-जांच में हुआ खुलासा, मालीखेड़ी की ४६ एकड़ भूमि का मामला
भोपाल। २९ जनवरी को जनसुनाई में शिकायत के बाद मालीखेड़ी की 46.47 एकड़ शासकीय जमीन से १०० से अधिक झुग्गियां हटाई गई थीं। प्रकरण की जांच में सामने आया है, यहां नगर निगम के वार्ड क्र.-67 के कर्मचारी शाह हुसैन नक्वी की शह पर झुग्गियां बसाई गईं थीं। नक्वी ने इस जमीन पर रहने वालों के नाम से संपत्तिकर की रसीद कटवा दी। वहीं स्व घोषित पट्टे बांट दिए। प्रशानिक अधिकारियों ने इसे गंभीरता से लिया है।
इस मामले में पहले केवल रमेश गौर नाम के व्यक्ति का ही नाम सामने आ रहा था। पट्टे बांटने के पीछे प्रशासनिक अधिकारियों को गुमराह करना था, जिससे लगे यह जमीन नगर निगम ने ही झुग्गीवासियों को दी है। वहीं रिपोर्ट में शासकीय भूमि के खुर्द-बुर्द करने की आशंका भी जताई जा रही है। जिला प्रशासन के सूत्रों की माने जांच अधिकारियों ने रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई शुरू कर दी है। श्री गौर के साथ ननि कर्मचारी पर कार्रवाई होगी।
-ऐसे हुआ खुलासा
29 जनवरी को कलेक्टर की आयोजित जनसुनवाई में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मालीखेड़ी के प्राचार्य ने स्कूल की भूमि पर झुग्गीवासियों को बसने की शिकायत की थी। इस पर कलेक्टर ने तत्काल तहसीलदार गोविंदपुरा को अतिक्रमण हटाने को कहा था। मौके पर पहुंचे अमले ने जांच में पाया कि मालीखेड़ी स्थित शासकीय स्कूल की भूमि सर्वे क्रमांक- 115/3 रकबा 4.18 एकड़, खसरा क्रमांक -115/2/1/1 रकबा 40.15 एकड़ नोईयत गोवर्धन परियोजना, खसरा क्रमांक-115/2/1/2 चरोखर नजूल भूमि तथा खसरा क्रमांक 115/2/2 आबादी की भूमि पर 100 से 150 व्यक्तियों ने झुग्गी बनाई हैं। पूछताछ में महिलाओं ने बताया, उन्होंने इसके लिए मालीखेड़ी निवासी रमेश गौर ने बीस-बीस हजार रुपए दिए। इसके बाद यह निर्माण किया। कुछ महिलाओं ने नगर निगम के वार्ड-67 की 250 रुपए की
संपत्तिकर की रसीद भी दिखाई। यह रसीद वार्ड क्र.-67 के प्रभारी कर्मचारी शाह हुसैन नक्वी के माध्मस के कटवाई गई थीं। रसीद के साथ 12 रुपए अतिरिक्त भी लिए गए थे। हालांकि मौके से अमले ने अतिक्रमण हटा दिया था।
-अब भी हैं झुग्गियां
२९ जनवरी को अमले ने यहां से झुग्गियां हटा दी थीं, लेकिन वर्तमान में भी बास-बल्लियों के साथ कुछ ने कब्जा जमा रखा है। अमल ने अतिक्रमण विरोधी मुहीम दो लगातार लगातार दो दिन चलाई थी। प्रशासनिक अधिकारियों की माने तो इन्हें भी जल्द हटाया जाएगा।
-इनकी कटी रसीद
जिला प्रशासन के अधिकारियों को यहां से कुछ महिलाओं ने रसीद दी थी। इसमें संपत्तिकर का खुलासा हुआ। इन्हीं में से यशोदा पटले की 250 रुपए की संपत्तिकर की रसीद १ जनवरी, 2013 को काटी गई, जबकि नीरज कुमार की 31 दिसंबर 12, ओमवती की 25 जनवरी 13, अनीता बाई की 25 जनवरी 13, सुनीता मीणा व कैलाश नारायण ओझा की भी इन्हीं तारीखों में 250 रुपए की संपत्तिकर की रसीदें काटी गई। जो साबित करती हैं, शासकीय जमीन पर झुग्गियां तनवाने के लिए नगर निगम के कर्मचारियों की शह भी थी।
-न भू भाटक न प्रीमियम
गोवर्धन परियोजना के लिए नगर निगम को आवंटित की गई कुल 44.47 एकड़ जमीन का ननि प्रशासन ने न तो प्रीमियम भरा है और न ही वार्षिक भू-भाटक। इस जमीन का प्रीमियम 10.12 करोड़ रुपए आंका गया है, जबकि वार्षिक भू-भाटक 75.98 लाख रुपए बताया गया है।
-गौर पर दर्ज नहीं हुआ प्रकरण
पुलिस ने शासकीय जमीन पर कब्जा और अतिक्रमण को लेकर बयान दर्ज किया है, लेकिन अब तक दोषी भू-माफिया रमेश गौर के खिलाफ प्रकरण दर्ज नहीं किया है। दूसरी ओर जिला प्रशासन इस मामले में एक पत्र थाने को भेज चुका है। बताया जाता है कि गौर को स्थानीय नेताओं का संरक्षण प्राप्त है, जिस वजह से पुलिस मामला दर्ज करने में आनाकानी कर रही है।
भोपाल। २९ जनवरी को जनसुनाई में शिकायत के बाद मालीखेड़ी की 46.47 एकड़ शासकीय जमीन से १०० से अधिक झुग्गियां हटाई गई थीं। प्रकरण की जांच में सामने आया है, यहां नगर निगम के वार्ड क्र.-67 के कर्मचारी शाह हुसैन नक्वी की शह पर झुग्गियां बसाई गईं थीं। नक्वी ने इस जमीन पर रहने वालों के नाम से संपत्तिकर की रसीद कटवा दी। वहीं स्व घोषित पट्टे बांट दिए। प्रशानिक अधिकारियों ने इसे गंभीरता से लिया है।
इस मामले में पहले केवल रमेश गौर नाम के व्यक्ति का ही नाम सामने आ रहा था। पट्टे बांटने के पीछे प्रशासनिक अधिकारियों को गुमराह करना था, जिससे लगे यह जमीन नगर निगम ने ही झुग्गीवासियों को दी है। वहीं रिपोर्ट में शासकीय भूमि के खुर्द-बुर्द करने की आशंका भी जताई जा रही है। जिला प्रशासन के सूत्रों की माने जांच अधिकारियों ने रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई शुरू कर दी है। श्री गौर के साथ ननि कर्मचारी पर कार्रवाई होगी।
-ऐसे हुआ खुलासा
29 जनवरी को कलेक्टर की आयोजित जनसुनवाई में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मालीखेड़ी के प्राचार्य ने स्कूल की भूमि पर झुग्गीवासियों को बसने की शिकायत की थी। इस पर कलेक्टर ने तत्काल तहसीलदार गोविंदपुरा को अतिक्रमण हटाने को कहा था। मौके पर पहुंचे अमले ने जांच में पाया कि मालीखेड़ी स्थित शासकीय स्कूल की भूमि सर्वे क्रमांक- 115/3 रकबा 4.18 एकड़, खसरा क्रमांक -115/2/1/1 रकबा 40.15 एकड़ नोईयत गोवर्धन परियोजना, खसरा क्रमांक-115/2/1/2 चरोखर नजूल भूमि तथा खसरा क्रमांक 115/2/2 आबादी की भूमि पर 100 से 150 व्यक्तियों ने झुग्गी बनाई हैं। पूछताछ में महिलाओं ने बताया, उन्होंने इसके लिए मालीखेड़ी निवासी रमेश गौर ने बीस-बीस हजार रुपए दिए। इसके बाद यह निर्माण किया। कुछ महिलाओं ने नगर निगम के वार्ड-67 की 250 रुपए की
संपत्तिकर की रसीद भी दिखाई। यह रसीद वार्ड क्र.-67 के प्रभारी कर्मचारी शाह हुसैन नक्वी के माध्मस के कटवाई गई थीं। रसीद के साथ 12 रुपए अतिरिक्त भी लिए गए थे। हालांकि मौके से अमले ने अतिक्रमण हटा दिया था।
-अब भी हैं झुग्गियां
२९ जनवरी को अमले ने यहां से झुग्गियां हटा दी थीं, लेकिन वर्तमान में भी बास-बल्लियों के साथ कुछ ने कब्जा जमा रखा है। अमल ने अतिक्रमण विरोधी मुहीम दो लगातार लगातार दो दिन चलाई थी। प्रशासनिक अधिकारियों की माने तो इन्हें भी जल्द हटाया जाएगा।
-इनकी कटी रसीद
जिला प्रशासन के अधिकारियों को यहां से कुछ महिलाओं ने रसीद दी थी। इसमें संपत्तिकर का खुलासा हुआ। इन्हीं में से यशोदा पटले की 250 रुपए की संपत्तिकर की रसीद १ जनवरी, 2013 को काटी गई, जबकि नीरज कुमार की 31 दिसंबर 12, ओमवती की 25 जनवरी 13, अनीता बाई की 25 जनवरी 13, सुनीता मीणा व कैलाश नारायण ओझा की भी इन्हीं तारीखों में 250 रुपए की संपत्तिकर की रसीदें काटी गई। जो साबित करती हैं, शासकीय जमीन पर झुग्गियां तनवाने के लिए नगर निगम के कर्मचारियों की शह भी थी।
-न भू भाटक न प्रीमियम
गोवर्धन परियोजना के लिए नगर निगम को आवंटित की गई कुल 44.47 एकड़ जमीन का ननि प्रशासन ने न तो प्रीमियम भरा है और न ही वार्षिक भू-भाटक। इस जमीन का प्रीमियम 10.12 करोड़ रुपए आंका गया है, जबकि वार्षिक भू-भाटक 75.98 लाख रुपए बताया गया है।
-गौर पर दर्ज नहीं हुआ प्रकरण
पुलिस ने शासकीय जमीन पर कब्जा और अतिक्रमण को लेकर बयान दर्ज किया है, लेकिन अब तक दोषी भू-माफिया रमेश गौर के खिलाफ प्रकरण दर्ज नहीं किया है। दूसरी ओर जिला प्रशासन इस मामले में एक पत्र थाने को भेज चुका है। बताया जाता है कि गौर को स्थानीय नेताओं का संरक्षण प्राप्त है, जिस वजह से पुलिस मामला दर्ज करने में आनाकानी कर रही है।
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