-अत्याचार से पीडि़त महिलाओं की समस्या जानने के लिए कमेटियां गठित
भोपाल।
ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के साथ अधिक संया में अत्याचार की घटनाएं तो होती है, लेकिन न के बराबर मद्दे बाहर निकलकर आते हैं। पीडि़त महिलाओं की समस्या जानने के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग ने अलग-अलग कमेटियों का गठन किया है। जो महिला अधिकार अभियान के तहत गांव-गांव जाएगा। यह बात राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती ममता शर्मा ने सोमवार को राजधानी भोपाल के राज्य संग्रहालय में पत्रकारों से चर्चा में कही। वे यहां महिला अपराध पर आयोजित कार्यशाला में हिस्सा लेने आईं थी।
उन्होंने कहा कि आज वक्त ने दस्तक दी है कि महिला अपराध रोकने के लिए सभी राजनैतिक दल और संगठन एक मंच पर आएं, जिससे कोई दूसरी दामिनी दुष्कर्म की शिकार न हो। महिलाओं के नाम पर राजनैतिक रोटियां सेंकने से कुछ नहीं होगा। उन्होंने मध्यप्रदेश के मुयमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधते हुए कहा कि वे खुद को महिलाओं के भाई और बेटियों के मामा बताते हैं। लेकिन मप्र में सबसे अधिक बलात्कार की घटनाएं होती है। यह शर्म की बात है। श्रीमती शर्मा ने बताया आयोग ने स्पेशल टास्क फोर्स और कमेटी बनाई हैं। जो बलात्कार के मामलों की जांच करेगा। उन्होंने नाबालिग की उम्र 16 साल करने की सिफारिश की। साथ ही कहा कि बलात्कार के मामलों की जांच डीएसपी स्तर का अधिकारी करे और सुनवाई फास्टट्रैक कोर्ट में समय-सीमा में होनी चाहिए। जिससे पीडि़त को जल्द न्याय मिले। उन्होंने कहा कि आज समाज को महिलाओं के प्रति अपना नजरिया बदलना होगा। सरपंच से लेकर सांसद सदस्य को चाहिए कि वे महिलाओं के प्रति अपनी जिमेदारी ठीक से निभाएं। उन्होंने कहा कि गर्भपात कराने वाले डॉक्टरों पर हत्या का मामला दर्ज होना चाहिए।
पश्चिमी देशों से अच्छाई ग्रहण करें
महिलाओं के खिलाफ अपराध विषय पर आयोजित कार्यशाला में ममता शर्मा ने कहा कि लोगों का शिक्षित होना बहुत जरूरी है। युवा पीड़ी पश्चिमी देशों के डिस्को, जंक फूड और खुलेपन को तो अपना रही है, लेकिन उनसे अच्छी बातों को हम नजअंदाज कर रहे हैं। जबकि हकीकत यह है कि पश्चिमी लोग हमारी संस्कृति का शोध कर रहे हैं और अच्छाई को जीवन में उतारते हैं। वे भारत की सस्कृति की महत्ता को जानते हैं, लेकिन हम नहीं। श्रीमती ममता शर्मा ने महिलाओं के खिलाफ गलत बयान देने पर राज्य शासन के मंत्री कुंवर विजय शाह से इस्तीफे के मांग की। कार्यशाला में आयोग की पूर्व राज्य अध्यक्ष सविता नामदार ने कहा कि नाबालिग को रीडिफाइन किया जाना चाहिए। आयु का निर्धारण सही उम्र, वजन, ऊंचाई, सेक्स, मस्तिष्क के आधार पर होनी चाहिए। बलात्कार को ाी रीडिफाइन करना होगा। इससे पहले महिलाओं के विरुद्ध हिंसा मामले में दिशा-निर्देश पर एक पुस्तक का विमोचन किया गया। कार्यशाला को महावीर शिक्षा समिति की अध्यक्ष प्रिया ठाकुर, आभा सिंह, आईजी महिला सेल सुषमा सिंह, मुंबई महिला कांग्रेस की अध्यक्ष गुरुप्रीत कौर चड्डा, दीप्ती सिंह आदि ने संबोधित किया।
भोपाल।
ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के साथ अधिक संया में अत्याचार की घटनाएं तो होती है, लेकिन न के बराबर मद्दे बाहर निकलकर आते हैं। पीडि़त महिलाओं की समस्या जानने के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग ने अलग-अलग कमेटियों का गठन किया है। जो महिला अधिकार अभियान के तहत गांव-गांव जाएगा। यह बात राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती ममता शर्मा ने सोमवार को राजधानी भोपाल के राज्य संग्रहालय में पत्रकारों से चर्चा में कही। वे यहां महिला अपराध पर आयोजित कार्यशाला में हिस्सा लेने आईं थी।
उन्होंने कहा कि आज वक्त ने दस्तक दी है कि महिला अपराध रोकने के लिए सभी राजनैतिक दल और संगठन एक मंच पर आएं, जिससे कोई दूसरी दामिनी दुष्कर्म की शिकार न हो। महिलाओं के नाम पर राजनैतिक रोटियां सेंकने से कुछ नहीं होगा। उन्होंने मध्यप्रदेश के मुयमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधते हुए कहा कि वे खुद को महिलाओं के भाई और बेटियों के मामा बताते हैं। लेकिन मप्र में सबसे अधिक बलात्कार की घटनाएं होती है। यह शर्म की बात है। श्रीमती शर्मा ने बताया आयोग ने स्पेशल टास्क फोर्स और कमेटी बनाई हैं। जो बलात्कार के मामलों की जांच करेगा। उन्होंने नाबालिग की उम्र 16 साल करने की सिफारिश की। साथ ही कहा कि बलात्कार के मामलों की जांच डीएसपी स्तर का अधिकारी करे और सुनवाई फास्टट्रैक कोर्ट में समय-सीमा में होनी चाहिए। जिससे पीडि़त को जल्द न्याय मिले। उन्होंने कहा कि आज समाज को महिलाओं के प्रति अपना नजरिया बदलना होगा। सरपंच से लेकर सांसद सदस्य को चाहिए कि वे महिलाओं के प्रति अपनी जिमेदारी ठीक से निभाएं। उन्होंने कहा कि गर्भपात कराने वाले डॉक्टरों पर हत्या का मामला दर्ज होना चाहिए।
पश्चिमी देशों से अच्छाई ग्रहण करें
महिलाओं के खिलाफ अपराध विषय पर आयोजित कार्यशाला में ममता शर्मा ने कहा कि लोगों का शिक्षित होना बहुत जरूरी है। युवा पीड़ी पश्चिमी देशों के डिस्को, जंक फूड और खुलेपन को तो अपना रही है, लेकिन उनसे अच्छी बातों को हम नजअंदाज कर रहे हैं। जबकि हकीकत यह है कि पश्चिमी लोग हमारी संस्कृति का शोध कर रहे हैं और अच्छाई को जीवन में उतारते हैं। वे भारत की सस्कृति की महत्ता को जानते हैं, लेकिन हम नहीं। श्रीमती ममता शर्मा ने महिलाओं के खिलाफ गलत बयान देने पर राज्य शासन के मंत्री कुंवर विजय शाह से इस्तीफे के मांग की। कार्यशाला में आयोग की पूर्व राज्य अध्यक्ष सविता नामदार ने कहा कि नाबालिग को रीडिफाइन किया जाना चाहिए। आयु का निर्धारण सही उम्र, वजन, ऊंचाई, सेक्स, मस्तिष्क के आधार पर होनी चाहिए। बलात्कार को ाी रीडिफाइन करना होगा। इससे पहले महिलाओं के विरुद्ध हिंसा मामले में दिशा-निर्देश पर एक पुस्तक का विमोचन किया गया। कार्यशाला को महावीर शिक्षा समिति की अध्यक्ष प्रिया ठाकुर, आभा सिंह, आईजी महिला सेल सुषमा सिंह, मुंबई महिला कांग्रेस की अध्यक्ष गुरुप्रीत कौर चड्डा, दीप्ती सिंह आदि ने संबोधित किया।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें