थान पर ५००० रुपए फीस निर्धारित कर दी थी। इसके परिपालन में प्रदेश के कलेक्टर्स ने बढ़े हुए शुल्क पर लायसेंस बनाना शुरू किया था। हाईकोर्ट के आदेश मिलने के बाद गृह विभाग ने पूर्व के आदेश को शिथिल करते हुए सभी जिला कलेक्टर्स को निर्देश किया है कि वह पूर्व में निर्धारित शुल्क पर ही बंदूकों के लायसेंसों के रिन्युवल करें। दूसरी ओर आवेदकों से एक शपथ पत्र भी लिया जा रहा है कि यदि उच्चतम न्यायालय का निर्णय राज्य शासन के पक्ष में होता है तो वे बढ़े हुए शुल्क पर शेष राशि जमा करेगा।
-हाईकोर्ट गए थे कुछ लोग
राज्य शासन के आदेश के विरोध में कुछ लोगों उच्च न्यायालय जबलपुर पहुंच गए थे। लगाई गई याचिका में उन्होंने बढ़ाए गए शुल्क को वापस लिए जाने व शुल्क की राशि बढ़ाए जाने का अधिकार केवल केंद्र सरकार को होने की बात कही गई थी। इस पर उच्च न्यायालय ने 13/12/2012 को आदेश देते हुए गृह विभाग को 10/6/2011 के प्रक्रियण शुल्क संबंधी निर्देश को वापस लेने को कहा था। यह आदेश 2 फरवरी को मप्र शासन गृह विभाग के अपर सचिव केदार शर्मा ने जारी किए।
-लेट किया आदेश का पालन
उच्च न्यायालय ने 13/12/2012 को गृह विभाग को निर्देश जारी किए थे। गृह विभाग ने आदेश के 20 दिन इसे अमल में लिया। दूसरी ओर कुछ लोग आदेश की अवमानना को लेकर भी उच्च न्यायालय जाने का मन बना रहे हैं। मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों की माने तो उच्च न्यायालय के आदेश के बाद गृह विभाग की ओर से एक याचिका उच्चतम न्यायालय में लगाई गई थी। हालांकि उस पर निर्णय राज्य शासन के पक्ष में न आने के चलते 2 फरवरी 2013 को प्रक्रियण शुल्क वापस लेने संबंधी आदेश जारी किए गए हैं। वहीं एक अन्य याचिका दोबारा उच्चतम न्यायालय में दायर की जा रही है।
-स्थिति पर एक नजर
ये हो रहा था आदेश के बाद
बंदूक - रिन्युवल - नवीन लायसेंस
12 बोर -60 रुपए के साथ 500 रुपए - 80 रुपए के साथ 500 रुपए
रायफल -90 रुपए के साथ 2000 रुपए - 120 रुपए के साथ 2000 रुपए
पिस्टल -150 रुपए के साथ 5000 रुपए - 200 रुपए के साथ 5000 रुपए
-ये करना होगा अब
बंदूक - रिन्युवल - नवीन लायसेंस
12 बोर - 60 रुपए - 80 रुपए
रायफल - 90 रुपए - 120 रुपए
पिस्टल - 150 रुपए - 200 रुपए
-जारी किया पत्र
सभी जिला कलेक्टर्स को आदेश जारी कर दिए हैं। उन्हें पूर्व निर्धारित दरों पर ही प्रक्रियण शुल्क लिए जाने संबंधी एक विभागीय पत्र जारी किया गया है।
उमाशंकर गुप्ता, गृहमंत्री, मप्र
आदेश पर अमल शुरू
गृह विभाग ने २ फरवरी को बंदूकों के लायसेंस रिन्युवल व नवीन लायसेंस के लिए पूर्व शुल्क लिए जाने के आदेश दिए हैं। अब इसी आधार पर आवेदक से शुल्क लिया जा रहा है। आदेश का पालन 3 फरवरी से शुरू कर दिया गया है।
उमाशंकर भार्गव, एडीएम, भोपाल
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