-प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक में नरेन्द्र तोमर ने सौंपी जिम्मेदारी
दबंग रिपोर्टर.भोपाल।
प्रदेश भाजपा कार्यालय में गुरुवार को प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक हुई। बैठक में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने जहां हर एक नेता को १० पंचायतों का जिम्मा सौंपा। वहीं प्रदेश पदाधिकारियों और जिलाध्यक्षों को विधानसभा दौरों के दौरान तैयार रहने की बात भी कही। नेताओं को पंचायतों का जिम्मा सौंपने की बात पर तोमर ने कहा, पार्टी ने इस काम के लिए 23 हजार नेताओं का चुनाव किया है। इसी के तहत एक को दस पंचायतों का जिम्मा सौंपा जाएगा।
नाम तय होते ही इन्हें पंचायतों में संपर्क के लिए जाना होगा। नेताओं को पंचायतों में भाजपा शासन द्वारा किए गए विकास कार्यों की जानकारी देनी होगी। इसमें पार्टी की उपलब्धी, योजनाएं और कार्यों के बारे में पंचायतों के माध्यम से ग्रामीणों को बताना होगा। भापजा की रणनीति के बारे में उन्होंने बताया कि अप्रैल से जून तक मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र में दौरे होंगे, संगठन इस दौरान उन क्षेत्रों में सक्रीय रहेगा। जुलाई और अगस्त में मतदान केंद्रों की तैयारी होगी। श्री तोमर ने बताया, दीनदयाल उपाध्याय जयंती पर प्रदेश स्तर पर बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
तैयार होगी विस की रणनीति
९ फरवरी को प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक होगी। वहीं १०-११ को प्रदेश कार्यसमिति की बैठक आयोजित की गई है। नरेन्द्र तोमर ने सभी जिला अध्यक्ष और मोर्चा अध्यक्ष को तय तारीखों पर कार्यकारिणी घोषित करने को कहा। विधानसभा चुनाव की तैयारी की रणनीति का विस्तृत कार्यक्रम कार्यसमिति की बैठक में ही तय किया जाएगा। विधानसभा चुनाव क्षेत्रों में विकास यात्राएं निकाली जाएंगी। यात्राएं विधानसभा के बजट सत्र की तारीखों को ध्यान में रखकर निकाली जाएगी। दूसरी ओर संगठन महामंत्री अरविंद मेनन ने जिला अध्यक्षों को कार्यकारिणी गठन के लिए जल्द नाम देने को कहा।
देश त्रस्त आतंकवाद, नक्सलवाद और महंगाई से
भाजपा के पूर्व अध्यक्ष वेंकैया नायडू ने कहा, देश आतंकवाद, नक्सलवाद और महंगाई से त्रस्त है। केन्द्र सरकार पापुलर बजट का ऐलान कर चुनाव करा सकती है, लेकिन किसान और मध्यम वर्ग यूपीए सरकार से नाराज है। खुद कांग्रेस के घटक दलों ने उससे दूरी बना ली है। एक सवाल के जवाब में वे बोल, भाजपा सकारात्म एजेंडे को लेकर मैदान में उतरेगी। नायडू ने बैठक में कहा कि भाजपा शासित राज्यों में सरकारें अच्छा काम कर रही हैं। मप्र के कई कामों को तो अन्य राज्य सरकारों ने अपनाए हैं। गुजरात में भाजपा की फिर विजय विकास का ही नतीजा है। इसे मप्र और छत्तीसगढ़ में दोहराया जाना है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भारतीय राजनीति का सितारा हैं। मप्र में सरकार के अलावा पार्टी संगठन का काम देश भर में एक उदाहरण है। यहां संगठन महत्वपूर्ण है व्यक्ति नहीं। कांग्रेस हताश है, जनता के बीच अपना अस्तित्व तलाश रही है। देश की छवि घोटालों के कारण धूमिल हो रही है। यूपीए सरकार ने हर साल एक करोड़ रोजगार देने की बात कही थी, लेकिन हर साल 1.30 करोड़ बेरोजगार बढ़ रहे हैं। महिलाओं में रोष है। गैंगरेप मामले पर प्रधानमंत्री एक सप्ताह बाद बोले। राहुल गांधी उपाध्यक्ष बनाए गए हैं, वे अपरिपक्व हैं।
-पर्चे की रही चर्चा
प्रदेश भाजपा कार्यालय में सुबह उस समय हड़कंप मच गया जब वेंकैया नायडू के खिलाफ लिखा एक पर्चा यहां बांटा गया। पर्चे की चर्चा शाम तक चलती रही। आलम यह रहा कि विधायक विश्वास सारंग से लेकर प्रदेश अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर ने इसे विरोधियों की साजिश करार दिया। वहीं खुद वेंकैया ने पर्चे पर चर्चा से इंकार किया। वे सीधे तौर पर किनारा करते दिखाई दिए। पदाधिकारियों औरन मीडिया के हाथ लगे इस पर्चे का शीर्षक था 'वेंकैया नायडू से प्रश्न'। वेंकैया से इसमें तीन सवाल पूछे गए थे। पार्टी से जुड़े और वरिष्ठों की मानें तो पर्चा भाजपा में मची अंधरूनी घमासान का ही हिस्सा है। खास तौर पर प्रधानमंत्री पद के दावेदारों को लेकर मची होड़ है। गड़करी के विरोधी माने जाने वाले वेंकैया के खिलाफ पर्चा मप्र में गड़करी के समर्थक खेमे की गतिविधि माना जा रहा है।
पहला- वेंकैया के गृह प्रदेश आंध्र में 1993 में भाजपा और तेलुगुदेशम की सरकार थी, उस समय भाजपा के विधायक 34 थे, 20 सालों में पार्टी विलुप्त क्यों हो गई? आज एक भी विधायक भाजपा का नहीं है।
दूसरा- बैगलुरु में बीते नगर निगम चुनाव में वेंकैया के भतीजे उसी वार्ड में बुरी तरह चुनाव हारे, जहां वेंकैया का घर है।
तीसरा- जो स्वयं के प्रदेश में एक विधायक भी नहीं जिता पाता हो, उसे दूसरे प्रदेश में चुनाव के टिप्स देने का क्या अधिकार है?
झा ने बंटवाए पर्चे: मानक
कांग्रेस प्रवक्ता मानक अग्रवाल ने प्रदेश भाजपा कार्यालय में बांटे गए पर्चों पर सीधे तौर पर पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष प्रभात झा का नाम लिया। उन्होंने कहा भाजपा में झा को पूरी तरह से किनारे कर दिया गया है। पर्चे में भी सही बातें हैं, जो व्यक्ति अपने प्रदेश में कुछ नहीं कर सका वह हिन्दी भाषी प्रदेश में क्या करेगा। हां! इससे बड़े स्तर के नेताओं को जरूर फायदा मिलेगा। वह इस लिहाज से कि वेंकैया अपनी कमजोर हिन्दी के कारण निचले पदाधिकारियों और जिला अध्यक्षों से सीधा संवाद कायम नहीं कर पाएंगे।
मैं किसी दौड़ में नहीं
वेंकैया नायडू ने आरएसएस के वरिष्ठ विचारक एमजी वैद्य के ब्लॉग में पूर्व भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी को पार्टी की अंदरूनी साजिश के शिकार होने की बात को सिरे से नकार दिया। वे बोले वैद्य न तो आरएएस के प्रवक्ता है और न ही भाजपा में। वेंकैया ने अनौपचारिक चर्चा में कहा, राजनाथ सिंह का चयन पार्टी में सर्वसम्मति से ही हुआ है। इसमें गड़करी की भी मर्जी शामिल है। वे बोले मैं खुद को प्रधानमंत्री पद के दावेदारों में नहीं देखता। मैं न चुनाव लडऩा चाहता हूं न किसी रेस में शामिल हूं। संगठन का काम ही मेरे लिए श्रेष्ठ है। नायडू बोले भाजपा में योग्य नेताओं की कमी नहीं है। आडवाणी से लेकर मोदी तक सभी क्षमतावान हैं। मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और नरेंद्र सिंह तोमर भी राष्ट्रीय नेता हैं। शिव ने तो राष्ट्रीय स्तर पर छवि बनाई है। प्रधानमंत्री पद को लेकर शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के बयान पर नायडू ने कहा कि शिव सेना, जद यू, अकाली दल एनडीए के घटक हैं, लेकिन वे भाजपा से अलग पार्टियां हैं। प्रधानमंत्री पद के लिए व्यक्ति के चयन के प्रश्न पर वे बोले, चयन भाजपा अपने संसदीय बोर्ड में करेगी, अभी इसमें वक्त है।
दबंग रिपोर्टर.भोपाल।
प्रदेश भाजपा कार्यालय में गुरुवार को प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक हुई। बैठक में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने जहां हर एक नेता को १० पंचायतों का जिम्मा सौंपा। वहीं प्रदेश पदाधिकारियों और जिलाध्यक्षों को विधानसभा दौरों के दौरान तैयार रहने की बात भी कही। नेताओं को पंचायतों का जिम्मा सौंपने की बात पर तोमर ने कहा, पार्टी ने इस काम के लिए 23 हजार नेताओं का चुनाव किया है। इसी के तहत एक को दस पंचायतों का जिम्मा सौंपा जाएगा।
नाम तय होते ही इन्हें पंचायतों में संपर्क के लिए जाना होगा। नेताओं को पंचायतों में भाजपा शासन द्वारा किए गए विकास कार्यों की जानकारी देनी होगी। इसमें पार्टी की उपलब्धी, योजनाएं और कार्यों के बारे में पंचायतों के माध्यम से ग्रामीणों को बताना होगा। भापजा की रणनीति के बारे में उन्होंने बताया कि अप्रैल से जून तक मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र में दौरे होंगे, संगठन इस दौरान उन क्षेत्रों में सक्रीय रहेगा। जुलाई और अगस्त में मतदान केंद्रों की तैयारी होगी। श्री तोमर ने बताया, दीनदयाल उपाध्याय जयंती पर प्रदेश स्तर पर बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
तैयार होगी विस की रणनीति
९ फरवरी को प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक होगी। वहीं १०-११ को प्रदेश कार्यसमिति की बैठक आयोजित की गई है। नरेन्द्र तोमर ने सभी जिला अध्यक्ष और मोर्चा अध्यक्ष को तय तारीखों पर कार्यकारिणी घोषित करने को कहा। विधानसभा चुनाव की तैयारी की रणनीति का विस्तृत कार्यक्रम कार्यसमिति की बैठक में ही तय किया जाएगा। विधानसभा चुनाव क्षेत्रों में विकास यात्राएं निकाली जाएंगी। यात्राएं विधानसभा के बजट सत्र की तारीखों को ध्यान में रखकर निकाली जाएगी। दूसरी ओर संगठन महामंत्री अरविंद मेनन ने जिला अध्यक्षों को कार्यकारिणी गठन के लिए जल्द नाम देने को कहा।
देश त्रस्त आतंकवाद, नक्सलवाद और महंगाई से
भाजपा के पूर्व अध्यक्ष वेंकैया नायडू ने कहा, देश आतंकवाद, नक्सलवाद और महंगाई से त्रस्त है। केन्द्र सरकार पापुलर बजट का ऐलान कर चुनाव करा सकती है, लेकिन किसान और मध्यम वर्ग यूपीए सरकार से नाराज है। खुद कांग्रेस के घटक दलों ने उससे दूरी बना ली है। एक सवाल के जवाब में वे बोल, भाजपा सकारात्म एजेंडे को लेकर मैदान में उतरेगी। नायडू ने बैठक में कहा कि भाजपा शासित राज्यों में सरकारें अच्छा काम कर रही हैं। मप्र के कई कामों को तो अन्य राज्य सरकारों ने अपनाए हैं। गुजरात में भाजपा की फिर विजय विकास का ही नतीजा है। इसे मप्र और छत्तीसगढ़ में दोहराया जाना है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भारतीय राजनीति का सितारा हैं। मप्र में सरकार के अलावा पार्टी संगठन का काम देश भर में एक उदाहरण है। यहां संगठन महत्वपूर्ण है व्यक्ति नहीं। कांग्रेस हताश है, जनता के बीच अपना अस्तित्व तलाश रही है। देश की छवि घोटालों के कारण धूमिल हो रही है। यूपीए सरकार ने हर साल एक करोड़ रोजगार देने की बात कही थी, लेकिन हर साल 1.30 करोड़ बेरोजगार बढ़ रहे हैं। महिलाओं में रोष है। गैंगरेप मामले पर प्रधानमंत्री एक सप्ताह बाद बोले। राहुल गांधी उपाध्यक्ष बनाए गए हैं, वे अपरिपक्व हैं।
-पर्चे की रही चर्चा
प्रदेश भाजपा कार्यालय में सुबह उस समय हड़कंप मच गया जब वेंकैया नायडू के खिलाफ लिखा एक पर्चा यहां बांटा गया। पर्चे की चर्चा शाम तक चलती रही। आलम यह रहा कि विधायक विश्वास सारंग से लेकर प्रदेश अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर ने इसे विरोधियों की साजिश करार दिया। वहीं खुद वेंकैया ने पर्चे पर चर्चा से इंकार किया। वे सीधे तौर पर किनारा करते दिखाई दिए। पदाधिकारियों औरन मीडिया के हाथ लगे इस पर्चे का शीर्षक था 'वेंकैया नायडू से प्रश्न'। वेंकैया से इसमें तीन सवाल पूछे गए थे। पार्टी से जुड़े और वरिष्ठों की मानें तो पर्चा भाजपा में मची अंधरूनी घमासान का ही हिस्सा है। खास तौर पर प्रधानमंत्री पद के दावेदारों को लेकर मची होड़ है। गड़करी के विरोधी माने जाने वाले वेंकैया के खिलाफ पर्चा मप्र में गड़करी के समर्थक खेमे की गतिविधि माना जा रहा है।
पहला- वेंकैया के गृह प्रदेश आंध्र में 1993 में भाजपा और तेलुगुदेशम की सरकार थी, उस समय भाजपा के विधायक 34 थे, 20 सालों में पार्टी विलुप्त क्यों हो गई? आज एक भी विधायक भाजपा का नहीं है।
दूसरा- बैगलुरु में बीते नगर निगम चुनाव में वेंकैया के भतीजे उसी वार्ड में बुरी तरह चुनाव हारे, जहां वेंकैया का घर है।
तीसरा- जो स्वयं के प्रदेश में एक विधायक भी नहीं जिता पाता हो, उसे दूसरे प्रदेश में चुनाव के टिप्स देने का क्या अधिकार है?
झा ने बंटवाए पर्चे: मानक
कांग्रेस प्रवक्ता मानक अग्रवाल ने प्रदेश भाजपा कार्यालय में बांटे गए पर्चों पर सीधे तौर पर पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष प्रभात झा का नाम लिया। उन्होंने कहा भाजपा में झा को पूरी तरह से किनारे कर दिया गया है। पर्चे में भी सही बातें हैं, जो व्यक्ति अपने प्रदेश में कुछ नहीं कर सका वह हिन्दी भाषी प्रदेश में क्या करेगा। हां! इससे बड़े स्तर के नेताओं को जरूर फायदा मिलेगा। वह इस लिहाज से कि वेंकैया अपनी कमजोर हिन्दी के कारण निचले पदाधिकारियों और जिला अध्यक्षों से सीधा संवाद कायम नहीं कर पाएंगे।
मैं किसी दौड़ में नहीं
वेंकैया नायडू ने आरएसएस के वरिष्ठ विचारक एमजी वैद्य के ब्लॉग में पूर्व भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी को पार्टी की अंदरूनी साजिश के शिकार होने की बात को सिरे से नकार दिया। वे बोले वैद्य न तो आरएएस के प्रवक्ता है और न ही भाजपा में। वेंकैया ने अनौपचारिक चर्चा में कहा, राजनाथ सिंह का चयन पार्टी में सर्वसम्मति से ही हुआ है। इसमें गड़करी की भी मर्जी शामिल है। वे बोले मैं खुद को प्रधानमंत्री पद के दावेदारों में नहीं देखता। मैं न चुनाव लडऩा चाहता हूं न किसी रेस में शामिल हूं। संगठन का काम ही मेरे लिए श्रेष्ठ है। नायडू बोले भाजपा में योग्य नेताओं की कमी नहीं है। आडवाणी से लेकर मोदी तक सभी क्षमतावान हैं। मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और नरेंद्र सिंह तोमर भी राष्ट्रीय नेता हैं। शिव ने तो राष्ट्रीय स्तर पर छवि बनाई है। प्रधानमंत्री पद को लेकर शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के बयान पर नायडू ने कहा कि शिव सेना, जद यू, अकाली दल एनडीए के घटक हैं, लेकिन वे भाजपा से अलग पार्टियां हैं। प्रधानमंत्री पद के लिए व्यक्ति के चयन के प्रश्न पर वे बोले, चयन भाजपा अपने संसदीय बोर्ड में करेगी, अभी इसमें वक्त है।
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