शुक्रवार, 1 फ़रवरी 2013

हुनर है तो नहीं रहोगे बेरोजगार -स्किल समिट में मुयमंत्री बोले, हर विकासखंड में खुलेंगे कौशल विकास केंद्र ,भोपाल

देश में शिक्षित बेरोजगारों की संया करोड़ों में है, लेकिन इसके बावजूद भी कुशल कामगारों की कमी है। जिसके पास हुनर है वह कभी बेरोजगार नहीं बैठेगा। हुनरमंद की आज हर क्षेत्र में जरूरत हैं। प्रदेश के युवाओं को हुनरमंद बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा विकासखंड स्तर पर कौशल विकास केंद्र खोले जा रहे हैं। यह बात मुयमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को राजधानी के लाल परेड मैदान में आयोजित दो दिवसीय स्किल समिट के शुभारंभ अवसर पर कही।
    मुयमंत्री ने कहा कि स्किल समिट प्रदेश के विकास का महाकुंभ है। अब प्रदेश में कोई युवा बेरोजगार नहीं रहेगा। श्री चौहान ने कहा कि आज प्रदेश हर क्षेत्र में तरक्की कर रहा है। तकनीकी शिक्षा और बिजली विकास के लिए बहुत जरूरी है। मुयमंत्री ने कहा कि प्रदेश में स्किल डवलपमेंट के लिए अभियान चलाया जाएगा। अब प्रदेश की हर आईटीआई और पॉलीटेक्निक कॉलजों में छात्रों को कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जाएगा। जिससे प्रदेश का युवा देश ही नहीं दुनिया के हर देश में काम करने के लिए जाएं। इसके लिए हर आईटीआई में लैग्वेज लैब की स्थापना की जाएगी। उन्होंने स्वामी विवेकानंद के आदेर्शो पर चलने का आह्वान करते हुए कहा कि बढ़ती जनसंया को ज्ञान के बल पर अपनी ताकत बनाएंगे। यदि कोई शिक्षित युवा खुद का उद्योग स्थापित करना चाहता है तो उसे 50 हजार से 25 लाख तक का कर्ज सरकार की गारंटी पर मिलेगा। इसके लिए प्रदेश में मुयमंत्री युवा स्वरोजगार योजना शुरू की गई है। मुयमंत्री ने कहा कि प्रदेश में हर गांव और घर में उद्योग स्थापित होने चाहिए। क्योंकि आज हर क्षेत्र में विकास हुआ है। प्रदेश का सिंचाई रकबा 9 साल में 7 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 25 लाख हेक्टेयर हो गया है। उन्होंने कहा कि पांच महीने बाद प्रदेश में 24 घंटे बिजली मिलेगी। उन्होंने कहा कि पांच चाल पहले जो सपना देखा था वह आज साकार होने लगा है। इससे पहले तकनीकी एवं उच्च शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने कहा कि दुनिया में हुनर से बड़ी कोई चीज नहीं होती है। मंदी के बावजूद भी दुनिया में आज 10 करोड़ से अधिक स्किल वर्ग की कमी है। श्री शर्मा ने कहा कि आज प्रदेश में 230 इंजीनियर, 77 एमसीए, 118 फार्मेसी, 74 पॉलिटेक्निक कॉलेज हैं। आगामी पंचवर्षीय योजना में प्रदेश के 48 लाख लोगों को हुनर सिखाने का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि स्किल समिट में दो हजार युवाओं को विभिन्न कंपनियों में राजगार दिया गया है। जिसमें देश की नामी कंपनियों ने हिस्सा लिया है। समिट को सीआईआई के चेयरमेन आर मुकन्दन, राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के अध्यक्ष जयकांत सिंह ने संबोधित किया था। कार्यक्रम में पीएचई मंत्री गौरीशंकर बिसेन, गृहमंत्री उमाशंकर गुप्ता, स्वास्थ्य राज्य मंत्री महेन्द्र हार्डिया, सीएस आर परशुराम, एसीएसी अजिता वापपेयी आदि उपस्थित थी।

भारत में फिर विश्व गुरु बनने की ताकत: नायडू
स्किल समिट में भाजपा के वरिष्ठ नेता पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष वैंकैया नायडू ने कहा कि भारत में फिर से विश्व गुरु बनने की ताकत है। इस दिशा में देश तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि देश में नालंदा, तक्षशिला जैसे विश्वविद्यालय थे, जहां लोग दुनिया से अध्ययन करने आते थे। दुनिया के किसी भी देश में जाओ आईटी के क्षेत्र में भारतवासी ही आगे मिलेंगे। श्री नायडू ने कहा कि जब तक मध्यप्रदेश, उप्र, बिहार, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगार, उड़ीसा का विकास नहीं होगा तब तक भारत का विकास नहीं होगा। मप्र विकास की रतार में सबसे आगे है।  श्री नायडू ने कहा कि यह देश का दुर्भाग्य है कि यहां सिर्फ किसान अपने बेटे को किसान नहीं बनाना चाहता है। क्योंकि आजादी के बाद सरकारों ने गांव और खेती के विकास की ओर ध्यान ही नहीं दिया। आज मप्र से इसकी श्ुारूआत हुई है। कृृषि क्षेत्र में मप्र ने सबको पीछे छोड़ दिया है। 24 घंटे बिजली देना यह विकास की मूल जरूरत है। श्री नायडू ने राजनेताओं को कोसते हुए कहा कि उन्होंने देश के लोगों को ऐसा बना दिया है कि वे सोचते हैं कि हर काम सरकार ही करेगी। आज यह सोच बदलनी होगी। देश के करोड़ों युवाओं को कौशल सिखाना सरकार के बूते की बात नहीं है, इस दिशा में नागरिकों को भी आगे होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा शिक्षित युवा यह नहीं सोचे कि उसे सरकारी नौकरी मिले। वह स्किल डवलप करके हर क्षेत्र में आगे बढ़ सकता है। आज देश में इलेक्ट्रिशियन, ड्रायवर, कारपेंटर, मैकेनिक, बिल्डर आदि क्षेत्र कुशल कामगार की जरूरत है, लेकिन कमी है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि स्किल समिट का आयोजन करके मध्यप्रदेश अन्य प्रदेशों के लिए प्रेरक बन गया है। उन्होंने मुयमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भारतीय राजनीति में चमकने वाला सितारा बताया।

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गांव के कारीगर सिखाएंगे हुनर
मुयमंत्री ने स्किल समिट में कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में कई क्षेत्रों में कार्य करने वाले कारीगरों ने कोई औपचारिक प्रशिक्षण प्राप्त नहीं किया है। ऐसे व्यक्तियों को संबंधित विद्या में कौशल दक्षता के प्रमाणीकरण के लिए प्रणाली विकसित कर, उनके कौशल का प्रमाणीकरण किया जाएगा। विभिन्न विधाओं में दक्ष कामगारों को मास्टर क्राटसमेन के रूप में प्रमाणीकृत किया जाएगा जो विशिष्ट दक्षता प्राप्त कर दूसरों को भी प्रशिक्षित कर सकेंगे।

स्किल समिट में मुयमंत्री की घोषणाएं
-प्रदेश के युवाओं को रोजगार देने की मुयमंत्री युवा रोजगार योजना शुरू होगी।
-हर विकासखण्ड स्तर पर खोले जाएंगे कौशल विकास केंद्र। 113 केन्द्र खोले जा चुके हैं। निजी निवेश से 200 कौशल विकास केंद्र खोलने का लक्ष्य।
-अजा, जनजाति क्षेत्रों में महिला तथा पंजीकृत श्रमिकों के लिए 47 कौशल विकास केन्द्र अलग से खुलेंगे।
-सहारिया एवं भारिया समुदाय के लिए विशेष कौशल विकास केन्द्र खुलेंगे।
-बालाघाट में उच्च स्तर के पाठ्यक्रमों का संचालन किया जाएगा।
-कृषि क्षेत्र के लिए 68 स्थानों पर कौशल विकास कार्यक्रमों के माध्यम से 20 विधाओं का प्रशिक्षण देंगे
-पवारखेड़ा होशंगाबाद, सतना, जबलपुर, भोपाल, ग्वालियर में कृषि विभाग पांच स्किल डेवलमेंट सेंटर चलाएगा।
-भोपाल, जबलपुर तथा सतना में टूल रूप स्थापित होंगे। इन्दौर में यह पहले से हैं।
-चार फिनिशिंग स्कूल शुरू किए जाएंगे। जहंा तकनीक और कंप्यूटर शिक्षा भी अनिवार्य होगी।
-जिला रोजगार कार्यालयों को बहुउद्देशीय बनाया जाएगा।
-जेलों में कौशल विकास केंद्र खुलेंगे। आी बैतूल एवं धार जेल में केंद्र खुल चुके हैं।
-110 कॉलेज और 150 स्कूलों में वोकेशनल कोर्स चलाएंगे।
-आईटीआई को आईआईटी की तरह ब्रांड के रूप में विकासित करेंगे।
-हर आईटीआई में प्लेसमेंट सेल बनेगा और हर साल रोजगार मेले लगेंगे।
-55 भवन विहीन आईटीआई के आधुनिक तरीके से भवन बनेंगे।
-आईटीआई में कप्यूटर लैब एवं भाषा लैब एवं वाइफाई की सुविधा रहेगी।
-अजा, जनजाति के आईटीआई छात्रों की शिष्यवृत्ति 70 प्रतिशत बढ़ेगी। इसे लोकसेवा गारंटी के दायरे में लाएंगे।
-ग्लोबल स्किल प्रतिस्पर्धा में भाग लेने मप्र के युवा भी जाएं, इसके लिए ट्रैनिंग दी जाएगी।
-पांच पोलीटेक्निक कॉलेजों में उद्योगों की मांग अनुसार दो बर्षीय कोर्स संचालित होंगे।
-50 करोड़ की लागत से पीपीपी में मल्टी स्किल डेवलपमेंट सेंटर स्थापित किया जाएगा।
-भवन विहीन 55 आईटीआई के नए भवन बनाए जाएंगे। 

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