किसानों के लिए शुरू की गई कृषि पंप ऊर्जीकरण योजना को अधिकारी ही पलीता लगा रहे हैं। अधिकारी प्रोसेस को ही प्रोग्रेस बता रहे हैं। इस बात खुलासा विद्युत वितरण कंपनी के एसटीसी संभाग में ओएंडएम सर्कल के अधीन शासन को भेजी गई करोड़ों रुपए के अधूरे कार्यों की रिपोर्ट से होता है।

सत्यता जांच ने कार्यस्थल का निरीक्षण किया गया, जिसमें बिजली अ िधकारियों द्वारा किए कारनामे और विभिन्न पॉवर सर्विस स्टेशनों पर की गई अनियमित्ता सामने आई। इसे देखते हुए शासन की इस महत्वपूर्ण योजना को ठप होने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। दूसरी ओर प्र्रभारी डीजीएम ने जिले में करीब 122 ट्रांसफार्मरों का कार्य पूरा होना बताया है, जबकि अधिकांश ट्रांसफार्मर स्थापित करने के लिए मैदानी अमले और ठेकेदारों की बाट जोह रहे हैं। भोपाल एसटीसी संभाग के तहत रायसेन जिले के सलामतपुर डीसी स्थिति 33 केवी एरन सबस्टेशन पर पावर ट्रांसफार्मर को अब तक चालू नहीं किया गया है।
गौरहगंज डीसी के अधीन 33 केवी बिनैका पावर ट्रांसफार्मर सबस्टेशन हैं। यहां भी वर्तमान में काम अधूरा है। इन स्थानों पर न ट्रांसफार्मर लगे हैं और न ही अर्थिंग कार्य का काम पूरा हुआ है। साथ ही पैनल बोर्ड भी नहीं हैं यानी इसे चार्ज भी नहीं किया गया है, जबकि रिपोर्ट में काम पूरा होना बता दिया गया है। यही हाल बेगमगंज डीसी के ग्राम ढांढिया स्थित 33 केवी पावर ट्रांसफार्मर सबस्टेशन, 33 केवी पावर ट्रांसफार्मर सबस्टेशन,औबेदुल्लागंज का भी है। यहां अधूरे कार्यों की पूर्णता रिपोर्ट शासन को भेजी जा चुकी है। ऐसे में प्रदेश सरकार कैसे 24 घंटे बिजली देने का सपना साकार कर पाएगी।
सुनवाई नहीं
ग्रामीणों के अनुसार इसको लेकर कोई सुनवाई नहीं हो रही है। ग्रामीण क्षेत्र में योजना को संचालित करने के लिए जिम्मेदार बिजली कंपनी का एसटीएम अमला पूरी तरह से निष्क्रिय हो गया है। उल्लेखनीय है कि अब तक जहां पावर ट्रांसफार्मर स्थापित भी किए गए हैं, उन्हें एसटीएम द्वारा अर्थिंग टेस्ट, आयल टेस्ट, वायरिंग टेस्ट, डिस्ट्रीब्यूशन पैनल, वीसीबी के कनेक्शन आदि की जांच कर अपनी निरीक्षण रिपोर्ट दी जाती है, लेकिन ट्रांसफार्मरों का पहली चार्जिंग के बाद जलना इस बात का प्रमाण है कि एसटीएम द्वारा इस तरह की टेस्टिंग से परहेज ही किया जा रहा है।
बिजली नहीं बिल आ रहा
जिले के सैकड़ों किसानों को बिजली तो नहीं मिल रही है, लेकिन बिजली के बिल आ रहे हैं। बावजूद इसके कंपनी व बिजली विभाग के अधिकारियों द्वारा किसी प्रकार का एक्शन नहीं लिया जा रहा है। अधिकारी आधे-अधूरे कार्यांे को पूरा बता रिपोर्ट सम्मिट कर रहे हैं।


गौरहगंज डीसी के अधीन 33 केवी बिनैका पावर ट्रांसफार्मर सबस्टेशन हैं। यहां भी वर्तमान में काम अधूरा है। इन स्थानों पर न ट्रांसफार्मर लगे हैं और न ही अर्थिंग कार्य का काम पूरा हुआ है। साथ ही पैनल बोर्ड भी नहीं हैं यानी इसे चार्ज भी नहीं किया गया है, जबकि रिपोर्ट में काम पूरा होना बता दिया गया है। यही हाल बेगमगंज डीसी के ग्राम ढांढिया स्थित 33 केवी पावर ट्रांसफार्मर सबस्टेशन, 33 केवी पावर ट्रांसफार्मर सबस्टेशन,औबेदुल्लागंज का भी है। यहां अधूरे कार्यों की पूर्णता रिपोर्ट शासन को भेजी जा चुकी है। ऐसे में प्रदेश सरकार कैसे 24 घंटे बिजली देने का सपना साकार कर पाएगी।
सुनवाई नहीं

बिजली नहीं बिल आ रहा
जिले के सैकड़ों किसानों को बिजली तो नहीं मिल रही है, लेकिन बिजली के बिल आ रहे हैं। बावजूद इसके कंपनी व बिजली विभाग के अधिकारियों द्वारा किसी प्रकार का एक्शन नहीं लिया जा रहा है। अधिकारी आधे-अधूरे कार्यांे को पूरा बता रिपोर्ट सम्मिट कर रहे हैं।
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